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21:1u8u1पौलुस के समय से पूर्व परमेश्वर ने किस माध्यम से सुसमाचार की प्रतिज्ञा की थी?परमेश्वर ने पवित्र धर्मशास्त्र में अपने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा सुसमाचार की पूर्व प्रतिज्ञा की थी।
31:3wan1शरीर के अनुसार परमेश्वर का पुत्र किसके वंशजों में जन्मा था?शरीर के अनुसार परमेश्वर का पुत्र दाऊद के वंशजों में जन्मा था।
41:4r8ftकिस घटना के द्वारा मसीह यीशु को परमेश्वर का पुत्र घोषित किया गया था?मसीह यीशु पुनरुत्थान के द्वारा परमेश्वर का पुत्र कहलाया।
51:5ewjrपौलुस ने मसीह से अनुग्रह और प्रेरिताई किस उद्देश्य के निमित्त प्राप्त की थी?सब जातियों में आज्ञाकारिता और विश्वास के लिए पौलुस को अनुग्रह और प्रेरिताई मिली।
61:8x3uoरोम के विश्वासियों के बारे में पौलुस किस बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करता है?पौलुस परमेश्वर का धन्यवाद करता है कि उनके विश्वास की चर्चा संपूर्ण जगत में हो रही थी।
71:11xdndपौलुस रोम के विश्वासियों से क्यों भेंट करना चाहता था?पौलुस उनसे भेंट करने की कामना करता है कि वह उन्हें कोई आत्मिक वरदान दे जिससे वे स्थिर हो जाएं।
81:13mizdपौलुस अब तक रोम के विश्वासियों से भेंट क्यों नहीं कर पाया था?पौलुस उनसे भेंट नहीं कर पाया था क्योंकि उसके मार्ग में अब तक बाधाएं आ रही थीं।
91:16b8xiपौलुस सुसमाचार को क्या कहता है?पौलुस कहता है कि हर एक विश्वासी के लिए सुसमाचार उद्धार के निमित्त परमेश्वर का सामर्थ्य है।
101:18o19gपरमेश्वर का ज्ञान जानते हुए भी अभक्त और अधर्मी जन क्या करते हैं?अभक्त और अधर्मी सत्य को दबाए रहते हैं जबकि परमेश्वर का ज्ञान उनके मनों में प्रकट किया जा चुका है।
111:20f9rhपरमेश्वर के बारे में अप्रत्यक्ष बातें कैसे सृष्टि से स्पष्ट प्रकट हैं?परमेश्वर के बारे में अप्रत्यक्ष बातें सृजित वस्तुओं से स्पष्ट प्रकट है। परमेश्वर का अनन्त सामर्थ्य और उसका दिव्य स्वभाव स्पष्ट प्रकट है।
121:21d4yjजो परमेश्वर का महिमान्वन नहीं करते और न धन्यवाद देते हैं उनके विचारों और मन का क्या होता है?जो परमेश्वर का महिमान्वन नहीं करते और न ही उसका धन्यवाद करते हैं, अपने विचारों में मूर्ख बनते हैं और उनके मन अन्धकारपूर्ण होते हैं।
131:23tsk3परमेश्वर ऐसे मनुष्यों के साथ क्या करता है जो उसकी महिमा को नाशवान मनुष्यों और पशुओं की समानता में बदल देते है?परमेश्वर ने उन्हें अशुद्धता के लिए उनके मन की अभिलाषा के अनुसार छोड़ दिया कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
141:26ppglस्त्री और पुरुष किस निर्लज काम के लिए जलने लगे थे?स्त्रियां एक-दूसरे के लिए और पुरुष एक-दूसरे के लिए कामातुर होने लगे।
151:28o1ayपरमेश्वर ऐसे लोगों के साथ क्या करता है जो परमेश्वर को पहचानना नहीं चाहते हैं?परमेश्वर उन्हें उनके भ्रष्ट मन पर छोड़ दिया कि वे अनुचित काम करें।
161:29uay0जिनके मन भ्रष्ट हैं उनके कुछ लक्षण क्या हैं?जिनके मन भ्रष्ट हैं वे डाह, हत्या, झगड़े और छल और सब बुरी अभिलाषाओं से घिरे रहते हैं।
171:32u6tfभ्रष्ट मन वाले परमेश्वर की अनिवार्यता के बारे में क्या जानते हैं?जिनके मन भ्रष्ट हैं वे जानते हैं कि ऐसे काम करने वाले मृत्यु दण्ड के योग्य हैं। वे फिर भी अधर्म के काम करते हैं और ऐसे काम करने वालों को मान्यता प्रदान करते हैं।
182:1b15iकुछ लोग दोष लगाने में क्यों निरुत्तर हैं?दोष लगाने वाले निरुत्तर हैं क्योंकि वे जिस बात का दोष लगाते हैं उसी के वे भी दोषी हैं।
192:2xu8zअधर्म के काम करने वालों का न्याय परमेश्वर किस आधार पर करता है?परमेश्वर जब अधर्म के काम करने वालों का न्याय करता है तब वह सत्य के आधार पर ऐसा करता है।
202:4fncbपरमेश्वर का धीरज और भलाई का क्या उद्देश्य है?परमेश्वर का धीरज और उसकी भलाई मनुष्य के मन फिराने के उद्देश्य से है।
212:5i1t1परमेश्वर के प्रति कठोर और हठीला मन रखकर मनुष्य अपने लिए क्या कर रहा है?कठोर और हठीले मन वाले लोग परमेश्वर के धर्मी न्याय के दिन के लिए क्रोध कमा रहे हैं।
222:7lk61जिन्होंने लगातार अच्छे काम किए हैं उन्हें क्या मिलेगा?जो लगातार अच्छे काम करते हैं उन्हें अनन्त जीवन का दान मिलेगा।
232:8x8faअधर्म को मानने वालों का क्या होगा?जो अधर्म को मानते हैं उन पर क्रोध और कोप और क्लेश और संकट आ पड़ेगा।
242:12nmu7परमेश्वर यहूदी और यूनानी के मध्य निष्पक्षता कैसे दिखाता है?परमेश्वर पक्षपात नहीं करता है, यहूदी हो या यूनानी पाप करने वाला नष्ट ही होगा।
252:13blihपरमेश्वर के समक्ष कौन धर्मी ठहराया जाएगा?व्यवस्था पालन करने वाले परमेश्वर के सम्मुख धर्मी ठहराए जाएंगे।
262:14ioltअन्य जाति मनुष्य कैसे दिखाता है कि व्यवस्था की अनिवार्यताएं उसके मन में लिखी हैं?अन्य जाति व्यवस्था की बातों को पूरा करके दिखाते है कि व्यवस्था की अनिवार्यताएं उसके मन में लिखी हैं।
272:17g57tपौलुस व्यवस्था पालन यहूदियों को क्या चुनौती देता है जब वे अन्यों को व्यवस्था की शिक्षा देते हैं?पौलुस उन्हें चुनौती देता है कि जब वे किसी को व्यवस्था सिखाते हैं तो वे स्वयं को भी सिखाएं।
282:21mngmपौलुस कौन-कौन से पापों का उल्लेख करता है जिनका त्याग यहूदी शिक्षकों को करना आवश्यक है?पौलुस चोरी और व्यभिचार और मन्दिर लूटने के पापों का उल्लेख करता है।
292:23wu87व्यवस्था के यहूदी शिक्षकों द्वारा अन्य जातियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा क्यों हो रही है?परमेश्वर के नाम की निन्दा होती है क्योंकि व्यवस्था के यहूदी शिक्षक व्यवस्था का उल्लंघन करते हैं।
302:25yceuकिसी यहूदी का खतना पौलुस के विचार में खतनारहित कैसे हो जाता है?पौलुस कहता है कि यदि कोई यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन करे तो उसका खतना खतनारहित हो सकता है।
312:26r7jqपौलुस के विचार में किसी खतनारहित मनुष्य को खतनाधारी कैसे कहा जा सकता है?पौलुस कहता है कि अन्य जाति मनुष्य को खतनाधारी माना जा सकता है यदि वह व्यवस्था की अनिवार्यताओं को पूरा करता है।
322:28z64tपौलुस सच्चा यहूदी किसे कहता है?पौलुस कहता है कि एक सच्चा यहूदी मन से यहूदी होता है, उसके मन का खतना होता है।
332:29qmqkसच्चा यहूदी किससे प्रशंसा पाता है?एक सच्चा यहूदी परमेश्वर से प्रशंसा पाता है।
343:1m81fयहूदियों के सौभाग्यों में सबसे पहले क्या है?यहूदियों के सौभाग्यों में सबसे पहला है, उन्हें परमेश्वर का प्रकाशन सौंपा गया है।
353:4uv3hसब झूठे हैं और परमेश्वर क्या पाया गया है?यद्यपि हर एक मनुष्य झूठा है, परमेश्वर सच्चा है।
363:5l9izपरमेश्वर धर्मी होने के कारण किसके योग्य है?क्योंकि परमेश्वर धर्मी है, वह संसार का न्याय करने योग्य है।
373:9flsbधर्मशास्त्र में यहूदी और यूनानी सबकी धार्मिकता के बारे में क्या लिखा है?लिखा है, कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
383:11kslzधर्मशास्त्र के लेख के अनुसार कौन समझदार है और कौन परमेश्वर को खोजता है?जो लिखा है उसके अनुसार कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
393:20zmz1व्यवस्था के कामों से किसका न्याय होगा?व्यवस्था के कामों से कोई धर्मी नहीं ठहरेगा। पाप का बोध व्यवस्था से होता है।
403:21intbअब व्यवस्थारहित धार्मिकता किसके द्वारा प्रकट हुई है?व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की गवाही द्वारा व्यवस्थारहित धार्मिकता प्रकट हुई है।
413:22h0nkव्यवस्थारहित धार्मिकता कौन सी है जो प्रकट की गई है?व्यवस्थारहित धार्मिकता मसीह में विश्वास के द्वारा सब विश्वासियों के लिए परमेश्वर की धार्मिकता है।
423:24uo3fमनुष्य परमेश्वर के समक्ष धर्मी कैसे ठहरता है?मनुष्य मसीह यीशु में निहित उद्धार के द्वारा परमेश्वर के सम्मुख उसके अनुग्रह से निर्मोल धर्मी ठहरता है।
433:25yrpjपरमेश्वर ने मसीह यीशु को किस उद्देश्य के निमित्त भेजा?परमेश्वर ने विश्वास के द्वारा मसीह के लहू के कारण प्रायश्चित्त ठहराया है।
443:26v8f3यीशु के द्वारा जो कुछ भी हुआ उससे परमेश्वर क्या दर्शाता है?परमेश्वर ने प्रकट किया कि वही है जो किसी को भी यीशु में विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराता है।
453:28tvq4धर्मी ठहराए जाने में व्यवस्था के कामों की क्या भूमिका है?मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है।
463:30f6v6परमेश्वर खतना वाले यहूदी और खतनारहित अन्य जाति को कैसे धर्मी ठहराता है?परमेश्वर दोनों को विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराता है।
473:31iykwहम विश्वास के द्वारा व्यवस्था का क्या करते हैं?हम विश्वास के द्वारा व्यवस्था को स्थिर करते हैं।
484:2gq2lअब्राहम के पास गर्व करने का क्या कारण होता?यदि अब्राहम कामों द्वारा धर्मी ठहरता तो उसके पास गर्व करने का कारण होता।
494:3fm7oपवित्र शास्त्र अब्राहम की धार्मिकता के बारे में क्या कहता है?पवित्र शास्त्र स्पष्ट कहता है कि अब्राहम ने परमेश्वर में विश्वास किया और वह उसके लिए धार्मिकता गिना गया।
504:5c69kपरमेश्वर कैसे लोगों को धर्मी ठहराता है?परमेश्वर अधर्मी को धर्मी ठहराता है।
514:6ugxwदाऊद के अनुसार मनुष्य किस रीति से परमेश्वर द्वारा धन्य हुआ?दाऊद कहता है कि धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म क्षमा हुए और धन्य है वह मनुष्य जिसे परमेश्वर पापी न ठहराए।
524:9z2e9अब्राहम को विश्वास द्वारा धर्मी ठहराया गया तो वह उसके खतने से पूर्व या बाद में था?अब्राहम के खतने से पूर्व वह विश्वास द्वारा धर्मी ठहराया गया था।
534:11z8n5अब्राहम किस समूह का पिता है?अब्राहम सब विश्वासियों का पिता है चाहे वे धर्मी खतना वाले हों या खतनारहित हों।
544:13mr18विश्वास की धार्मिकता द्वारा अब्राहम और उसके वंशजों से क्या प्रतिज्ञा की गई थी?अब्राहम और उसके वंशजों से प्रतिज्ञा की गई थी कि वे संसार के उत्तराधिकारी होंगे।
554:14zicmयदि अब्राहम से की गई प्रतिज्ञा व्यवस्था के कारण थी तो क्या बात सच होती?यदि प्रतिज्ञा व्यवस्था द्वारा आई थी तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी।
564:16d0g2विश्वास के कारण प्रतिज्ञा करने के क्या कारण हैं?प्रतिज्ञा विश्वास के कारण दी गई थी कि वह अनुग्रह के कारण हो वह सच हो।
574:17wvmzपौलुस कौन सी दो बातें कहता है कि परमेश्वर करता है?पौलुस कहता है कि परमेश्वर मृतकों में जान डालता है और जो नहीं है उसे अस्तित्व में लाता है।
584:18rtkbकौन सी बाहरी परिस्थितियों ने अब्राहम को परमेश्वर की प्रतिज्ञा में विश्वास करने से रोका कि वह जातियों का पिता होगा?जब परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी तब वह सौ वर्ष का था और सारा का गर्भ मरा हुआ था। अब्राहम परमेश्वर पर लगातार विश्वास करता रहा और अविश्वास में संकोच नहीं किया।
