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1 | Reference | ID | Tags | Quote | Occurrence | Question | Response |
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2 | 1:1 | s3pe | बीते समय में परमेश्वर ने कैसे बातें की थीं? | बीते समय में परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से बहुत बार और बहुत से तरीकों से बातें की थीं। | |||
3 | 1:2 | wmho | इन दिनों में परमेश्वर ने कैसे बातें की हैं? | इन दिनों में परमेश्वर ने पुत्र के माध्यम से बातें की हैं। | |||
4 | 1:2 | qsni | युगों-युगों की रचना किसके माध्यम से की गई थी? | युगों-युगों की रचना परमेश्वर के पुत्र के माध्यम से की गई थी। | |||
5 | 1:3 | suav | सब वस्तुएँ कैसे कायम रहती हैं? | सब वस्तुएँ परमेश्वर की सामर्थ्य वाले पुत्र के वचन से कायम रहती हैं। | |||
6 | 1:3 | t73s | परमेश्वर के तेज और मूलतत्व को पुत्र कैसे प्रदर्शित करता है? | परमेश्वर के तेज की चमक और परमेश्वर के मूलतत्व की प्रदर्शन पुत्र में ही होता है। | |||
7 | 1:4 | q7xp | स्वर्गदूतों की तुलना में परमेश्वर का पुत्र कैसा है? | परमेश्वर का पुत्र स्वर्गदूतों की तुलना में कहीं श्रेष्ठ है। | |||
8 | 1:6 | djak | जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को क्या करने की आज्ञा दी थी? | जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को पुत्र को दंडवत् करने की आज्ञा दी थी। | |||
9 | 1:8 | tqxo | राजा के रूप में पुत्र कब तक शासन करेगा? | राजा के रूप में पुत्र सदा-सर्वदा शासन करेगा। | |||
10 | 1:9 | v22q | पुत्र किससे प्रेम रखता है और किससे बैर रखता है? | पुत्र को धार्मिकता से प्रेम है और अधर्म से बैर है। | |||
11 | 1:10-11 | y2vl | समय बीतने पर पृथ्वी और स्वर्ग के साथ क्या घटित होगा? | पृथ्वी और स्वर्ग किसी वस्त्र के समान पुराने होकर नष्ट हो जाएँगे। | |||
12 | 1:13 | ex08 | परमेश्वर ने पुत्र को कहाँ बैठने के लिये, और क्या घटित होने की प्रतीक्षा करने को कहा? | परमेश्वर ने पुत्र को अपने दाहिनी ओर उस समय तक बैठने के लिये कहा जब तक कि परमेश्वर पुत्र के शत्रुओं को उसके पाँवों की चौकी न बना दे। | |||
13 | 1:14 | jctl | स्वर्गदूत किसकी सेवाटहल करते हैं? | स्वर्गदूत उन लोगों की सेवाटहल करते हैं जो उद्धार पाने वाले हैं। | |||
14 | 2:1 | e8t6 | विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान क्यों देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं? | विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं ताकि वे उनसे दूर न चले जाएँ। | |||
15 | 2:2 | wje0 | हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को क्या मिलेगा? | हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को न्यायपूर्वक दंड मिलेगा। | |||
16 | 2:4 | oiz6 | प्रभु के द्वारा बताए गए उद्धार के संदेश की गवाही परमेश्वर ने कैसे दी थी? | परमेश्वर ने उस संदेश की गवाही चिन्हों, अद्भुत कामों, भिन्न-भिन्न आश्चर्यकर्मों के द्वारा, और पवित्र आत्मा के वरदान के द्वारा दी थी। | |||
17 | 2:5 | fdef | आने वाले जगत पर कौन शासन नहीं करेगा? | आने वाले जगत पर स्वर्गदूत शासन नहीं करेंगे। | |||
18 | 2:7-8 | okqg | आने वाले जगत पर कौन शासन करेगा? | आने वाले जगत पर मनुष्य शासन करेगा। | |||
19 | 2:9 | j0o4 | यीशु को महिमा और आदर का मुकुट क्यों पहनाया गया था? | यीशु को उसके दुःख उठाने और मृत्यु के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहनाया गया था। | |||
20 | 2:9 | ahfm | यीशु ने किसके लिये मृत्यु का स्वाद चखा था? | यीशु ने सब मनुष्यों के लिये मृत्यु का स्वाद चखा था। | |||
21 | 2:10 | yjfz | परमेश्वर ने किसे महिमा में लाने की योजना बनाई थी? | परमेश्वर ने बहुत से पुत्रों को महिमा में लाने की योजना बनाई थी। | |||
22 | 2:11 | ov8n | वे दोनों कौन हैं जो एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं? | पवित्र करने वाला और पवित्र किए जाने वाले दोनों ही एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। | |||
