From 61a6362e9022e51b174f16b39c1a320b6f817a5a Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 12 Nov 2024 15:12:10 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 12 2024 15:12:10 GMT+0530 (India Standard Time) --- 06/01.txt | 2 +- 06/04.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 06/04.txt diff --git a/06/01.txt b/06/01.txt index 99ec743..02deaf4 100644 --- a/06/01.txt +++ b/06/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 6 \v 1 \v 2 \v 3 1 तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? 2 कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए* तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? \v 3 क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया? \ No newline at end of file +\c 6 \v 1 तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? \v 2 कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए* तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? \v 3 क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया? \ No newline at end of file diff --git a/06/04.txt b/06/04.txt new file mode 100644 index 0000000..281f279 --- /dev/null +++ b/06/04.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 4 इसलिए उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नये जीवन के अनुसार चाल चलें। \v 5 क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index befe7c1..43a7463 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -104,6 +104,7 @@ "05-16", "05-18", "05-20", - "06-title" + "06-title", + "06-01" ] } \ No newline at end of file