594:23k8axअब्राहम की यह बात किसके लिए लिखी गई थी?यह वचन अब्राहम ही के लिए नहीं परन्तु हमारे लिए भी लिखा गया है।
604:25y0j4हम क्या मानते हैं कि परमेश्वर ने हमारे लिए किया?हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने यीशु को मृतकों में से जिलाया, वह हमारे पापों के लिए पकड़वाया गया था और हमें धर्मी ठहराने के लिए जिलाया भी गया।
615:1cnezविश्वास के द्वारा धर्मी ठहराए जाने के कारण विश्वासियों को क्या प्राप्त है?क्योंकि विश्वासी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराए जाते हैं, प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर से उनका मेल है।
625:3tkezक्लेश कौन से तीन गुण उत्पन्न करते हैं?क्लेश, धीरज, खराई और आशा उत्पन्न होती है।
635:8wn8hपरमेश्वर हमारे लिए अपना प्रेम कैसे सिद्ध करता है?परमेश्वर हम पर अपना प्रेम इस रीति से प्रकट करता है कि हम जब पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिए मरा।
645:9apkdमसीह के लहू से धर्मी ठहराए जाकर हम किस बात से बचे हैं?मसीह के लहू द्वारा धर्मी ठहराए जाकर विश्वासी परमेश्वर के क्रोध से बचाए गए हैं।
655:10ccvrमसीह यीशु के द्वारा परमेश्वर से मेल करने से पूर्व अविश्वासियों का सम्बन्ध परमेश्वर के साथ कैसा है?मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल करवाने से पहले अविश्वासी परमेश्वर के बैरी है।
665:12m2xaएक मनुष्य के पाप के कारण क्या हुआ?एक मनुष्य के पाप करने के कारण पाप संसार में आ गया और पाप के द्वारा मृत्यु आई और मृत्यु सब लोगों में फैल गई।
675:14la8aवह एक मनुष्य कौन था जिसके द्वारा पाप संसार में आया?आदम वह एक मनुष्य था जिसके द्वारा पाप संसार में आया।
685:15a19jपरमेश्वर का वदान्य अनुग्रह आदम के अपराध से किस प्रकार भिन्न है?आदम के अपराध से बहुत लोग मरे परन्तु परमेश्वर को वदान्य अनुग्रह बहुतों पर बहुतायत से हुआ।
695:16he7tआदम के पाप का परिणाम क्या हुआ और परमेश्वर के वदान्य वरदान का परिणाम क्या हुआ?आदम के पाप के कारण दण्ड की आज्ञा हुई। परन्तु परमेश्वर के वरदान के कारण लोग धर्मी ठहरे।
705:17jm3cआदम के पाप का परिणाम क्या हुआ और परमेश्वर के वदान्य वरदान का परिणाम क्या हुआ?आदम के अपराध के कारण मृत्यु ने राज किया, परन्तु जो परमेश्वर के वदान्य को पाते हैं वे मसीह यीशु के जीवन के द्वारा राज्य करेंगे।
715:19bix9आदम के आज्ञा न मानने के कारण मनुष्यों का क्या हुआ था और मसीह की धार्मिकता के द्वारा बहुतों का क्या होगा?आदम की अवज्ञा के कारण अनेक जन पापी हुए परन्तु मसीह की आज्ञाकारिता के द्वारा अनेक जन धर्मी ठहराए जायेंगे।
725:20lik5व्यवस्था बीच में क्यों आई?व्यवस्था बीच में आ गई कि अपराध बहुत हो। परमेश्वर का अनुग्रह पाप से अधिक हुआ।
736:1y28xक्या विश्वासी पाप करते रहे कि परमेश्वर का अनुग्रह बहुत हो?कदापि नहीं।
746:3vfu9मसीह यीशु का बपतिस्मा लेने वाले ने वास्तव में किसमें बपतिस्मा लिया है?जिन्होंने मसीह का बपतिस्मा लिया है उन्होंने उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लिया है।
756:4pnroमसीह यीशु मृतकों में से जी उठा है तो विश्वासियों को क्या करना चाहिए?विश्वासियों को नये जीवन की चाल चलना है।
766:5jyjuविश्वासी बपतिस्में के द्वारा दो प्रकार से मसीह की समानता में हैं वे क्या है?विश्वासी मसीह की मृत्यु और पुनरूत्थान में मसीह के साथ एक होंगे।
776:6met9हमारे लिये क्या किया गया था कि हमें अब पाप के दास नहीं रहना है?हमारा पुराना मनुष्यत्व मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है कि हम आगे को पाप के बन्दी न रहें।
786:9zuulहम कैसे जानते हैं कि मसीह पर मृत्यु की प्रभुता नहीं है?हम जानते हैं कि मसीह पर मृत्यु की प्रभुता नहीं है क्योंकि मसीह मृत्तकों में से जी उठा है।
796:10p5vxमसीह कितनी बार मरा और कितने लोगों के लिए मरा?मसीह मरा तो एक ही बार मरा। विश्वासी स्वयं को पाप के लिए मरा हुआ समझे। विश्वासी परमेश्वर के लिए जी रहा है।
806:13uuhbविश्वासी अपनी देह के अंग किसके हाथ दे और क्यों?विश्वासी के लिए आवश्यक है वह अपने अंगों को धार्मिकता के साधन होने के लिए परमेश्वर के हाथों में दे दे।
816:14nkkiविश्वासी किसके अधीन है जिनसे वह पाप पर प्रभुता करता है?विश्वासी अनुग्रह के अधीन हैं जिससे वह पाप पर प्रभुता करता है।
826:16k30wजो मनुष्य स्वयं को पाप का दास होने के लिए दे देता है, उसका अन्त क्या होता है?जो मनुष्य स्वयं को पाप का दास होने के लिए दे देता है, उसका अन्त मृत्यु है। जो मनुष्य स्वयं को परमेश्वर का दास होने के लिए दे देता है उसका फल धार्मिकता है।
836:22z8a3परमेश्वर के दासों का फल क्या है?परमेश्वर के दास होने का फल पवित्रता है।
846:23x0m2पाप की मजदूरी क्या है?पाप की मजदूरी मृत्यु है। परमेश्वर का निर्मोल वरदान अनन्त जीवन है।
857:1qxttव्यवस्था कब तक मनुष्य पर प्रभुता करती है?मनुष्य जब तक जीवित रहता है उस पर व्यवस्था की प्रभुता रहती है।
867:2i1ofएक विवाहित स्त्री व्यवस्था के अनुसार कब तक अपने पति से बंधी होती है?एक विवाहित स्त्री पति की मृत्यु तक विवाह की व्यवस्था के अनुसार उससे बंधी है।
877:3tkzeविवाह की व्यवस्था से मुक्त होकर एक स्त्री क्या कर सकती है?जब वह विवाह की व्यवस्था से मुक्त हो गई तो पुनर्विवाह कर सकती है।
887:4hbcjविश्वासी व्यवस्था के लिए कैसे मर गए हैं?विश्वासी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिए मर गए हैं। व्यवस्था के लिए मर जाने से विश्वासी मसीह के साथ एक होते हैं।
897:7t668व्यवस्था का क्या कार्य है?व्यवस्था पाप का बोध करवाती है। व्यवस्था पवित्र है, आज्ञा पवित्र, धर्मी और अच्छी है।
907:8j4syपाप व्यवस्था की आज्ञाओं के द्वारा क्या करता है?व्यवस्था की आज्ञाओं के माध्यम से पाप मनुष्य में लालच उत्पन्न करता है।
917:13hcs3पौलुस के अनुसार पाप उसमें क्या करता है?पौलुस कहता है कि पाप व्यवस्था के माध्यम से उसमें मृत्यु लाता है।
927:16plm8व्यवस्था के साथ पौलुस को सहमत होने का कारण क्या है कि व्यवस्था भली है?जब पौलुस वह काम करता है जिसे वह करना नहीं चाहता तो मान लेता है कि व्यवस्था भली है।
937:17t1r8पौलुस जो काम नहीं करना चाहता उसका करवाने वाला कौन है?पौलुस में जो पाप है वह उससे अनिच्छा के काम करवाता है।
947:18k6hvपौलुस की देह में क्या है?पौलुस की देह में कुछ भी अच्छा नहीं है।
957:21n6ayपौलुस अपनी देह में एक सिद्धान्त को कार्य करता देखता है वह क्या है?पौलुस अपनी देह में एक सिद्धान्त देखता है, वह भले काम तो करना चाहता है परन्तु उसकी देह में केवल बुराई वास करती है।
967:23u670पौलुस अपनी अन्तरात्मा में और अपनी देह के अंगों में कौन सा सिद्धान्त प्रभावी देखता है?पौलुस को यह बोध होता है कि उसकी अन्तरात्मा परमेश्वर की व्यवस्था से प्रसन्न है परन्तु उसकी देह के अंग पाप के बन्दी बने हुए है।
977:25u954पौलुस को इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?पौलुस मसीह यीशु के द्वारा उसकी युक्ति के लिए परमेश्वर को धन्यवाद चढ़ाता है।
988:2ykrqपाप और मृत्यु की व्यवस्था से पौलुस को किसने मुक्ति दिलाई है?मसीह यीशु में जीवन की आत्मा के सिद्धान्त ने पौलुस को पाप और मृत्यु की व्यवस्था से मुक्ति दिला दी है।
998:3rrj9पाप और मृत्यु के सिद्धान्त से मुक्ति दिलाने में व्यवस्था अक्षम क्यों थी?व्यवस्था अक्षम थी क्योंकि देह के कारण वह दुर्बल थी।
1008:4zccwआत्मा के अनुसार चलने वाले किसमें मन लगाते हैं?जो आत्मा के अनुसार चलते हैं वे आत्मा की बातों में मन लगाते हैं।
1018:7wdwiदेह का परमेश्वर और व्यवस्था के साथ कैसा संबन्ध है?देह परमेश्वर की विरोधी है इसलिए वह व्यवस्था के अधीन नहीं हो सकती है।
1028:9ja30जो परमेश्वर के नहीं उनमें किस बात की कमी होती है?जो मनुष्य परमेश्वर के नहीं अन्तर्वासी मसीह की आत्मा से वंचित होते हैं।
1038:11v9gcपरमेश्वर विश्वासी की नश्वर देह को जीवन कैसे देता है?परमेश्वर विश्वासी में अन्तर्वासी अपनी आत्मा के द्वारा उसकी नश्वर देह को जीवन देता है।
1048:13oe7bपरमेश्वर के पुत्र जीवन के लिए कैसे चलाए जाते हैं?परमेश्वर के पुत्र परमेश्वर की आत्मा द्वारा चलाए जाते हैं।
1058:15bv0fविश्वासी परमेश्वर के परिवार का सदस्य कैसे होता है?विश्वासी परमेश्वर के परिवार में लेपालक है।
1068:17gmnaपरमेश्वर की सन्तान होने के कारण विश्वासियों को और क्या लाभ हैं?परमेश्वर की सन्तान होने के कारण विश्वासी परमेश्वर के उत्तराधिकारी वरन् मसीह के सह उत्तराधिकारी है। वर्तमान कष्टों को सहना आवश्यक है जिससे कि विश्वासी परमेश्वर के पुत्रों के प्रकट होने पर मसीह के साथ महिमान्वित हों।
1078:21siudवर्तमान में सृष्टि कैसे दासत्व में है?वर्तमान में सृष्टि विनाश के दासत्व में है। सृष्टि परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी।
1088:23rlp5विश्वासियों को देह के छुटकारे की कैसे प्रतीक्षा करना है?विश्वासियों को विश्वास और धीरज धर कर देह के छुटकारे की प्रतीक्षा करना है।
1098:26vuizपवित्र जनों की दुर्बलता में सहायता हेतु आत्मा स्वयं क्या करती है?आत्मा स्वयं ही परमेश्वर की इच्छा के अनुसार पवित्रजनों की ओर से मध्यस्थता करती है।
1108:28hzwiपरमेश्वर सब बातों को मिलाकर इससे प्रेम करनेवालों और उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए गए मनुष्यों के लिए कैसे क्या करती है?परमेश्वर अपने प्रेम करने वालों के लिए सब बातों को मिलाकर भलाई ही को उत्पन्न करता है अर्थात जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए गए हैं उनके लिए।
1118:29waqtपरमेश्वर ने जिन्हें पहले से जान लिया है उनके लिए क्या नियति ठहराई है?क्योंकि परमेश्वर ने जिन्हें पहले से जान लिया है उन्हें पहले से निश्चित भी कर लिया है कि वे उसके पुत्र के स्वरूप में हों।
1128:30mh9zपरमेश्वर ने जिन्हें पहले से निश्चित किया उनके लिए क्या किया है?जिन्हें उसने पहले से निश्चित कर लिया है उन्हें बुलाया और धर्मी ठहराया और महिमा दी है।
1138:32ztjvविश्वासी कैसे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें सब कुछ वदान्य देगा?विश्वासी जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें सब कुछ वदान्य देगा क्योंकि उसने विश्वासियों के लिए अपना निज पुत्र दे दिया है।
1148:34fhwpमसीह यीशु परमेश्वर की दाहिनी ओर उपस्थित होकर क्या करता है?मसीह परमेश्वर की दाहिनी ओर उपस्थित पवित्र जनों के लिए मध्यस्था करता है।