23 | 2:14 | h4w8 | यीशु की मृत्यु के माध्यम से किसे प्रभावहीन किया गया था? | यीशु की मृत्यु के माध्यम से शैतान को प्रभावहीन किया गया था। | |||
24 | 2:15 | dyfk | यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को किस दासत्व से छुड़ाया गया है? | यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को मृत्यु के भय से छुड़ाया गया है। | |||
25 | 2:17 | bokd | यीशु के लिये यह आवश्यक क्यों था कि सब बातों में अपने भाइयों के समान हो जाए? | यह इसलिये आवश्यक था ताकि वह परमेश्वर की बातों पर एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बन सके, और इसलिये वह लोगों के पापों के लिए क्षमा को प्राप्त कर सके। | |||
26 | 2:18 | w3tq | जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम क्यों है? | जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि उसकी भी परीक्षा हुई थी। | |||
27 | 3:1 | lqsl | इब्रानियों की पुस्तक का लेखक यीशु के द्वारा किन दो भूमिकाओं को पूरा करने के विषय में कहता है? | लेखक कहता है कि यीशु प्रेरित और महायाजक है। | |||
28 | 3:2-3 | aa7p | मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य क्यों माना गया है? | मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य इसलिये माना गया है क्योंकि जब मूसा परमेश्वर के सारे घराने में विश्वासयोग्य था, तो जिसने उस घर को बनाया वह यीशु ही था। | |||
29 | 3:5 | rn1u | परमेश्वर के घर में मूसा की क्या भूमिका थी? | परमेश्वर के घर में मूसा एक सेवक था। | |||
30 | 3:5 | lcnt | मूसा ने किस विषय में गवाही दी थी? | मूसा ने भविष्य में बोली जाने वाली बातों के विषय में गवाही दी थी। | |||
31 | 3:6 | ie63 | परमेश्वर के घर में यीशु की क्या भूमिका है? | परमेश्वर के घर में यीशु की पुत्र के समान अधिकारी की भूमिका है। | |||
32 | 3:6 | vf5k | परमेश्वर का घर कौन है? | विश्वास करने वाले लोग ही परमेश्वर का घर हैं यदि वे अपने भरोसे को थामे रहें। | |||
33 | 3:7-8 | yvzc | जब इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी तो उन्होंने क्या किया था? | इस्राएली लोगों ने अपने मनों को कठोर कर लिया था। | |||
34 | 3:10-11 | qarg | इस्राएली लोगों के विषय में परमेश्वर ने क्या शपथ खाई थी जो अपने मनों में भटक गए थे? | परमेश्वर ने शपथ खाई कि वे लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं कर पाएँगे। | |||
35 | 3:12 | yti8 | भाइयों को किस विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी? | भाइयों को अविश्वास के द्वारा जीवित परमेश्वर से दूर न हो जाने के विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी। | |||
36 | 3:13 | lkhh | भाइयों को क्या करना था ताकि वे पाप की धोखाधड़ी से कठोर हो जाने से बच सकें? | भाइयों को एक-दूसरे को प्रतिदिन उत्साहित करना था। | |||
37 | 3:14 | ynpz | मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को क्या करना चाहिए? | मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को आरम्भ से लेकर अंत तक यीशु में अपने भरोसे को थामे रखना है। | |||
38 | 3:17 | tkxa | परमेश्वर किससे 40 वर्षों तक क्रोधित रहा? | जिन लोगों ने जंगल में पाप किया था उनसे परमेश्वर क्रोधित रहा। | |||
39 | 3:17 | sily | जिन लोगों से परमेश्वर क्रोधित था उनका क्या हुआ? | उनके मृत शरीर जंगल में पड़े रहे। | |||
40 | 3:19 | lesq | अनाज्ञाकारी इस्राएली लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम क्यों नहीं हुए? | अविश्वास के कारण, वे लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम नहीं हुए। | |||
41 | 4:2 | d4kt | विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने कौन से शुभ संदेश को सुना था? | विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने परमेश्वर के विश्राम के विषय में शुभ संदेश को सुना था। | |||
42 | 4:2 | kamc | इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ क्यों नहीं हुआ? | इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ इसलिये नहीं हुआ क्योंकि वे उसे मानने वालों के साथ विश्वास में जुड़े नहीं थे। | |||
