Tue Nov 12 2024 15:12:10 GMT+0530 (India Standard Time)
This commit is contained in:
parent
d1f3dcd588
commit
61a6362e90
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\c 6 \v 1 \v 2 \v 3 1 तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? 2 कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए* तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? \v 3 क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
|
||||
\c 6 \v 1 तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? \v 2 कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए* तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? \v 3 क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
|
|
@ -0,0 +1 @@
|
|||
\v 4 इसलिए उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नये जीवन के अनुसार चाल चलें। \v 5 क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे।
|
|
@ -104,6 +104,7 @@
|
|||
"05-16",
|
||||
"05-18",
|
||||
"05-20",
|
||||
"06-title"
|
||||
"06-title",
|
||||
"06-01"
|
||||
]
|
||||
}
|
Loading…
Reference in New Issue