1158:35zqdkविश्वासी सताव क्लेश, या मृत्यु पर भी जयवन्त से बढ़कर कैसे हैं?विश्वासी उसके द्वारा जो उनसे प्रेम करता है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
1168:39ep0gपौलुस को किस बात का विश्वास है कि सृजित वस्तु नहीं कर सकती?पौलुस को पूर्ण विश्वास है कि कोई भी सृजित वस्तु विश्वासी को परमेश्वर के प्रेम से अलग नहीं कर सकती।
1179:1ftriपौलुस को मन में शोक और अविराम दुःख क्यों है?पौलुस को शरीर के भाव से अपने भाइयों, इस्राएलियों के लिए शोक और दुःख है।
1189:6n9meसब इस्राएलियों और अब्राहम के वंशजों के साथ कौन सी एक बात सच नहीं है?पौलुस कहता है कि इस्राएल में हर एक जन परमेश्वर का नहीं है और अब्राहम के वंशज उसकी सच्ची सन्तान नहीं है।
1199:8d3scपरमेश्वर की सन्तान में कौन नहीं गिने जाते हैं?शरीर से उत्पन्न परमेश्वर की सन्तान नहीं गिनी जाती है। प्रतिज्ञा की सन्तान को परमेश्वर की सन्तान गिना जाता है।
1209:14hg1gपरमेश्वर की दया और अनुकंपा के वरदान का कारण क्या है?परमेश्वर की दया और उसकी अनुकंपा के वरदान का कारण उसका चुनाव है।
1219:16lh8pपरमेश्वर की दया और अनुकंपा में निहित कारण क्या नहीं है?परमेश्वर की दया और अनुकंपा के वरदान में निहित कारण वरदान प्राप्त करनेवालों की इच्छा और कार्य नहीं हैं।
1229:22nfggपरमेश्वर ने विनाश के लिए तैयार किए गए मनुष्यों के साथ क्या किया?परमेश्वर ने विनाश के लिए तैयार किए गए मनुष्यों को अत्यधिक धीरज धर कर सहन किया है।
1239:23di4eजो महिमा के लिए तैयार किए गए हैं उनके साथ परमेश्वर ने क्या किया है?परमेश्वर ने उन पर अपनी महिमा का धन प्रकट किया है।
1249:24g389परमेश्वर ने अपनी दया के पात्रों को कौन से मनुष्यों में से बुलाया है?परमेश्वर ने यहूदियों और अन्य जातियों दोनों में से उनको बुलाया है जिन पर उसकी दया है।
1259:27mhgxइस्राएल की सन्तानों में से कितने बचे रहेंगे?इस्राएल की सन्तानों में से कुछ शेष जन बचे रहेंगे।
1269:30yrn2अन्यजाति जो धार्मिकता की खोज नहीं करते थे धार्मिकता कैसे प्राप्त की?अन्यजातियों ने विश्वास के द्वारा धार्मिकता से उसे प्राप्त किया।
1279:31oh9aधार्मिकता की व्यवस्था का पालन करने पर भी इस्राएलियों को धार्मिकता प्राप्त क्यों नहीं हुई?इस्राएली धार्मिकता प्राप्त नहीं कर पाए क्योंकि उन्होंने विश्वास से नहीं कर्मों से धार्मिकता की खोज की।
1289:32gjtwइस्राएलियों ने किससे ठोकर खाई थी?इस्राएलियों ने ठोकर खाने के पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान से ठोकर खाई थी।
1299:33qwqzजो ठोकर नहीं खाते, विश्वास करते हैं उनका क्या होगा?जो ठोकर नहीं खाते, विश्वास करते है लज्जित नहीं होंगे।
13010:1wzatपौलुस के मन में अपने भाइयों, इस्राएलियों, के लिए क्या इच्छा थी?पौलुस इस्राएलियों के उद्धार की इच्छा रखता था।
13110:3yflfइस्राएली किसका यत्न करते थे?इस्राएली अपनी धार्मिकता स्थापित करने का यत्न करते थे। इस्राएली परमेश्वर की धार्मिकता से अनजान हैं।
13210:4rlfhमसीह ने व्यवस्था के क्षेत्र में क्या किया है?मसीह सब विश्वासियों के लिए धार्मिकता की व्यवस्था की पूर्ति है।
13310:8zotuपौलुस जिस विश्वास के वचन का प्रचार करता था वह कहां है?विश्वास का वचन निकट है, मुंह और मन में है।
13410:9ygqmमनुष्य के उद्धार के लिए पौलुस क्या कहता है?पौलुस कहता है कि मनुष्य अपने मुंह से मसीह को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन में विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मृतकों में से जिलाया है।
13510:13e3waमनुष्य कैसे उद्धार पायेगा?मसीह का नाम लेने वाला हर एक जन उद्धार पायेगा।
13610:14dghjपौलुस मनुष्य तक सुसमाचार पहुंचाने के चरणों की कौन सी श्रृंखला बताता है कि मनुष्य प्रभु का नाम ले?पौलुस कहता है पहले प्रचारक भेजा जाता है तब सुसमाचार सुना जाता है और उस पर विश्वास किया जाता है जिससे कि मनुष्य मसीह का नाम लेता है।
13710:17pfskविश्वास उत्पन्न करने के लिए क्या सुना जाता है?मसीह का वचन सुना जाता है और विश्वास उत्पन्न करता है।
13810:18vmvjक्या इस्राएल ने सुसमाचार सुना और जाना था?हां, इस्राएल ने सुसमाचार सुना था और जानते थे।
13910:19pcu7परमेश्वर ने इस्राएल को रिस दिलाने के लिए अपने किस काम की चर्चा की थी?परमेश्वर ने कहा कि वह उन लोगों पर प्रकट होकर इस्राएल को रिस दिलाएगा जो उसे पूछते भी नहीं थे।
14010:21l24nजब परमेश्वर ने इस्राएल की ओर हाथ फैलाये तो क्या पाया?परमेश्वर ने इस्राएल की ओर हाथ फैलाए तो देखा कि वह आज्ञा न मानने वाली और हठीली प्रजा है।
14111:1yllmतो क्या परमेश्वर ने इस्राएल को त्याग दिया है?कदापि नहीं।
14211:5r4irक्या पौलुस कहता है कि विश्वासी इस्राएली बचे हैं, और यदि हैं तो वे सुरक्षित कैसे किए गए हैं?पौलुस कहता है कि इस्राएल के परमेश्वर के शेष जन है, जो अनुग्रह के चुनाव से सुरक्षित किए जाते हैं।
14311:7phinइस्राएलियों में किसका उद्धार हुआ और शेष का क्या हुआ?इस्राएलियों में जो चुने गए थे उनका उद्धार हो गया शेष जन कठोर हो गए।
14411:8qnb0परमेश्वर द्वारा उन्हें नींद में रखने का परिणाम सुसमाचार ग्रहण करने वालों का क्या हुआ?नींद के कारण उनकी आंखें देख नहीं पाई और उनके कान सुन नहीं पाए।
14511:11pky1इस्राएल ने सुसमाचार ग्रहण करने से इन्कार किया तो उससे क्या भलाई उत्पन्न हुई?अन्य जातियों का उद्धार हुआ। अन्य जातियों का उद्धार इस्राएलियों के मन में ईर्ष्या उत्पन्न करेगा।
14611:13wbj2पौलुस द्वारा जैतून के वृक्ष की जड़े और जंगली डालियों की उपमा में जड़ कौन है और डालियां कौन है?इस्राएल जड़ है और अन्य जातियां डालियां हैं।
14711:18sq61पौलुस कहता है कि जंगली डालियों को किस स्वभाव से बचना है?पौलुस कहता है कि जंगली डालियां को उन प्राकृतिक डालियों के विरुद्ध घमण्ड नहीं करना है।
14811:20t2leपौलुस जंगली डालियों को क्या चेतावनी देता है?पौलुस जंगली डालियों को चेतावनी देता है कि परमेश्वर ने अविश्वास के लिए स्वाभाविक डालियों को नहीं छोड़ा तो वह जंगली डालियों को भी नहीं छोड़ेगा।
14911:23l3bsस्वभाविक डालियां यदि अविश्वास में न रहें तो परमेश्वर उनके साथ क्या कर सकता है?परमेश्वर उन स्वभाविक डालियों को अविश्वास में नहीं रहें पुनः जैतून के वृक्ष में रोपित कर सकता है।
15011:25xy84इस्राएल का एक भाग कब तक कठोर बना रहेगा?इस्राएल का एक भाग कब तक कठोर बना रहेगा जब तक अन्य जातियां इसी रीति से प्रवेश कर लें।
15111:28zz40उनकी अवज्ञा के उपरान्त भी परमेश्वर इस्राएल से क्यों अब तक प्रेम करता है?परमेश्वर इस्राएलियों को प्रेम अब भी करता है, उनके पूर्वजों के कारण क्योंकि वह बदलता नहीं।
15211:30fthkपरमेश्वर ने यहूदी और इस्राएली दोनों ही को क्या कहा है?यहूदी और अन्य जाति दोनों ही ने आज्ञा नहीं मानी है। परमेश्वर ने यहूदी और अन्य जाति दोनों ही के अवज्ञाकारियों पर दया की है।
15311:33g8ilपरमेश्वर के निर्णयों को समझने और उसे परामर्श देने का काम क्या कोई कर सकता है?परमेश्वर के निर्णयों को कौन समझ सकता है और कौन उसे परामर्श दे सकता है?
15411:36pwslकैसे तीन रूपों में सब कुछ परमेश्वर से संबन्धित है?सब कुछ उसी की ओर से, उसी के द्वारा और उसी के लिए है।
15512:1wrz9विश्वासी के लिए परमेश्वर को चढ़ाने वाला बलिदान क्या है?विश्वासी की आत्मिक सेवा है कि वह परमेश्वर को स्वयं का जीवित बलिदान चढ़ाए।
15612:2ows8विश्वासी में नया मन उसे किस योग्य बनाता है?मन नया हो जाने से विश्वासी परमेश्वर की भली, भावती और सिद्ध इच्छा अनुभव से ज्ञात कर लेते हैं।
15712:3mrsrविश्वासी स्वयं को क्या न समझे?विश्वासी को जैसा स्वयं को समझना है उससे बढ़कर वह स्वयं को न समझे।
15812:4l3tiविश्वासी मसीह में एक दूसरे से कैसे संबन्धित हैं?विश्वासी सब मसीह में एक देह हैं और व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे के सदस्य हैं।
15912:6pp1zहर एक विश्वासी परमेश्वर प्रदत्त वरदान का क्या करे?प्रत्येक विश्वासी को विश्वास के परिमाण के अनुसार वरदानों का उपयोग करना है।
16012:10lil5विश्वासी परस्पर कैसा व्यवहार करें?विश्वासी एक दूसरे से प्रेम रखें और एक दूसरे का सम्मान करें।
16112:13q045विश्वासियों को पवित्र जनों की आवश्यकताओं के लिए क्या करना चाहिए?विश्वासियों को पवित्र जनों की आवश्यकता में हाथ बंटाना चाहिए।
16212:14uukqविश्वासी अपने सताने वालों के लिए क्या करें?विश्वासी अपने सताने वालों को कोसे नहीं; आशीर्वाद दें।
16312:16hmi9विश्वासी दीनों के साथ कैसा व्यवहार करें?विश्वासी दीनों को ग्रहण करें।
16412:18kflhविश्वासी भरसक प्रयास करके क्या करें?यथासंभव सब मनुष्यों के साथ विश्वासी मेल रखें।
16512:19j2epविश्वासियों को बदला क्यों नहीं लेना चाहिए?विश्वासी बदला न लें क्योंकि बदला लेना परमेश्वर का काम है।
16612:21ihkpविश्वासी बुराई को कैसे जीतें?विश्वासी भलाई से बुराई को जीत लें।
16713:1uq6cसांसारिक अधिकारियों को अधिकार कहां से प्राप्त होता है?सांसारिक अधिकारी परमेश्वर की ओर से नियुक्त हैं।
16813:2t85zसांसारिक अधिकारियों का विरोध करने वालों को क्या मिलेगा?जो सांसारिक अधिकारियों का विरोध करते हैं वे दण्ड पायेंगे।
16913:3w011अधिकारियों से निर्भय रहने के लिए पौलुस विश्वासियों को क्या निर्देश देता है?पौलुस विश्वासियों से कहता है कि वे भलाई करें जिससे कि वे अधिकारियों से निर्भय रहें।
17013:4v8clपरमेश्वर ने बुराई का दमन करने के लिए शासकों को क्या अधिकार दिया है?परमेश्वर ने शासकों को तलवार उठाने का अधिकार दिया है कि बुरा करने वालों को क्रोध के अनुसार दण्ड दे।
17113:6l4vaपैसों के बारे में परमेश्वर ने शासकों को क्या अधिकार दिया है?परमेश्वर ने शासकों को कर वसूलने का अधिकार दिया है।
17213:8zylhवह एकमात्र ऋण क्या है जिसके अधीन विश्वासी रहें?पौलुस कहता है कि वे प्रेम के ऋणी बनें। विश्वासी अपने पड़ोसी से प्रेम करके व्यवस्था पूरी करता है।
17313:9ifffपौलुस कौन सी आज्ञाओं को व्यवस्था कहता है?पौलुस व्यभिचार न करना, हत्या न करना, लालच न करना व्यवस्था बताता है।
17413:12z181पौलुस विश्वासियों से क्या त्यागने और क्या अपनाने के लिए कहता है?पौलुस कहता है कि विश्वासी अन्धकार के काम त्याग कर ज्योति के हथियार बान्ध लें।
17513:13ydywविश्वासियों को कौन-कौन से काम नहीं करने हैं?विश्वासियों को लीला क्रीड़ा, पियक्कड़पन, व्यभिचार, लुचपन, झगड़े और डाह में न पड़ें।
17613:14eduzशरीर अभिलाषा के प्रति विश्वासी का व्यवहार कैसा हो?विश्वासी शारीरिक अभिलाषा को स्थान न दें।
17714:1sb67भोजन के बारे में मतभेद रखने वालो विश्वासियों का व्यवहार एक दूसरे के प्रति कैसा होना चाहिए?भोजन के बारे में मतभेद रखने वाले विश्वासी एक दूसरे का न्याय न करें।