43 | 4:3 | hc9o | वे लोग कौन हैं जो परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं? | जिन्होंने विश्वास किया वे लोग ही परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं | |||
44 | 4:3-4 | sx3t | परमेश्वर ने अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके कब विश्राम किया था? | परमेश्वर ने जगत के आरम्भ में अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके सातवें दिन विश्राम किया था। | |||
45 | 4:5-6 | oqf6 | परमेश्वर ने इस्राएली लोगों के और अपने विश्राम के विषय में क्या कहा? | परमेश्वर ने कहा कि इस्राएली लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं करेंगे। | |||
46 | 4:7 | n0ki | अब परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के लिये कौन सा दिन निर्धारित किया है? | परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के रूप में “आज का दिन” को निर्धारित किया है। | |||
47 | 4:7 | txiv | परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त किसी व्यक्ति को क्या करना होगा? | किसी व्यक्ति को परमेश्वर की वाणी सुनकर अपने मन को कठोर नहीं करना है। | |||
48 | 4:9 | a832 | परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी क्या बाकी है? | परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी सब्त का विश्राम बाकी है। | |||
49 | 4:10 | roo0 | परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति और किस बात से विश्राम लेता है? | परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति अपने कामों से भी विश्राम लेता है। | |||
50 | 4:11 | uub1 | विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर क्यों होना चाहिए? | विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर इसलिये होना चाहिए ताकि वे इस्राएलियों के समान अनाज्ञाकारिता में न गिरें। | |||
51 | 4:12 | cd4v | परमेश्वर का वचन किससे अधिक तेज है? | परमेश्वर का वचन किसी दोधारी तलवार से भी अधिक तेज है। | |||
52 | 4:12 | y6uw | परमेश्वर का वचन किसे अलग-अलग करने में सक्षम है? | परमेश्वर का वचन प्राण को आत्मा से और गाँठ-गाँठ को गूदे-गूदे से अलग-अलग करने में सक्षम है। | |||
53 | 4:12 | e6qy | परमेश्वर का वचन किसे परखने में सक्षम है? | परमेश्वर का वचन हृदय के विचारों और मंशाओं को परखने में सक्षम है। | |||
54 | 4:13 | opug | कौन और क्या परमेश्वर की दृष्टि से छिपा हुआ है? | रची गई कोई भी वस्तु परमेश्वर की दृष्टि से छिपी नहीं है। | |||
55 | 4:14 | mb8g | विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में कौन सेवा करता है? | परमेश्वर का पुत्र यीशु, विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में सेवा करता है। | |||
56 | 4:15 | l5cm | यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति क्यों महसूस करता है? | यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति इसलिये महसूस करता है क्योंकि उसे भी सब बातों में परखा गया था। | |||
57 | 4:15 | z66r | यीशु ने कितनी बार पाप किया था? | यीशु ने कभी पाप नहीं किया। यीशु निष्पाप था। | |||
58 | 4:16 | poo3 | आवश्यकता के समय में, दया और अनुग्रह पाने के लिये विश्वासी लोगों को क्या करना होगा? | आवश्यकता के समय में, विश्वासी लोगों को हियाव बाँधकर अनुग्रह के सिंहासन के पास जाना होगा। | |||
59 | 5:1 | f9kg | लोगों की ओर से प्रत्येक महायाजक क्या करता है? | लोगों के लिये, प्रत्येक महायाजक पापों के लिये भेंटें और बलिदान चढ़ाता है। | |||
60 | 5:3 | qzso | लोगों के अतिरिक्त, महायाजक और किस के लिये बलिदान चढ़ाता है? | महायाजक अपने पापों के लिये भी बलिदान चढ़ाता है। | |||
61 | 5:4 | cfxd | कोई मनुष्य परमेश्वर का महायाजक बनने का सम्मान कैसे प्राप्त करता है? | किसी मनुष्य को परमेश्वर का महायाजक बनने के लिये परमेश्वर के द्वारा बुलाया जाना आवश्यक है। | |||
62 | 5:5 | cty9 | यीशु को महायाजक किसने ठहराया? | परमेश्वर ने ही यीशु को महायाजक ठहराया था। | |||
