From 43aca3963ff2ee620daf799599e29786dcc5bf8b Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Thu, 7 Nov 2024 22:04:57 +0530 Subject: [PATCH] Thu Nov 07 2024 22:04:57 GMT+0530 (India Standard Time) --- 04/03.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 2 files changed, 3 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 04/03.txt diff --git a/04/03.txt b/04/03.txt new file mode 100644 index 0000000..ad5e529 --- /dev/null +++ b/04/03.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 3 क्योंकि परमेश्‍वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो* अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो, \v 4 और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र* को प्राप्त करना जाने। \v 5 और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्‍वर को नहीं जानतीं। \v 6 कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दाँव चलाए, क्योंकि प्रभु इस सब बातों का पलटा लेनेवाला है; जैसा कि हमने पहले तुम से कहा, और चिताया भी था। (भज. 94:1) \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c0c7e28..6d39fb5 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -54,6 +54,7 @@ "03-06", "03-08", "03-11", - "04-01" + "04-01", + "04-03" ] } \ No newline at end of file