17814:2sx04विश्वास में दृढ़ जन क्या खाता है और जो विश्वास में दृढ़ नहीं वह क्या खाता है?विश्वास में दृढ़ मनुष्य कुछ भी खा लेता है परन्तु जिसका विश्वास दृढ़ नहीं वह केवल सब्जियां खाता है।
17914:3eohmजो सब कुछ खाता है और जो केवल सब्जी खाता है उसे किसने ग्रहण किया है?परमेश्वर ने सब कुछ खाने वाले को और केवल सब्जी खाने वाले दोनों को ग्रहण किया है।
18014:5he7nऐसे और कौन से विषय हैं जिन्हें पौलुस व्यक्तिगत मान्यता कहता है?किसी दिन को दूसरे से बड़ा मानता या सब दिनों को बराबर मानना पौलुस के विचार में व्यक्तिगत विश्वास है।
18114:7dzjtविश्वासी किसके लिए जीते और किसके लिए मरते हैं?विश्वासी प्रभु के लिए जीते हैं और प्रभु के लिए मरते हैं।
18214:10wb67अन्त में सब विश्वासी कहां खड़े होंगे और उन्हें क्या करना होगा?अन्त में सब विश्वासी परमेश्वर के न्याय आसन के समक्ष खड़े होकर अपना-अपना लेखा देंगे।
18314:13lr72व्यक्तिगत मान्यता के कारण एक विश्वासी का व्यवहार दूसरे विश्वासी के साथ कैसा होना चाहिये?व्यक्तिगत मान्यताओं के कारण भाई किसी भाई के लिए ठोकर का कारण न बने या फन्दा न बने।
18414:14x8p9प्रभु यीशु में पौलुस का मानना है कि कौन सा भोजन अशुद्ध है?पौलुस का मानना है कि कोई भी भोजन अपने आप में अशुद्ध नहीं है।
18514:17c061परमेश्वर का राज्य क्या है?परमेश्वर का राज्य धर्म और मेल-मिलाप और वह आनंद है जो पवित्र आत्मा से होता है।
18614:21p7aaशाकाहारी या मदिरा पान नहीं करने वाले के समक्ष पौलुस विश्वासी को क्या परामर्श देता है?पौलुस का कहना है कि अन्य भाई के सामने मांस न खायें और मदिरा न पीये तो अच्छा है।
18714:23wvnzयदि कोई विश्वास के काम नहीं करता तो उसका परिणाम क्या है?विश्वास के काम नहीं करना पाप है।
18815:1zditविश्वास में दृढ़ भाई का व्यवहार विश्वास में दुर्बल भाई की ओर कैसा होना चाहिये?विश्वास में दृढ़ जन विश्वास में दुर्बल भाई को सह ले कि उसका निर्माण हो।
18915:3dr6mआत्म संतोष की अपेक्षा लोगों की सेवा करने के लिए पौलुस किसका उदाहरण देता है?मसीह स्वयं को प्रसन्न करने के लिए नहीं, लोगों की सेवा करने के लिए जीता था।
19015:4qb1pपूर्वकाल के पवित्र शास्त्र के लिखे जाने का एक उद्देश्य क्या था?जो पवित्र शास्त्र हमारे लिए पहले लिखे गये थे वे हमारे निर्देश के लिए थे।
19115:5jt6cपौलुस विश्वासियों से क्या चाहता है कि वे धीरज और पारस्परिक प्रोत्साहन के द्वारा करें?पौलुस की मनोकामना है कि विश्वासी आपस में एक मन रहें।
19215:10o1o2पवित्र शास्त्र क्या कहता है कि परमेश्वर की करूणा के कारण अन्य जाति क्या करेंगी?पवित्र शास्त्र कहता है कि अन्य जातियां आनन्द करेंगी और प्रभु की स्तुति करेंगी, उसमें विश्वास के साथ।
19315:13eoxwपौलुस क्या कहता है कि विश्वासी पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से करने योग्य होंगे।विश्वासी आनन्द और शान्ति से पूर्ण विश्वास में परिपूर्ण होंगे।
19415:16adsdपरमेश्वर ने पौलुस को क्या वरदान दिया जो उसका दूतकार्य था?पौलुस का दूतकार्य है, अन्य जातियों में भेजा गया मसीह यीशु का सेवक बने।
19515:18fgfoअन्य जातियों की आज्ञाकारिता के निमित्त मसीह ने पौलुस के माध्यम से कैसे काम किए?मसीह ने शब्दों एवं कार्यों द्वारा पौलुस के माध्यम से चिन्ह और चमत्कारों द्वारा, पवित्रआत्मा के सामर्थ्य ही काम किया है।
19615:20g7u9पौलुस सुसमाचार कहां सुनाना चाहता था?पौलुस वहां सुसमाचार सुनाना चाहता था जहां मसीह का नाम नहीं सुना था।
19715:24ayuqपौलुस कहां जाना चाहता था कि मार्ग में रोम में रूकें?पौलुस स्पेन की यात्रा की योजना बना रहा था कि मार्ग में रोम जा पाए।
19815:25fam6इस समय पौलुस यरूशलेम क्यों जा रहा था?पौलुस इस समय यरूशलेम जा रहा था कि वहां के पवित्र जनों के लिए अन्यजातियों द्वारा एकत्र किया गया दान उन्हें सौंप दे।
19915:27zd3yपौलुस क्यों कहता है कि अन्यजाति यहूदी विश्वासियों के भौतिक वस्तुओं के ऋणी हैं?अन्यजाति यहूदी विश्वासियों के भौतिक वस्तुओं में ऋणी हैं क्योंकि वे यहूदी विश्वासियों की आत्मिक बातों में सहभागी हुए हैं।
20015:31rdt7पौलुस किससे बचाया जाना चाहता था?पौलुस की मनोकामना है कि यहूदिया में वह अवज्ञाकारियों से बचाया जाए।
20116:1m157बहन फीबे पौलुस के लिए क्या थी?बहन फीबे पौलुस और अनेक अन्य विश्वासियों की सहायक रही है।
20216:4rflzप्रिस्का और अक्विला ने पूर्वकाल में पौलुस के लिए क्या किया था?प्रिस्का और अक्विला ने पहले पौलुस के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी।
20316:5jk64रोम में वह कौन सा एक स्थान था जहां विश्वासी एकत्र होते थे?रोम के विश्वासी प्रिस्का और अक्विला के घर में एकत्र होते थे।
20416:7rcm1अन्द्रुनीकुस और यूनियास ने पहले पौलुस के साथ कैसा अनुभव प्राप्त किया था?अन्द्रुनीकुस और यूनियास पूर्वकाल में पौलुस के साथ बन्दी बनाए गए थे।
20516:16iqy5विश्वासी एक दूसरे को कैसे नमस्कार करें?वे आपस में एक दूसरे को पवित्र चुम्बन से नमस्कार करें।
20616:17ojgnउनमें फूट डालने और ठोकर का कारण होने के लिए कुछ लोग क्या कर रहे थे?कुछ लोग शिक्षा के विपरीत चल रहे थे और सीधे-सादे मनवाले विश्वासियों को बहका रहे थे। पौलुस उन्हें निर्देश देता है कि वे फूट डालने वालों और ठोकर का कारण होने वालों से दूर रहें।
20716:19t0fzभलाई और बुराई के प्रति पौलुस के परामर्श में विश्वासियों का स्वभाव कैसा हो?पौलुस विश्वासियों को चेतावनी देता है कि वे भलाई के लिए बुद्धिमान और बुराई के लिए भोले बने रहें।
20816:20lezhशान्ति का परमेश्वर शीघ्र ही क्या करवायेगा?शान्ति का परमेश्वर शैतान को शीघ्र ही उनके पांवों से कुचलवा देगा।
20916:22b35gइस पत्र को वास्तव में किसने लिखा था?तिरतियुस इस पत्र का लेखक है।
21016:23jy6mविश्वासी इरास्तुस का क्या उत्तरदायित्व था?इरास्तुस उस कलीसिया का भण्डारी था।
21116:25nkp6जिस प्रकाशन को दीर्घकाल से गुप्त रखा गया था वह क्या है जिसका पौलुस प्रचार कर रहा था?पौलुस मसीह यीशु के सुसमाचार के प्रकाशन का प्रचार कर रहा है।
21216:26dzmiपौलुस के प्रचार करने का उद्देश्य क्या था?पौलुस अन्य जातियों में आज्ञा मानने के लिए प्रचार करता था।
2131:1-2v2r2पौलुस के समय से पहले परमेश्वर ने किस माध्यम से सुसमाचार की प्रतिज्ञा की थी?परमेश्वर ने पवित्रशास्त्र में अपने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा पहले ही सुसमाचार की प्रतिज्ञा कर दी थी।
2141:3bgxwशरीर के अनुसार, परमेश्वर का पुत्र किस वंश से उत्पन्न हुआ?शरीर के अनुसार, परमेश्वर का पुत्र दाऊद के वंश से उत्पन्न हुआ।
2151:4wcyaकिस घटना से यीशु मसीह को परमेश्वर का पुत्र घोषित किया गया?यीशु मसीह को मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा परमेश्वर का पुत्र घोषित किया गया।
2161:5ojj9पौलुस को मसीह से अनुग्रह और प्रेरिताई किस उद्देश्य के लिये मिली थी?यीशु मसीह को मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा परमेश्वर का पुत्र घोषित किया गया।
2171:8tl8vपौलुस रोम के विश्वासियों के विषय में किस बात के लिये परमेश्वर को धन्यवाद देता है? पौलुस परमेश्वर को धन्यवाद इसलिए देता है, क्योंकि उनके विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही थी।
2181:11kccqपौलुस रोम के विश्वासियों को देखने की इच्छा क्यों करता है?पौलुस उन्हें कुछ आत्मिक वरदान देकर उन्हें मजबूत बनाने के लिये उन्हें देखने की इच्छा करता है।
2191:13m3ajपौलुस अब तक रोम के विश्वासियों से मिलने क्यों नहीं आ पाया था? पौलुस अब तक रोम के विश्वासियों से मिलने इसलिए नहीं आ पाया था क्योंकि उसे अब तक रोका गया था।
2201:16brj1पौलुस के कहे अनुसार सुसमाचार क्या है?पौलुस कहता है कि सुसमाचार हर एक विश्वास करने वाले के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ्य है।
2211:17qpkdधर्मी लोग कैसे जीवन बिताएँगे, इस विषय में पौलुस ने कौन-सा पवित्रशास्त्र उद्धृत किया है?पौलुस ने यह पवित्रशास्त्र उद्धृत किया कि, “धर्मी विश्वास से जीवित रहेगा।”
2221:18-19smxuभक्तिहीन और अधर्मी लोग क्या करते हैं, भले ही परमेश्वर के विषय में जो ज्ञात है वह उनके सामने प्रत्यक्ष है?भक्तिहीन और अधर्मी लोग सत्य को रोके रखते हैं, भले ही परमेश्वर के विषय में जो ज्ञात है वह उनके सामने प्रत्यक्ष है।
2231:20m0f7परमेश्वर के विषय में अदृश्य बातें कैसे स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं?परमेश्वर के विषय में अदृश्य बातें रची गईं वस्तुओं के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं।
2241:20ugjuपरमेश्वर की कौन सी विशेषताएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं?परमेश्वर की अनन्त सामर्थ्य और अलौकिक स्वभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
2251:21r8i9उन लोगों के विचारों और हृदयों का क्या होता है जो परमेश्वर की महिमा नहीं करते और धन्यवाद नहीं देते?जो लोग परमेश्वर की महिमा नहीं करते और धन्यवाद नहीं देते, उनके विचार मूर्ख बन जाते हैं और उनके हृदय अंधकारमय हो जाते हैं ।
2261:24c9c3जो लोग परमेश्वर की महिमा को नाशवान मनुष्यों और पशुओं की छवियों से बदल डालते हैं, उनके साथ परमेश्वर क्या करता है?परमेश्वर उन्हें उनके हृदयों की अभिलाषाओं पर अशुद्धता के लिये छोड़ देता है, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
2271:26-27f9b7ये स्त्री और पुरुष किस अनादर की लालसा में कामातुर होकर जलते हैं?स्त्रियाँ एक दूसरे के लिये कामातुर होकर जलती हैं, और पुरुष एक दूसरे के लिये कामातुर होकर जलते हैं।
2281:28ox10जो लोग परमेश्वर को अपनी जागरुकता में रखना पसंद नहीं करते, उनके साथ परमेश्वर क्या करता है?परमेश्वर उन्हें अस्वीकृत मन पर छोड़ देता है, कि ऐसे काम करें जो उचित नहीं हैं।
2291:29y57zउन लोगों की कुछ विशेषताएँ क्या हैं जिनके मन भ्रष्ट हैं?जिनके मन भ्रष्ट हैं वे ईर्ष्या, हत्या, झगड़े, छल और बुरी मंशाओं से भरपूर हैं।
2301:32yjx3जो लोग भ्रष्ट मन के हैं, वे परमेश्वर की अपेक्षाओं के विषय में क्या समझते हैं?जो लोग भ्रष्ट मन के हैं, वे समझते हैं कि जो लोग ऐसे काम करते हैं, वे ममार डाले जाने के योग्य हैं।
2311:32ydsbयद्यपि भ्रष्ट मन वाले लोग परमेश्वर की अपेक्षाओं को समझते हैं, फिर भी वे क्या करते हैं?वे फिर भी अधर्म के काम करते हैं, और उनका अभ्यास करने वाले लोगों को सहमति भी देते हैं।
2322:1a6ixकुछ लोगों के पास अपने न्याय में कोई बहाना क्यों नहीं है? कुछ लोगों के पास अपने न्याय में कोई बहाना इसलिए नहीं है क्योंकि जिस बात का न्याय वे दूसरों में करते हैं, उन्हीं कामों का अभ्यास स्वयं भी करते हैं।