63 | 5:6 | dxsz | मसीह परमेश्वर का महायाजक कब तक रहेगा? | मसीह सदा के लिये परमेश्वर का महायाजक है। | |||
64 | 5:6 | fllb | मसीह किस रीति से महायाजक है? | मलिकिसिदक की रीति से मसीह महायाजक है। | |||
65 | 5:7 | b3bt | जब मसीह ने प्रार्थना की तो उसे परमेश्वर की ओर से क्यों सुना गया? | मसीह के भक्तिपूर्ण जीवन के कारण उसे परमेश्वर की ओर से सुना गया था। | |||
66 | 5:8 | ly69 | मसीह ने आज्ञाकारिता कैसे सीखी? | जिन बातों में मसीह ने दुःख उठाया, उसने उनसे आज्ञाकारिता सीखी। | |||
67 | 5:9 | ewdj | मसीह किसके लिये अनन्त उद्धार का कारण बन गया? | जितने लोग उसकी आज्ञा मानते थे, उन सब के लिये मसीह अनन्त उद्धार का कारण बन गया। | |||
68 | 5:11 | meb6 | इस पत्री के मूल पाठकों की आत्मिक स्थिति कैसे थी? | इसके मूल पाठक सुनने में मंद थे। | |||
69 | 5:14 | yjmd | इस पत्री का लेखक क्या कहता है कि विश्वासी लोगों को आत्मिक बच्चों से उन्नति करके सयाना कैसे बनना है? | विश्वासी लोगों को गलत बातों में से सही बातों को पहचान कर, भले-बुरे दोनों के बीच अंतर करने का अभ्यास करने के द्वारा आत्मिक रूप से उन्नति करनी है। | |||
70 | 6:1 | wxuj | इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से किसकी ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है? | इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से परिपक्वता की ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है। | |||
71 | 6:1-2 | t338 | मसीह के संदेश की बुनियाद के रूप में लेखक किन शिक्षाओं को सूचीबद्ध करता है? | इसकी बुनियादी शिक्षाएँ मरे हुए कामों से मन फिराना, परमेश्वर पर विश्वास करना, बपतिस्मा, हाथ रखना, मृतकों का पुनरुत्थान और अनन्त न्याय हैं। | |||
72 | 6:4-5 | uei1 | इन ज्योति पाए हुए लोगों को क्या लाभ मिला है? | इन ज्योति पाए हुए लोगों ने स्वर्गीय वरदान का स्वाद चखा है, एवं पवित्र आत्मा के भागीदार बन गए हैं, और परमेश्वर के वचन का तथा आने वाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चखा है। | |||
73 | 6:4-6 | fv1b | जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये क्या करना असम्भव है? | जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये फिर से मन फिराव की ओर लौटना असम्भव है। | |||
74 | 6:6 | f7cx | ये लोग मन फिराव की ओर लौट आने में सक्षम क्यों नहीं हैं? | ये लोग लौट आने में सक्षम इसलिये नहीं हैं क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के उसी पुत्र को अपने लिये क्रूस पर चढ़ा दिया है और उसे लोगों में लज्जित किया है। | |||
75 | 6:7-8 | vbwv | लेखक की उपमा में, उस भूमि का क्या हुआ जिसने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए? | जिस भूमि ने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए उसका अन्त जलाया जाना है। | |||
76 | 6:9 | kb20 | उन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक की क्या अपेक्षा है जिन्हें वह पत्री लिख रहा है? | इन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक उत्तम बातों की अपेक्षा करता है, अर्थात् ऐसी बातें जो उद्धार से जुड़ी हुई हैं। | |||
77 | 6:10 | sl6h | इन विश्वासी लोगों के विषय में परमेश्वर कौन सी बात नहीं भूलेगा? | परमेश्वर उनके काम, परमेश्वर के प्रेम, और पवित्र लोगों की सेवा को नहीं भूलेगा। | |||
78 | 6:12 | itts | जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विषय में विश्वासी लोगों को किस बात का अनुकरण करना चाहिए? | जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विश्वास और धीरज का विश्वासी लोगों को अनुकरण करना चाहिए। | |||
79 | 6:13-15 | xe2b | परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे क्या करना पड़ा? | परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे धीरज धरकर प्रतीक्षा करनी पड़ी थी। | |||
80 | 6:17 | bg60 | परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन शपथ खाकर क्यों दिया? | परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन अपने उद्देश्य की अपरिवर्तनीय गुणवत्ता को और अधिक स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिये शपथ खाकर दिया। | |||
