Thu Nov 07 2024 22:04:57 GMT+0530 (India Standard Time)
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dee299c166
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43aca3963f
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\v 3 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो* अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो, \v 4 और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र* को प्राप्त करना जाने। \v 5 और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं। \v 6 कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दाँव चलाए, क्योंकि प्रभु इस सब बातों का पलटा लेनेवाला है; जैसा कि हमने पहले तुम से कहा, और चिताया भी था। (भज. 94:1)
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"03-06",
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"03-08",
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"03-11",
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"04-01"
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"04-01",
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"04-03"
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