2332:2qwm1जब परमेश्वर अधर्म का अभ्यास करने वालों का न्याय करता है तो वह कैसे न्याय करता है?जब परमेश्वर अधर्म का अभ्यास करने वालों का न्याय करता है तो वह सत्य के अनुसार न्याय करता है।
2342:4crpoपरमेश्वर के धीरज, दया और भलाई का उद्देश्य क्या है?एक व्यक्ति को पश्चाताप की ओर ले जाना ही परमेश्वर के धीरज, दया और भलाई का उद्देश्य है।
2352:5ot67परमेश्वर के प्रति जिन लोगों के हृदय कठोर और पश्चातापरहित हैं, वे अपने लिये क्या संचय कर रहे हैं?परमेश्वर के प्रति जिन लोगों के हृदय कठोर और पश्चातापरहित हैं, वे परमेश्वर के धर्मी न्याय के दिन अपने लिये क्रोध का संचय कर रहे हैं।
2362:7go2lजिन लोगों ने निरन्तर भले काम किए हैं, उन्हें क्या मिलता है?जिन लोगों ने निरन्तर भले काम किए हैं, उन्हें अनन्त जीवन मिलेगा।
2372:8-9cvrbअधर्म के आज्ञाकारी लोगों को क्या मिलता है?अधर्म के आज्ञाकारी लोगों को क्रोध और कोप मिलता है।
2382:12czsuपरमेश्वर यहूदी और यूनानी के बीच न्याय करते समय पक्षपात क्यों नहीं करता? परमेश्वर पक्षपात इसलिए नहीं करता, क्योंकि जो कोई पाप करे, चाहे वह यहूदी हो या यूनानी, नाश हो जाएगा।
2392:13yca7परमेश्वर के सामने कौन धर्मी ठहरता है?व्यवस्था पर चलनेवाले परमेश्वर के सामने धर्मी ठहरते हैं।
2402:14auhmअन्यजाति कैसे दिखाते हैं कि वे जो करते हैं, वे अपने लिये व्यवस्था हैं?जब अन्यजाति स्वभाव से ही व्यवस्था के कामों को करते हैं तो वे दिखाते हैं कि वे अपने लिये व्यवस्था हैं,।
2412:21niceअच्छा पौलुस उन यहूदियों को क्या चुनौती देता है जो व्यवस्था पर भरोसा रखते हैं और दूसरों को शिक्षा देते हैं? पौलुस उन्हें चुनौती देता है कि यदि वे दूसरों को व्यवस्था की शिक्षा देते हैं, तो उन्हें अपने आप को भी वही सिखाना चाहिए।
2422:21-22l1viपौलुस ने कौन से पापों का उल्लेख किया है जिन्हें करना व्यवस्था के यहूदी शिक्षकों को बंद कर देना चाहिए?पौलुस ने चोरी करना, व्यभिचार करना और मंदिरों को लूटने के पापों का उल्लेख किया है।
2432:23-24nwj5व्यवस्था के यहूदी शिक्षकों के कारण अन्यजातियों में परमेश्वर के नाम का अनादर क्यों होता है? व्यवस्था के यहूदी शिक्षकों के द्वारा व्यवस्था का उल्लंघन किए जाने के कारण परमेश्वर के नाम का अनादर होता है।
2442:25jtc8पौलुस के कहे अनुसार एक यहूदी व्यक्ति का खतना, खतनारहित में कैसे बदल सकता है?पौलुस कहता है कि एक यहूदी व्यक्ति का खतना, खतनारहित में बदल सकता है यदि वह व्यक्ति व्यवस्था का उल्लंघन करता है।
2452:26i1qtपौलुस के कहे अनुसार एक अन्यजाति व्यक्ति के खतनारहित होने को खतना कैसे माना जा सकता है? पौलुस कहता है कि एक अन्यजाति व्यक्ति के खतनारहित होने को खतना माना जा सकता है यदि वह व्यक्ति व्यवस्था की आवश्यकताओं का पालन करता है।
2462:28-29d4hsपौलुस के कहे अनुसार सच्चा यहूदी कौन है? पौलुस कहता है कि सच्चा यहूदी वही है जो हृदय के खतने के साथ, भीतर से यहूदी है है।
2472:29yig8सच्चा यहूदी किस से प्रशंसा पाता है? सच्चा यहूदी परमेश्वर से प्रशंसा पाता है।
2483:1-2tz4bयहूदियों के लाभों में सबसे पहला लाभ क्या है? यहूदियों के लाभों में सबसे पहला लाभ यह है कि उन्हें परमेश्वर की ओर से प्रकाशन सौंपा गया था।
2493:4lt9gयद्यपि हर एक मनुष्य झूठा है, परन्तु परमेश्वर क्या है?यद्यपि हर एक मनुष्य झूठा है, परन्तु परमेश्वर सच्चा है?
2503:5-6h2zhक्योंकि परमेश्वर धर्मी है, इसलिए वह क्या करने में सक्षम है? क्योंकि परमेश्वर धर्मी है, इसलिए वह जगत का न्याय करने में सक्षम है।
2513:8zlq7उन पर क्या आ पड़ेगा जो कहते हैं, “आओ हम बुरे काम करें ताकि अच्छी बातें सामने आएँ”?उन पर न्याय आ पड़ेगा जो कहते हैं, “आओ हम बुरे काम करें ताकि अच्छी बातें सामने आएँ”।
2523:9-10qzgoपवित्रशास्त्र में सब अर्थात् यहूदी और यूनानी दोनों की धार्मिकता के विषय में क्या लिखा है?ऐसा लिखा है कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
2533:11zsw1जो लिखा है उसके अनुसार, परमेश्वर को कौन समझता है और कौन उसे खोजता है? जो लिखा है उसके अनुसार, परमेश्वर को कोई नहीं समझता और उसे खोजने वाला कोई नहीं है।
2543:20ka9sव्यवस्था के कामों से कौन धर्मी ठहराया जाएगा?कोई भी प्राणी व्यवस्था के कामों से धर्मी नहीं ठहराया जाएगा।
2553:20o51bव्यवस्था के माध्यम से क्या आता है?व्यवस्था के माध्यम से पाप के प्रति पूर्ण जागरूकता आती है।
2563:21vv6qकिनकी गवाहियों के द्वारा व्यवस्था से अलग धार्मिकता अब प्रकट हुई है? व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की गवाहियों के द्वारा व्यवस्था से अलग धार्मिकता अब प्रकट हुई है?
2573:22ac1fव्यवस्था से अलग वह धार्मिकता क्या है जो अब प्रकट हुई है? व्यवस्था से अलग वह धार्मिकता, परमेश्वर की धार्मिकता है, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने के माध्यम से सब विश्वास करने वालों के लिये है ।
2583:24moo6एक व्यक्ति को परमेश्वर के सामने कैसे धर्मी ठहराया जाता है? एक व्यक्ति को उस छुटकारे के माध्यम से, जो मसीह यीशु में है, सेंत-मेंत में परमेश्वर के सामने उसके अनुग्रह के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है।
2593:25ioe3परमेश्वर ने मसीह यीशु को किस उद्देश्य के लिये दिया? परमेश्वर ने मसीह यीशु को उसके लहू में विश्वास के द्वारा प्रायश्चित्त के के रूप में दिया।
2603:26de32यीशु मसीह के द्वारा जो कुछ हुआ, उससे परमेश्वर ने क्या प्रकट किया? परमेश्वर ने प्रकट किया कि वही है जो यीशु पर विश्वास करने के कारण किसी को भी धर्मी ठहराता है।
2613:28rwo3धर्मी ठहराए जाने में व्यवस्था के कामों की क्या भूमिका है?एक व्यक्ति व्यवस्था के कामों से पूर्णरूप से अलग होकर विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है।
2623:30r6hjपरमेश्वर खतना किए हुए यहूदी और खतनारहित यूनानी को किस रीति से धर्मी ठहराता है? परमेश्वर विश्वास के द्वारा दोनों को धर्मी ठहराता है ।
2633:31zdbgहम विश्वास के द्वारा व्यवस्था के साथ क्या करते हैं? हम विश्वास के द्वारा व्यवस्था को बनाए रखते हैं।
2644:2c4xsअब्राहम को घमण्ड करने का क्या कारण मिला होता? यदि अब्राहम अपने कामों से धर्मी ठहराया गया होता तो उसके पास घमण्ड करने का कारण होता ।
2654:3zoreजिस प्रकार अब्राहम को धर्मी ठहराया गया, इस विषय में पवित्रशास्त्र क्या कहता है? पवित्रशास्त्र कहता है कि अब्राहम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया।
2664:5gfjhपरमेश्वर किस प्रकार के लोगों को धर्मी ठहराता है? परमेश्वर उस पर भरोसा रखने वाले लोगों को धर्मी ठहराता है।
2674:6-8uy7zदाऊद के अनुसार, किस तरह से एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से धन्य है? दाऊद के अनुसार, वह मनुष्य धन्य है जिसके पाप क्षमा हुए हैं और जिसके पाप परमेश्वर के द्वारा गिने नहीं गए हैं।
2684:9-10tdfkक्या अब्राहम का विश्वास खतना होने से पहले धार्मिकता के रूप में गिना गया था या बाद में? अब्राहम का विश्वास खतना होने से पहले धार्मिकता के रूप में गिना गया था।
2694:11-12shkfअब्राहम कौन से जनसमूहों का पिता है? अब्राहम उन सब का पिता है जो विश्वास करते हैं, जो शारीरिक रूप से खतनारहित और खतना वाले दोनों हैं।
2704:13dgvzविश्वास की धार्मिकता के माध्यम से अब्राहम और उसके वंश को क्या प्रतिज्ञा की गई थी? अब्राहम और उसके वंश से यह प्रतिज्ञा की गई थी कि वे इस जगत के वारिस होंगे।
2714:14d8eyयदि अब्राहम से की गई प्रतिज्ञा व्यवस्था के द्वारा आई होती, तो कौन सी बात सच होती?यदि वह प्रतिज्ञा व्यवस्था के द्वारा आई होती, तो विश्वास खाली होता, और प्रतिज्ञा सत्य नहीं होती।
2724:16yeamकिन कारणों से प्रतिज्ञा विश्वास से दी गई है?प्रतिज्ञा विश्वास से इसलिए दी गई है, ताकि यह अनुग्रह से हो, और ताकि यह निश्चित हो ।
2734:17eyf8पौलुस के कहे अनुसार परमेश्वर कौन से दो कार्य करता है? पौलुस कहता है कि परमेश्वर मरे हुओं को जीवन देता है और जो वस्तुएँ अस्तित्व में ही नहीं हैं, उनको ऐसे पुकारता है कि जैसे वे अस्तित्व में हैं।
2744:18ok8aइन बाहरी परिस्थितियों के बावजूद अब्राहम ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर कैसे प्रतिक्रिया दी?अब्राहम ने आत्मविश्वास के साथ परमेश्वर पर भरोसा किया और अविश्वास में संकोच नहीं किया।
2754:18-19x409किन बाहरी परिस्थितियों ने अब्राहम के लिये परमेश्वर की इस प्रतिज्ञा पर विश्वास करना कठिन बना दिया कि वह कई राष्ट्रों का पिता होगा? जब परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की, उस समय अब्राहम लगभग सौ वर्ष की आयु का था और सारा का गर्भ मर चुका था।
2764:20uf6vइन बाहरी परिस्थितियों के बावजूद अब्राहम ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा के प्रति कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की?अब्राहम ने आत्मविश्वास के साथ परमेश्वर पर भरोसा किया और अविश्वास में संकोच नहीं किया।
2774:23-24va1qअब्राहम का वृत्तांत किसके लिये लिखा गया था?अब्राहम का वृत्तांत उसके लाभ के लिये और हमारे लाभ के लिये भी लिखा गया था।
2784:25ededहम क्या विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने हमारे लिये क्या किया है? हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया है, जो हमारे पापों के लिये सौंप दिया गया था और हमारे धर्मी ठहराए जाने के लिये जिलाया गया था।
2795:1nkg7क्योंकि विश्वास करने वाले विश्वास से धर्मी ठहरते हैं इसलिए उन्हें क्या प्राप्त होता है,? क्योंकि विश्वास करने वाले विश्वास से धर्मी ठहरते हैं इसलिए उन्हें प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ शान्ति प्राप्त होती है।
2805:3-4tlb6क्लेश से कौन सी तीन बातें उत्पन्न होती हैं? क्लेश से धीरज, चरित्र और आशा उत्पन्न होती है।
2815:8kvohपरमेश्वर हमारे प्रति अपने प्रेम को कैसे प्रकट करता है? परमेश्वर हमारे प्रति अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
2825:9yg2mमसीह के लहू के द्वारा धर्मी ठहराए जाने पर, विश्वासी लोग किस बात से बचाए गए? मसीह के लहू के द्वारा धर्मी ठहराए जाने पर, विश्वासी लोग परमेश्वर के क्रोध से बचाए गए।
2835:10s0gqयीशु के द्वारा परमेश्वर से मेल-मिलाप करने से पहले अविश्वासियों का परमेश्वर के साथ क्या सम्बन्ध होता है?यीशु के द्वारा परमेश्वर से मेल-मिलाप करने से पहले अविश्वासी परमेश्वर के बैरी होते हैं।
2845:12bapwएक मनुष्य के पाप के कारण क्या हुआ था?एक मनुष्य के पाप के कारण, पाप ने जगत में प्रवेश किया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई।