81 | 6:18 | drj0 | परमेश्वर के लिये क्या करना असम्भव है? | परमेश्वर के लिये झूठ बोलना असम्भव है। | |||
82 | 6:19 | y6sq | परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये क्या करती है? | परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये एक सुरक्षित और विश्वसनीय लंगर है। | |||
83 | 6:19-20 | q05h | विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में कहाँ प्रवेश किया है? | विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में परदे के पीछे भीतरी भाग में प्रवेश किया है। | |||
84 | 7:1 | tml2 | मलिकिसिदक के पास कौन सी दो उपाधियाँ थीं? | मलिकिसिदक शालेम का राजा और परमप्रधान परमेश्वर का याजक था। | |||
85 | 7:2 | f0in | अब्राहम ने मलिकिसिदक को क्या दिया? | अब्राहम ने मलिकिसिदक को उन सब वस्तुओं का दसवाँ अंश दिया जो उसने लूटी थीं। | |||
86 | 7:2 | hmv9 | मलिकिसिदक नाम का क्या अर्थ होता है? | मलिकिसिदक नाम का अर्थ “धार्मिकता का राजा” और “शान्ति का राजा” होता है। | |||
87 | 7:3 | sc74 | मलिकिसिदक के पूर्वज कौन थे, और उसकी मृत्यु कब हुई? | मलिकिसिदक बिना पूर्वजों के था और उसके जीवन को कोई अन्त नहीं है। | |||
88 | 7:5 | aeg4 | व्यवस्था के अनुसार जो लोग याजक बनते हैं वे याजक किसके उत्पन्न हुए हैं और लोगों से दसवाँ अंश कौन लेता है? | व्यवस्था के याजक लेवी से उत्पन्न हुए हैं, और उससे पहले, अब्राहम से उत्पन्न हुए हैं। | |||
89 | 7:7 | s2i6 | अब्राहम और मलिकिसिदक में से कौन अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति था? | मलिकिसिदक अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति इसलिये था क्योंकि उसने अब्राहम को आशीष दी थी। | |||
90 | 7:9-10 | l3cd | किस रीति से स्वयं लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था? | लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था, क्योंकि लेवी अब्राहम का वंशज था, और अब्राहम ने मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था। | |||
91 | 7:12 | ahni | जब याजक का पद बदला जाता है तो और कौन सी बात को भी बदला जाना चाहिए? | जब याजक का पद बदला जाता है तो व्यवस्था को भी बदला जाना चाहिए। | |||
92 | 7:14 | wa4j | यीशु किस गोत्र से उत्पन्न हुआ था, और क्या उस गोत्र ने याजकों के रूप में वेदी पर पहले सेवा की थी? | यीशु यहूदा के गोत्र से उत्पन्न हुआ था, जिसने याजकों के रूप में वेदी पर पहले कभी सेवा नहीं की थी। | |||
93 | 7:16 | ext0 | मलिकिसिदक की रीति पर यीशु किस आधार पर याजक बना? | मलिकिसिदक की रीति पर यीशु अविनाशी जीवन की सामर्थ्य के आधार पर याजक बना। | |||
94 | 7:18-19 | mxk9 | किस वस्तु को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है? | पहली आज्ञा, अर्थात् व्यवस्था को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है। | |||
95 | 7:21 | k1vr | यीशु के विषय में परमेश्वर ने कौन सी शपथ खाई? | परमेश्वर ने शपथ खाई कि यीशु सदा के लिये याजक बनेगा। | |||
96 | 7:22 | gr7u | यीशु किस बात का आश्वासन है? | यीशु एक बेहतर वाचा का आश्वासन है। | |||
97 | 7:25 | iilz | जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम क्यों है? | जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है। | |||
98 | 7:26 | rjgo | यीशु में पाई जाने वाली वे चार विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं जो उसे विश्वासी लोगों के लिये उपयुक्त याजक ठहराती हैं? | यीशु पवित्र, निर्दोष, शुद्ध, और पापियों से अलग है। | |||
99 | 7:26 | rpt9 | यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कौन सा बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता थी? | यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कोई बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता इसलिये नहीं थी क्योंकि वह पापरहित है। | |||