2855:14t15jवह कौन मनुष्य था जिसके द्वारा पाप ने जगत में प्रवेश किया था? आदम वह मनुष्य था जिसके द्वारा पाप ने जगत में प्रवेश किया था।
2865:15ih3rपरमेश्वर का नि:शुल्क वरदान आदम के पापों से किस प्रकार अलग है?आदम के पाप से बहुत लोग मर गए, परन्तु परमेश्वर का अनुग्रह और मसीह के द्वारा उसका नि:शुल्क वरदान बहुतों पर बहुतायत से होता है।
2875:16x9dzआदम के पाप से क्या परिणाम प्राप्त हुआ, और परमेश्वर के नि:शुल्क वरदान से क्या परिणाम प्राप्त हुआ? आदम के पाप से दण्ड देने वाला न्याय हुआ, परन्तु परमेश्वर के नि:शुल्क वरदान से धर्मी ठहराया जाना हुआ।
2885:17pg7vआदम के पाप से किसने शासन किया, और परमेश्वर के धार्मिकता के वरदान के माध्यम से किसने शासन किया?आदम के पाप से मृत्यु ने शासन किया, और जो लोग परमेश्वर का वरदान प्राप्त करते हैं वे यीशु मसीह के जीवन के माध्यम से शासन करते हैं।
2895:19hf3oआदम की अनाज्ञाकारिता के माध्यम से बहुत से लोग क्या बना दिए गए, और मसीह की आज्ञाकारिता के माध्यम से बहुत से लोग क्या बना दिए गए?आदम की अनाज्ञाकारिता के माध्यम से बहुत से लोग पापी बना दिए गए, और मसीह की आज्ञाकारिता के माध्यम से बहुत से लोग धर्मी बना दिए गए।
2905:20xtxtव्यवस्था क्यों आई थी?व्यवस्था इसलिए आई थी कि अपराध बढ़ जाए।
2915:20ptbvअपराध से कहीं अधिक बढ़कर क्या हुआ?परमेश्वर का अनुग्रह अपराध से कहीं अधिक बढ़कर हुआ।
2926:1-2suqvक्या विश्वासियों को पाप में बने रहना चाहिए ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़े? ऐसा कभी न हो।
2936:3gpbhजिन लोगों ने मसीह यीशु में बपतिस्मा लिया, उन्होंने किसका बपतिस्मा लिया?जिन लोगों ने मसीह यीशु में बपतिस्मा लिया, उन्होंने मसीह की मृत्यु का बपतिस्मा लिया।
2946:4j4u7चूँकि मसीह मरे हुओं में से जी उठा है इसलिए विश्वासियों को क्या करना चाहिए?विश्वासियों को नये जीवन की सी चाल चलनी चाहिए।
2956:5kx8wकिन दो तरीकों से विश्वासी बपतिस्मे के द्वारा मसीह के साथ एकजुट होते हैं? विश्वासी मसीह के साथ उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा एकजुट होते हैं।
2966:6c4o3हमारे लिये क्या किया गया था ताकि हम आगे को पाप के दास न रहें?हमारा पुराना मनुष्यत्व मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया कि हम आगे को पाप के दास न रहें।
2976:9j52cहम कैसे जानते हैं कि मृत्यु अब मसीह पर शासन नहीं करती? हम जानते हैं कि मृत्यु अब मसीह पर शासन नहीं करती क्योंकि मसीह मरे हुओं में से जी उठा है।
2986:10kqm6मसीह कितनी बार पाप के लिये मरा, और वह कितने लोगों के लिये मरा?मसीह एक ही बार सभी के लिये पाप के लिये मर गया।
2996:10-11rg4pएक विश्वासी को पाप के सम्बन्ध में अपने आप को कैसा मानना चाहिए?एक विश्वासी को अपने आप को पाप के प्रति मरा हुआ मानना चाहिए।
3006:10-11q75dएक विश्वासी किसके लिये अपना जीवन बिताता है? एक विश्वासी परमेश्वर के लिये अपना जीवन बिताता है।
3016:13qnh7एक विश्वासी को अपने शरीर के अंगों को किसे और किस उद्देश्य के लिये प्रस्तुत करना चाहिए? एक विश्वासी को अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता के हथियार के रूप में परमेश्वर को प्रस्तुत करना चाहिए।
3026:14k73dएक विश्वासी किसके अधीन रहता है, जो उसे पाप पर प्रभुता करने की अनुमति देता है? एक विश्वासी अनुग्रह के अधीन रहता है, जो उसे पाप पर प्रभुता करने की अनुमति देता है।
3036:18-19oa07जो व्यक्ति स्वयं को परमेश्वर का सेवक बनाता है, उसका अंतिम परिणाम क्या है?जो व्यक्ति स्वयं को परमेश्वर का सेवक बनाता है, उसका अंतिम परिणाम धार्मिकता है।
3046:22ke18परमेश्वर के दासों को उनका फल किस उद्देश्य के लिये मिलता है? परमेश्वर के दासों को उनका फल पवित्रता के लिये मिलता है।
3056:23egefपाप की मजदूरी क्या है?पाप की मजदूरी तो मृत्यु है।
3066:23dpsiपरमेश्वर का नि:शुल्क वरदान क्या है? परमेश्वर का नि:शुल्क वरदान अनन्त जीवन है।
3077:1wp4cव्यवस्था एक व्यक्ति को कब तक नियंत्रित करती है?व्यवस्था एक व्यक्ति को तब तक नियंत्रित करती है जब तक वह जीवित रहता है।
3087:2cvc0एक विवाहित स्त्री विवाह की व्यवस्था से कब तक बंधी रहती है? एक विवाहित स्त्री विवाह की व्यवस्था से तब तक बंधी रहती है जब तक उसके पति की मृत्यु नहीं हो जाती।
3097:3wzvbएक बार विवाह की व्यवस्था से स्वतंत्र हो जाने पर, एक स्त्री क्या कर सकती है? एक बार विवाह की व्यवस्था से स्वतंत्र हो जाने पर, वह स्त्री दूसरे पुरुष से विवाह कर सकती है।
3107:4vo3tविश्वासी लोग व्यवस्था के लिये मरे हुए कैसे ठहराए जाते हैं? विश्वासी लोग मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए ठहराए जाते हैं ।
3117:4eqzlव्यवस्था के लिये मरे हुए होकर, विश्वासी लोग क्या करने में सक्षम होते हैं?व्यवस्था के लिये मरे हुए होकर, विश्वासी लोग मसीह के साथ जुड़ने में सक्षम होते हैं।
3127:7yx5rव्यवस्था क्या काम करती है? व्यवस्था पाप को प्रकट करती है।
3137:7aunjक्या व्यवस्था पाप है? नहीं, व्यवस्था पाप नहीं है।
3147:8s9wjव्यवस्था की आज्ञा के माध्यम से पाप क्या करता है? व्यवस्था की आज्ञा के माध्यम से पाप मनुष्य में हर प्रकार की अभिलाषा उत्पन्न करता है।
3157:12m46iक्या व्यवस्था पवित्र है?व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा भी पवित्र, धर्मी और भली है।
3167:13hy1aपौलुस के कहे अनुसार पाप ने उसके साथ क्या किया था?पौलुस कहता है कि व्यवस्था के माध्यम से, पाप ने उसके भीतर मृत्यु उत्पन्न की।
3177:16wd54किस कारण से पौलुस व्यवस्था की इस बात से सहमत होता है कि व्यवस्था भली है?जब पौलुस वह करता है जो वह नहीं चाहता, तब वह व्यवस्था की इस बात से सहमत होता है कि व्यवस्था भली है।
3187:17cqgaजिन कामों को पौलुस करता है, परन्तु उन्हें करने की इच्छा नहीं रखता, कौन सी बात उसे उन कामों को करने के लिये विवश करती है?पौलुस में बसा हुआ पाप उसे उन कामों को करने के लिये विवश करता है, जिन्हें करने की वह इच्छा नहीं रखता।
3197:21cvl3पौलुस स्वयं में कौन से सिद्धांत को काम करता हुआ पाता है?पौलुस को स्वयं में यह सिद्धांत मिला कि वह भलाई करना चाहता है, परन्तु वास्तव में उसमें बुराई उपस्थित है।
3207:22ediwपौलुस के भीतरी मनुष्यत्व की परमेश्वर की व्यवस्था के प्रति क्या मनोवृत्ति है?पौलुस का भीतरी मनुष्यत्व परमेश्वर की व्यवस्था में आनन्दित रहता है।
3217:23ri2cपौलुस अपने शरीर के अंगों में कौन से सिद्धान्त को सक्रिय पाता है?पौलुस अपने शरीर के अंगों में उसे बन्दी बनाने वाले पाप के सिद्धान्त को पाता है।
3227:25bebtपौलुस को उसके मृत्यु की शरीर से कौन छुड़ाएगा? पौलुस यीशु मसीह के माध्यम से अपने छुटकारे के लिये परमेश्वर को धन्यवाद देता है।
3238:2hu33किस बात ने पौलुस को पाप और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र किया? मसीह यीशु में जीवन की आत्मा के सिद्धांत ने पौलुस को पाप और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र किया।
3248:3a3o8व्यवस्था लोगों को पाप और मृत्यु की सिद्धांत से स्वतंत्र करने में सक्षम क्यों नहीं हुई?व्यवस्था इसलिए असमर्थ थी, क्योंकि वह शरीर के माध्यम से निर्बल थी।
3258:4-5vua0जो आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे किस बात पर अपने मन लगाते हैं? जो आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे आत्मा की बातों पर अपने मन लगाते हैं।
3268:7vccbपरमेश्वर और व्यवस्था से शरीर का क्या सम्बन्ध है? शरीर की परमेश्वर के प्रति शत्रुता है, और वह व्यवस्था के अधीन रहने में सक्षम नहीं है।
3278:9j9wyजो लोग परमेश्वर के नहीं हैं उनमें क्या कमी है?जो लोग परमेश्वर के नहीं हैं उनमें मसीह के आत्मा का वास नहीं है।
3288:11aq1aपरमेश्वर विश्वासी के मरणहार शरीर को जीवन कैसे देता है?परमेश्वर विश्वासी में वास करने वाले अपने आत्मा के माध्यम से, विश्वासी के मरणहार शरीर को जीवन देता है।
3298:14p8d2परमेश्वर के पुत्रों का जीवन किस प्रकार संचालित होता है? परमेश्वर के पुत्र परमेश्वर की आत्मा के द्वारा संचालित होते हैं।
3308:15r8v2एक विश्वासी को परमेश्वर के परिवार में कैसे शामिल किया जाता है? एक विश्वासी को गोद लिये जाने के द्वारा परमेश्वर के परिवार में शामिल किया जाता है ।
3318:17b5a5परमेश्वर की सन्तान होने के रूप में, विश्वासियों को परमेश्वर के परिवार में और क्या लाभ मिलता है?परमेश्वर की सन्तान होने के रूप में, विश्वासी लोग परमेश्वर के वारिस और मसीह के साथ संगी वारिस भी हैं।
3328:18-19zkeeवर्तमान समय के दु:खों को विश्वासियों को क्यों सह लेना चाहिए? वर्तमान समय के दु:खों को इसलिए सह लेना चाहिए ताकि जब परमेश्वर के पुत्र प्रकट हों, तो विश्वासी लोग मसीह के साथ महिमा पाएँ।
3338:21v7zyवर्तमान समय में सृष्टि किस प्रकार के दासत्व में है? वर्तमान समय में सृष्टि क्षय के दासत्व में है।
3348:21lzqeसृष्टि किसे सौंपी जाएगी? सृष्टि परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता में सौंपी जाएगी।
3358:23-25pbsnविश्वासियों को शरीर के छुटकारे के लिये कैसे प्रतीक्षा करनी चाहिए? विश्वासियों को शरीर के छुटकारे के लिये आत्म-विश्वास और धीरज के साथ प्रतीक्षा करनी चाहिए।
3368:26-27wz0zपवित्र लोगों की निर्बलता में आत्मा आप ही क्या सहायता करता है? परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आत्मा आप ही पवित्र लोगों के लिये मध्यस्थता करता है।
3378:28adpwजो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिये परमेश्वर सब बातों को एक साथ मिलाकर कैसे कार्य करता है?जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिये परमेश्वर सब बातों को एक साथ मिलाकर भलाई के लिये कार्य करता है।
3388:29izeiपरमेश्वर ने उन लोगों के लिये पहले से ही क्या भाग्य निर्धारित किया हुआ था जिन्हें उसने पहले से जान लिया था? परमेश्वर ने उन लोगों को पहले से ही निर्धारित किया हुआ था जिन्हें उसने पहले से जान लिया था कि वे उसके पुत्र के स्वरूप के अनुरूप हों।
3398:30udr3जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ही निर्धारित किया हुआ था, उनके लिये उसने और क्या किया था?जिन्हें उसने पहले से ही निर्धारित किया हुआ था, उन्हें परमेश्वर ने बुलाया, धर्मी ठहराया और महिमा दी।
3408:32rt5nविश्वासी लोग कैसे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें सब कुछ सेंत-मेंत में देगा? विश्वासी लोग जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें सब कुछ सेंत-मेंत में इसलिए देगा क्योंकि परमेश्वर ने सभी विश्वासियों के निमित्त अपने निज पुत्र को दे दिया था।
3418:34f2lcमसीह यीशु परमेश्वर के दाहिने हाथ पर क्या कर रहा है? मसीह यीशु परमेश्वर के दाहिने हाथ पर पवित्र लोगों की ओर से मध्यस्थता कर रहा है ।
3428:37vvm5विश्वासी किस रीति से क्लेश, उत्पीड़न, और मृत्यु पर विजेता से भी बढ़कर हैं?विश्वासी उसके माध्यम से जिसने उनसे प्रेम किया, विजेता से भी बढ़कर हैं।
3438:39zv7cपौलुस किस बात पर आश्वस्त है जो कोई भी रची गई वस्तु विश्वासी के साथ नहीं कर सकती।पौलुस इस बात पर आश्वस्त है कि कोई भी रची गई वस्तु विश्वासी को परमेश्वर के प्रेम से अलग नहीं कर सकती।
3449:3i7emपौलुस शरीर के अनुसार अपने भाइयों अर्थात् इस्राएलियों के निमित्त क्या करने का इच्छुक था?पौलुस अपने भाइयों के निमित्त परमेश्वर के द्वारा शापित होने का इच्छुक था।
3459:4pec5इतिहास में इस्राएलियों के पास क्या है?इस्राएलियों के पास गोद लिया जाना, महिमा, वाचाएँ, व्यवस्था, परमेश्वर की आराधना और प्रतिज्ञाएँ हैं।
3469:6-7tb4jपौलुस के कहे अनुसार सब इस्राएली लोगों और अब्राहम के सब वंशजों के बारे में कौन सी बात सत्य नहीं है? पौलुस कहता है कि इस्राएल में रहने वाले सब लोग वास्तव में इस्राएली नहीं हैं, और अब्राहम के सब वंशज वास्तव में उसकी सन्तान नहीं हैं।
3479:8rknuकिसे परमेश्वर की सन्तान के रूप में नहीं गिना गया? शरीर की सन्तानों को परमेश्वर की सन्तान के रूप में नहीं गिना गया।
3489:8zjuuकिसे परमेश्वर की सन्तान के रूप में गिना गया? प्रतिज्ञा की सन्तानों को परमेश्वर की सन्तान के रूप में गिना गया।
3499:10-12oya8रिबका के बच्चों के जन्म से पहले उससे कहे गए इस कथन के पीछे क्या कारण था, “जेठा छोटे का दास होगा”? रिबका से कहे गए इस कथन के पीछे का कारण चुनाव के अनुसार परमेश्वर का उद्देश्य था।
3509:14-16z0qtपरमेश्वर की दया और करुणा के वरदानों के पीछे का कारण क्या है? परमेश्वर की दया और करुणा के वरदानों के पीछे का कारण परमेश्वर का चुनाव है।
3519:16xjjmपरमेश्वर की दया और करुणा के वरदानों के पीछे का कारण क्या नहीं है? परमेश्वर की दया और करुणा के वरदानों के पीछे का कारण उन वरदानों को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की इच्छा या कार्य नहीं है।
3529:20sazdपौलुस उन लोगों को क्या उत्तर देता है जो यह प्रश्न करते हैं कि क्या परमेश्वर इसलिए धर्मी है क्योंकि वह मनुष्यों में दोष ढूँढ़ता है? पौलुस उत्तर देता है, “तू कौन है जो परमेश्वर के विरुद्ध उत्तर देता है?“
3539:22c0rrपरमेश्वर ने विनाश के लिये तैयार किए गए लोगों के साथ क्या किया? परमेश्वर ने विनाश के लिये तैयार किए गए लोगों को बड़े धीरज के साथ सहन किया।
3549:23syu3परमेश्वर ने महिमा के लिये तैयार किए गए लोगों के साथ क्या किया? परमेश्वर ने अपनी महिमा का धन उन पर प्रकट किया।
3559:24ydddपरमेश्वर ने जिन लोगों पर दया की है, उन्हें उसने किन जातियों में से बुलाया है? परमेश्वर ने जिन लोगों पर दया की है, उन्हें उसने यहूदियों और अन्यजातियों दोनों में से बुलाया है।
3569:27wn4aइस्राएल की सब सन्तानों में से कितनों को बचाया जाएगा? इस्राएल की सब सन्तानों में से उनको बचाया जाएगा जो शेष रह गए हैं।
3579:30zj7yजो अन्यजाति धार्मिकता की खोज में नहीं थे, उन्होंने उसे कैसे प्राप्त किया?अन्यजातियों ने इसे विश्वास के द्वारा धार्मिकता से प्राप्त किया।
3589:32q2jeयद्यपि इस्राएल धार्मिकता की व्यवस्था का पालन कर रहा था, तौभी वह उस तक क्यों नहीं पहुँच पाया?इस्राएल उस तक इसलिए नहीं पहुँच पाया क्योंकि उन्होंने उसका पालन विश्वास से नहीं, बल्कि कर्मों से किया।
3599:32-33opddइस्राएलियों ने किससे ठोकर खाई थी?इस्राएलियों ने ठोकर के पत्थर और ठेस लगाने की चट्टान से ठोकर खाई।
3609:33zcgkउन लोगों के साथ क्या होता है जो ठोकर नहीं खाते, बल्कि विश्वास करते हैं?जो लोग ठोकर नहीं खाते, बल्कि विश्वास करते हैं, वे लज्जित नहीं होंगे।
36110:1mzdiअपने भाइयों, अर्थात् इस्राएलियों के लिये पौलुस की क्या इच्छा है? पौलुस की इच्छा है कि इस्राएलियों का उद्धार हो।
36210:3fy6oइस्राएली लोग क्या स्थापित करने की खोज में हैं?इस्राएली लोग स्वयं की धार्मिकता स्थापित करने की खोज में हैं।
36310:3e58gइस्राएली लोग किस विषय में नहीं जानते?इस्राएली लोग परमेश्वर की धार्मिकता के विषय में नहीं जानते।
36410:4mr01व्यवस्था के सम्बन्ध में मसीह ने क्या किया है? मसीह हर एक विश्वास करने वाले के लिये धार्मिकता के निमित्त व्यवस्था की परिपूर्णता है।
36510:8il0aजिस विश्वास के वचन की पौलुस घोषणा करता है वह कहाँ है?विश्वास का वह वचन निकट है, अर्थात् मुँह में और हृदय में है।
36610:9vlldपौलुस के कहे अनुसार एक व्यक्ति उद्धार पाने के लिये क्या करता है? पौलुस कहता है कि एक व्यक्ति को मुँह से अंगीर करना होगा कि यीशु प्रभु है और अपने हृदय में विश्वास करना होगा कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया।
36710:13y2g1हर एक व्यक्ति कौन सा काम करने से बचाए जाएँगे?जो कोई प्रभु का नाम पुकारेगा, वे सब बचाए जाएँगे।
36810:14-15bs88पौलुस के कहे अनुसार चरणों की वह श्रृंखला कौन सी है जो एक व्यक्ति तक सुसमाचार पहुँचाती है, ताकि वह प्रभु का नाम पुकार सके? पौलुस कहता है कि पहले एक प्रचारक को भेजा जाता है और सुसमाचार को सुनकर उस पर विश्वास किया जाता है, ताकि एक व्यक्ति प्रभु का नाम पुकार सके।
36910:17tj0fक्या सुनने से विश्वास उत्पन्न होता है? मसीह का वचन सुनने से विश्वास उत्पन्न होता है।
37010:18xncsक्या इस्राएल ने सुसमाचार सुना था?हाँ, इस्राएल ने सुसमाचार सुना था।
37110:19aotxपरमेश्वर के कहे अनुसार वह इस्राएल को ईर्ष्या के लिये कैसे उकसाएगा? परमेश्वर ने कहा कि वह एक ऐसी जाति को प्रकट करके इस्राएल को ईर्ष्या के लिये उकसाएगा, जो उसे नहीं जानती थी।
37210:21wg5sजब परमेश्वर ने इस्राएल की ओर हाथ फैलाया तो उसे क्या मिला? जब परमेश्वर ने इस्राएल की ओर हाथ फैलाया तो उसे अनाज्ञाकारी और प्रतिरोधी लोग मिले।
37311:1gp1gफिर क्या परमेश्वर ने इस्राएलियों को अस्वीकार कर दिया है?ऐसा कदापि न हो!
37411:5fsciक्या पौलुस ऐसा कहता है कि क्या कोई विश्वासयोग्य इस्राएली शेष बचे हुए हैं, और यदि ऐसा है, तो उन्हें कैसे बचाया गया है? पौलुस कहता है कि कुछ लोग शेष बचे हुए हैं जिन्हें अनुग्रह के चुनाव के कारण बचाया गया है।
37511:7a17sइस्राएलियों में से किसे उद्धार मिला, और बाकी लोगों का क्या हुआ?इस्राएलियों में से चुने हुए लोगों को उद्धार मिला, और बाकी लोग कठोर हो गए।
37611:8m6xrपरमेश्वर के द्वारा दी गई सुस्ती की आत्मा ने उन लोगों के साथ क्या किया, जिन्होंने उसे प्राप्त किया था? सुस्ती की आत्मा ने उनकी आँखों को देखने में असक्षम और कानों को सुनने में असक्षम कर दिया।
37711:11fyawइस्राएल के सुसमाचार को ग्रहण करने से इन्कार करने से कौन सी भलाई हुई? अन्यजातियों को उद्धार मिल गया।
37811:11fihgअन्यजातियों के उद्धार का इस्राएलियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अन्यजातियों के उद्धार से इस्राएलियों को ईर्ष्या के लिये उकसाया जाएगा।
37911:13-17b66bजैतून के पेड़ की जड़ और जंगली डालियों के पौलुस के सादृश्य में, जड़ कौन है और जंगली डालियाँ कौन हैं? जड़ इस्राएल है, और जंगली डालियाँ अन्यजाति हैं।
38011:18fdj5पौलुस के कहे अनुसार जंगली डालियों को किस मनोवृत्ति से बचना चाहिए?पौलुस कहता है कि जंगली डालियों को उन स्वाभाविक डालियों पर घमण्ड करने की मनोवृत्ति से बचना चाहिए जो तोड़ दी गई थीं।
38111:20-21ddnbपौलुस जंगली डालियों को क्या चेतावनी देता है? पौलुस जंगली डालियों को चेतावनी दी कि यदि वे अविश्वास में पड़ गए तो जैसे परमेश्वर ने स्वाभाविक डालियों को नहीं छोड़ा, वैसे ही वह जंगली डालियों को भी नहीं छोड़ेगा।
38211:23-24qhjmयदि स्वाभाविक डालियाँ अपने अविश्वास में बनी नहीं रहतीं, तो परमेश्वर उनके साथ क्या कर सकता है?परमेश्वर जैतून के पेड़ में उन स्वाभाविक डालियों को फिर से साट सकता है जो अपने अविश्वास में बनी नहीं रहतीं।
38311:25e0tdइस्राएल की आंशिक कठोरता कब तक बनी रहेगी? इस्राएल की आंशिक कठोरता तब तक बनी रहेगी जब तक कि अन्यजातियों की परिपूर्णता न आ जाए।
38411:28-29k79iअपनी अनाज्ञाकारिता के बावजूद, इस्राएली लोग परमेश्वर के प्रिय क्यों बने रहे? पूर्वजों के कारण और क्योंकि परमेश्वर की बुलाहट अपरिवर्तनीय है इसलिए इस्राएली लोग परमेश्वर के प्रिय बने रहे।
38511:30-32borwयहूदी और अन्यजाति दोनों पर परमेश्वर के द्वारा क्या होना प्रकट किया गया है?यहूदी और अन्यजाति दोनों पर परमेश्वर के द्वारा अनाज्ञाकारी होना प्रकट किया गया है।
38611:30-32rwzhपरमेश्वर ने अनाज्ञाकारी पर क्या प्रकट किया है? परमेश्वर ने यहूदी और अन्यजाति दोनों में से अनाज्ञाकारी पर दया दिखाई है।
38711:33-34hdrdपरमेश्वर के न्याय की खोज करने और उसे सलाह देने में कौन सक्षम है? कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के न्याय की खोज नहीं कर सकता और उसे सलाह नहीं दे सकता।
38811:36ae8vवे तीन तरीके कौन से हैं जिनसे परमेश्वर से सम्बन्धित होती हैं? सब वस्तुएँ परमेश्वर की ओर से, परमेश्वर के माध्यम से, और परमेश्वर के लिये हैं।
38912:1o7kaपरमेश्वर के लिये एक विश्वासी की आत्मिक सेवा क्या है? परमेश्वर के लिये स्वयं को जीवित बलिदान के रूप में प्रस्तुत करना एक विश्वासी की आत्मिक सेवा है।
39012:2b26eएक विश्वासी का परिवर्तित मन उसे क्या करने में सक्षम बनाता है? एक विश्वासी का परिवर्तित मन उसे यह जानने में सक्षम बनाता है कि परमेश्वर की भली, स्वीकार्य और सिद्ध इच्छा क्या है।
39112:3bp7wएक विश्वासी को अपने विषय में कैसा नहीं सोचना चाहिए? एक विश्वासी को अपने विषय में उससे अधिक बढ़कर नहीं सोचना चाहिए जितना उसे सोचने की आवश्नायकता है।
39212:4-5wb8yबहुत से विश्वासी मसीह में एक दूसरे से कैसे सम्बन्धित हैं? बहुत से विश्वासी मसीह में एक देह हैं, और व्यक्तिगत् रूप से एक दूसरे के अंग हैं।
39312:6zijbप्रत्येक विश्वासी को परमेश्वर के द्वारा उसे दिए गए वरदानों के साथ क्या करना चाहिए? प्रत्येक विश्वासी को अपने विश्वास के अनुपात के अनुसार अपने वरदानों का उपयोग करना चाहिए।
39412:10c79oविश्वासियों को एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? विश्वासियों को एक दूसरे के प्रति स्नेह रखना चाहिए और एक दूसरे का आदर करना चाहिए।
39512:13mzc3विश्वासियों को पवित्र लोगों की आवश्यकताओं के प्रति कैसी प्रतिक्रिया दिखानी चाहिए? विश्वासियों को पवित्र लोगों की आवश्यकताओं में भागीदारी करनी चाहिए।
39612:14psczविश्वासियों को उन लोगों के प्रति कैसी प्रतिक्रिया करनी चाहिए जो उन्हें सताते हैं? विश्वासियों को उन लोगों को जो उन्हें सताते हैं, श्राप नहीं, बल्कि आशीष देनी चाहिए ।
39712:16anqwविश्वासियों को दीन लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? विश्वासियों को दीन लोगों को स्वीकार करना चाहिए।
39812:18owv2जितना सम्भव हो, विश्वासियों को सब लोगों के साथ किस बात की खोज करनी चाहिए?जितना सम्भव हो, विश्वासियों को सब लोगों के साथ शान्ति की खोज करनी चाहिए।
39912:19xnnxविश्वासियों को अपना पलटा क्यों नहीं लेना चाहिए? विश्वासियों को अपना पलटा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि पलटा लेने का काम प्रभु का है।
40012:21g7d6विश्वासियों को बुराई पर कैसे विजय प्राप्त करनी चाहिए? विश्वासियों को भलाई से बुराई पर विजय प्राप्त करनी चाहिए।
40113:1xrbyसांसारिक अधिकारियों को उनका अधिकार कहाँ से मिलता है? सांसारिक अधिकारियों को परमेश्वर के द्वारा नियुक्त किया गया है और उन्हें परमेश्वर की ओर से ही उनका अधिकार मिलता है।
40213:2sx7kजो लोग सांसारिक अधिकार का विरोध करते हैं, उन्हें क्या प्राप्त होगा? जो लोग सांसारिक अधिकार का विरोध करते हैं, वे अपने ऊपर न्याय लाएँगे।
40313:3y0c9पौलुस विश्वासियों को क्या करने के लिये कहता है ताकि वे शासकीय अधिकारी से निडर रह सकें? पौलुस विश्वासियों को भले काम करने के लिये कहता है ताकि वे शासकीय अधिकारी से निडर रह सकें।
40413:4irf7परमेश्वर ने शासकों को बुराई को दबाने के लिये क्या अधिकार प्रदान किया है? परमेश्वर ने शासकों को तलवार उठाने और बुरे काम करने वालों को दण्ड देने का अधिकार प्रदान किया है।
40513:6mdwsपरमेश्वर ने शासकों को धन के सम्बन्ध में क्या अधिकार प्रदान किया है? परमेश्वर ने शासकों को करों के भुगतान की माँग करने का अधिकार प्रदान किया है।
40613:8w0clपौलुस के कहे अनुसार विश्वासियों को दूसरों के प्रति किस बात का कर्जदार होना चाहिए?पौलुस कहता है कि विश्वासियों को दूसरों के प्रति प्रेम का कर्जदार होना चाहिए।
40713:8tkuzएक विश्वासी व्यवस्था को कैसे पूरा करता है? एक विश्वासी अपने पड़ोसी से प्रेम करके व्यवस्था को पूरा करता है।
40813:9d1f1व्यवस्था के भाग के रूप में पौलुस ने कौन सी आज्ञाओं की सूची दी है? पौलुस ने व्यवस्था के भाग के रूप में व्यभिचार न करने, हत्या न करने, चोरी न करने, और लालच न करने जैसी आज्ञाओं की सूची दी है।
40913:10o6kwएक विश्वासी व्यवस्था को कैसे पूरा करता है? एक विश्वासी अपने पड़ोसी से प्रेम करके व्यवस्था को पूरा करता है।
41013:12d02cपौलुस के कहे अनुसार विश्वासियों को क्या त्यागकर, क्या पहन लेना चाहिए?पौलुस कहता है कि विश्वासियों को अंधकार के कामों को त्यागकर, ज्योति के हथियार पहन लेने चाहिए।
41113:13zglcविश्वासियों को कौन सी गतिविधियों में नहीं चलना है? विश्वासियों को उग्र जश्न, पियक्कड़पन, यौन अनैतिकता, अनियंत्रित वासना, झगड़े, या ईर्ष्या में नहीं चलना है।
41213:14jj48शरीर की अभिलाषाओं के प्रति विश्वासी की मनोवृत्ति कैसी होनी चाहिए? शरीर की अभिलाषाओं के लिये विश्वासी को कोई प्रबन्ध नहीं करना चाहिए।
41314:2qeisएक दृढ़ विश्वास वाला व्यक्ति किस प्रकार का भोजन खाता है, और एक निर्बल विश्वास वाला व्यक्ति क्या खाता है?एक दृढ़ विश्वास वाला व्यक्ति कुछ भी खाता है, परन्तु एक निर्बल विश्वास वाला व्यक्ति केवल सब्जियाँ ही खाता है।
41414:3bnrlउन विश्वासियों को एक दूसरे के प्रति कैसी मनोवृत्ति रखनी चाहिए जो अपने खाने को लेकर मतभेद रखते हैं? जो विश्वासी अपने खाने को लेकर मतभेद रखते हैं, उन्हें एक दूसरे को तुच्छ नहीं समझना चाहिए या एक दूसरे का न्याय नहीं करना चाहिए।
41514:3-4vy2nजो कुछ भी खाता है और जो केवल साग-पात खाता है उन दोनों को किसने स्वीकार किया है? जो कुछ भी खाता है और जो केवल साग-पात खाता है उन दोनों को परमेश्वर ने स्वीकार किया है।
41614:5qv1yपौलुस अन्य किस मुद्दे का उल्लेख करता है जिसे वह व्यक्तिगत् विश्वास का मुद्दा बताता है? पौलुस व्यक्तिगत् विश्वास के मुद्दे के रूप में इस बात का उल्लेख करता है कि क्या एक दिन को दूसरे दिन से अधिक महत्व दिया जाए या सभी दिनों को समान रूप से महत्व दिया जाए।
41714:7-8k86yविश्वासी लोग किस कारण से जीवन बिताते हैं और मरते हैं? विश्वासी प्रभु के लिये जीवन बिताते हैं और मरते हैं ।
41814:10hg2oसभी विश्वासी अंत में कहाँ खड़े होंगे? सभी विश्वासी अंत में परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़े होंगे।
41914:13jj8bव्यक्तिगत् विश्‍वास के मुद्दों पर एक भाई को दूसरे भाई के प्रति कैसी मनोवृत्ति रखनी चाहिए? व्यक्तिगत् विश्‍वास के मुद्दों पर एक भाई को दूसरे भाई के लिये ठोकर या फंदा नहीं रखना चाहिए।
42014:14ny9hप्रभु यीशु में पौलुस को विश्वास हो गया कि कौन से खाद्य पदार्थ अशुद्ध हैं? पौलुस को विश्वास हो गया कि कोई भी खाद्य पदार्थ अशुद्ध नहीं है।
42114:17qml4परमेश्वर का राज्य किस बारे में है? परमेश्वर का राज्य पवित्र आत्मा में धार्मिकता, शान्ति और आनन्द के बारे में है।
42214:21n5jzपौलुस के कहे अनुसार एक भाई को दूसरे भाई की उपस्थिति में क्या करना चाहिए जो मांस नहीं खाता या दाखमधु नहीं पीता? पौलुस कहता है कि अच्छा तो यह है यदि वह भाई दूसरे भाई की उपस्थिति में मांस न खाए या दाखमधु न पीए।
42314:23de9pयदि कोई व्यक्ति विश्वास से कार्य नहीं करता, तो परिणाम क्या होता है? जो भी कार्य विश्वास से नहीं किए जाते, वे पाप हैं।
42415:1-2fcejजिन विश्वासियों का विश्वास दृढ़ है, उन्हें उन लोगों के प्रति कैसी मनोवृत्ति रखनी चाहिए जिनका विश्वास निर्बल है?जिन विश्वासियों का विश्वास दृढ़ है, उन्हें उन लोगों की निर्बलताओं को सह लेना चाहिए जिनका विश्वास निर्बल है, ताकि उनका निर्माण किया जा सके।
42515:3lf9uपौलुस ने किस व्यक्ति का उदाहरण उपयोग किया जिसने अपने आप को प्रसन्न करने के लिये जीवन नहीं बिताया, बल्कि दूसरों की सेवा की?मसीह ने अपने आप को प्रसन्न करने के लिये जीवन नहीं बिताया, बल्कि दूसरों की सेवा की।
42615:4zng5जो पवित्रशास्त्र पहले लिखा गया था उसका वह उद्देश्य क्या था?जो पवित्रशास्त्र पहले लिखा गया था वह हमारे निर्देश के लिये लिखा गया था।
42715:5vxthपौलुस विश्वासियों से एक दूसरे के प्रति धीरज और प्रोत्साहन के अपने अभ्यास के माध्यम से क्या इच्छा रखता है? पौलुस इच्छा रखता है कि विश्वासी एक दूसरे के प्रति एक मन रहें।
42815:8-9yvbxपौलुस ने किस व्यक्ति का उदाहरण उपयोग किया जिसने दूसरों की सेवा करने के लिये जीवन बिताया?मसीह ने दूसरों की सेवा करने के लिये जीवन बिताया।
42915:10-11vm8xपवित्रशास्त्र के कहे अनुसार अन्यजाति उनके प्रति परमेश्वर की दया के कारण क्या करेंगे? पवित्रशास्त्र कहता है कि अन्यजाति आनन्दित होंगे और प्रभु की स्तुति करेंगे।
43015:13xh71पौलुस के कहे अनुसार पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से विश्वासी लोग क्या करने में सक्षम होंगे? विश्वासी लोग आनन्द और शान्ति से भर जाएँगे, और आशा में बढ़ते जाएँगे।
43115:16ixwnपरमेश्वर ने पौलुस को क्या वरदान दिया, जो पौलुस का मिशन है? पौलुस का मिशन है अन्यजातियों के पास भेजा गया मसीह यीशु का सेवक बनना।
43215:18-19zfi6मसीह ने पौलुस के माध्यम से अन्यजातियों की आज्ञाकारिता लाने के लिये कौन से तरीके कार्य किया है? मसीह ने पौलुस के माध्यम से वचन और कर्म, और चिन्हों और अद्भुत कामों की सामर्थ्य, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य के द्वारा कार्य किया है।
43315:20-21x6qtपौलुस कहाँ सुसमाचार की घोषणा करने की इच्छा रखता है?पौलुस वहाँ सुसमाचार की घोषणा करने की इच्छा रखता है जहाँ मसीह का नाम नहीं जाना जाता।
43415:24j228पौलुस ने कहाँ यात्रा करने की योजना बनाई जिससे वह रोम भी आ पाएगा? पौलुस ने इसपानिया जाने की योजना बनाई जिससे वह रोम भी आ पाएगा।
43515:25ddu2पौलुस अब यरूशलेम क्यों जा रहा है? पौलुस अब यरूशलेम में वहाँ के विश्वासियों की सेवा करने जा रहा है।
43615:27et47पौलुस के कहे अनुसार अन्यजाति विश्वासियों पर यहूदी विश्वासियों का भौतिक बातों का दायित्व क्यों है? अन्यजाति विश्वासियों पर यहूदी विश्वासियों का भौतिक बातों का दायित्व इसलिए है क्योंकि अन्यजाति विश्वासियों ने यहूदी विश्वासियों की आत्मिक बातों में भागीदारी की है।
43715:31cpd5पौलुस किन लोगों से छुड़ाए जाने की इच्छा रखता है? पौलुस उनसे छुड़ाए जाने की इच्छा रखता है जो यहूदिया के अनाज्ञाकारी लोग हैं।
43816:1-2rsvbबहन फीबे पौलुस के लिये क्या बन गई है? बहन फीबे पौलुस और कई अन्य लोगों की सहायक बन गई है।
43916:4n5otअतीत में प्रिस्का और अक्विला ने पौलुस के लिये क्या किया है?अतीत में प्रिस्का और अक्विला ने पौलुस के लिये अपने प्राण जोखिम में डाले हैं।
44016:5tcolरोम के विश्वासियों के इकट्ठे होने का एक स्थान कहाँ हैं?रोम के विश्वासी प्रिस्का और अक्विला के घर में इकट्ठे होते हैं।
44116:7n2mhअतीत में अन्द्रुनीकुस और यूनियास ने पौलुस के साथ क्या अनुभव साझा किया है? अतीत में अन्द्रुनीकुस और यूनियास पौलुस के साथ बंदी रहे हैं।
44216:16b9cmविश्वासी लोग एक दूसरे को कैसे नमस्कार करते हैं? विश्वासी लोग एक दूसरे को पवित्र चुम्बन से नमस्कार करते हैं।
44316:17vhi8पौलुस विश्वासियों को फूट डालने और ठोकर का कारण बनने वालों के साथ क्या करने के लिये क्या कहता है?पौलुस विश्वासियों को फूट डालने और ठोकर का कारण बनने वालों से दूर रहने के लिये कहता है।
44416:17-18wc3gकुछ लोग क्या करते हैं, जो फूट और ठोकर का कारण बनता है? कुछ लोग उस शिक्षा के विपरीत चलते हैं जो उन्होंने सीखी है, और भोले लोगों के हृदयों को बहका देते हैं।
44516:19zpcjपौलुस की इच्छा के अनुसार विश्वासी लोग भलाई और बुराई के प्रति कैसी मनोवृत्ति रखें? पौलुस की इच्छा है कि विश्वासी लोग भलाई के प्रति बुद्धिमान और बुराई के प्रति भोले बनें।
44616:20m8aoशान्ति का परमेश्वर शीघ्र ही क्या करेगा? शान्ति का परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को विश्वासियों के पाँवों के नीचे कुचल देगा।
44716:22r2s9इस पत्री को वास्तव में किसने लिखा था? इस पत्री को वास्तव में तिरतियुस ने लिखा था।
44816:23fcfzविश्वासी इरास्तुस का व्यवसाय क्या है? इरास्तुस नगर का कोषाध्यक्ष है।
44916:26d7onपौलुस किस उद्देश्य के लिये प्रचार कर रहा है? पौलुस सब अन्यजातियों के बीच विश्वास की आज्ञाकारिता के लिये प्रचार कर रहा है।
45016:25-26qjzqपौलुस अब किस प्रकाशन का प्रचार कर रहा है जिसे बहुत पहले से गुप्त रखा गया था? पौलुस अब यीशु मसीह के सुसमाचार के प्रकाशन का प्रचार कर रहा है।