100 | 7:27 | gyg3 | लोगोंं के पापों के लिये यीशु ने कौन सा बलिदान चढ़ाया था? | यीशु ने लोगों के पापों के लिये एक ही बार स्वयं को बलिदान चढ़ाया था। | |||
101 | 7:28 | p88f | जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था यीशु उनसे कैसे अलग है? | जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था वे निर्बल थे, परन्तु यीशु को सर्वदा के लिये सिद्ध किया गया है। | |||
102 | 8:1 | wroo | विश्वासी लोगों का महायाजक कहाँ बैठा हुआ है? | विश्वासी लोगों का महायाजक स्वर्ग पर महामहिमन् के सिंहासन की दाहिनी ओर बैठा हुआ है | |||
103 | 8:2 | b361 | सच्चा तम्बू कहाँ है? | सच्चा तम्बू स्वर्ग में है। | |||
104 | 8:3 | agm5 | प्रत्येक याजक के पास क्या होना चाहिए? | प्रत्येक याजक के पास चढ़ाने के लिये कुछ न कुछ होना चाहिए। | |||
105 | 8:4 | zy6f | व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक कहाँ पर थे? | व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक पृथ्वी पर मौजूद थे। | |||
106 | 8:5 | zfkn | पृथ्वी पर मौजूद याजक किसकी सेवा करते थे? | पृथ्वी पर मौजूद याजक एक प्रतिरूप की और स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की सेवा करते थे। | |||
107 | 8:5 | umx6 | पार्थिव तम्बू को किस प्रारूप के अनुसार बनाया गया था? | पार्थिव तम्बू को परमेश्वर के द्वारा मूसा को पहाड़ पर दिखाए गए प्रारूप के अनुसार बनाया गया था। | |||
108 | 8:6 | exip | मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई क्यों है? | मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई इसलिये है क्योंकि वह उस उत्तम वाचा का मध्यस्थ है जो उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बाँधा गया था। | |||
109 | 8:8 | csg9 | जब परमेश्वर ने पहली वाचा के अधीन लोगों में दोष पाया तो उसने क्या प्रतिज्ञा की? | परमेश्वर ने इस्राएल के घराने और यहूदा के घराने के साथ एक नयी वाचा बाँधने की प्रतिज्ञा की। | |||
110 | 8:10 | faun | परमेश्वर ने नयी वाचा में क्या करने के लिये कहा? | परमेश्वर ने कहा कि वह अपनी व्यवस्था को लोगों के मनों में डालेगा, और उसे उनके हृदयों पर लिखेगा। | |||
111 | 8:11 | yl4f | नयी वाचा में प्रभु को कौन जानेगा? | नयी वाचा में छोटे से लेकर बड़े तक, सब लोग प्रभु को जानेंगे। | |||
112 | 8:12 | w57s | परमेश्वर ने नयी वाचा में लोगों के पापों के साथ क्या करने के लिये कहा? | परमेश्वर ने कहा कि वह लोगों के पापों को आगे स्मरण नहीं रखेगा। | |||
113 | 8:13 | yho0 | नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा का क्या किया? | नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा को पुराना ठहराया, जो जीर्ण हो रहा है और मिटने पर है। | |||
114 | 9:1-2 | ktg8 | पहली वाचा में आराधना करने का स्थान कौन सा था? | पहली वाचा में आराधना करने का स्थान पार्थिव पवित्र स्थान था जिसे “तम्बू” कहा जाता था। | |||
115 | 9:2 | k340 | पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? | पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में दीवट, मेज, और चढ़ावे की रोटी रखी गई थी। | |||
116 | 9:3-4 | ho08 | पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? | पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में धूप की वेदी और वाचा की सन्दूक रखा गया था। | |||
117 | 9:7 | covs | परम पवित्र स्थान में महायाजक कब-कब जाया करता था, और जाने से पहले वह क्या करता था? | परम पवित्र स्थान में महायाजक वर्ष में एक ही बार, अपने लिये और लोगों के लिये लहू का बलिदान चढ़ाकर जाया करता था। | |||
118 | 9:9 | lcdp | वर्तमान समय में इस पत्री के पाठकों के लिये दृष्टांत के रूप में काम करती है? | वर्तमान समय में वहाँ पार्थिव तम्बू और भेंटें और चढ़ाए जा रहे बलिदान दृष्टांत के रूप में काम करते हैं। | |||
119 | 9:9 | qsj9 | पार्थिव तम्बू की भेंटें क्या करने में सक्षम नहीं थीं? | पार्थिव तम्बू की भेंटें आराधना करने वाले के विवेक को सिद्ध करने में सक्षम नहीं थीं। | |||
120 | 9:10 | y985 | पार्थिव तम्बू के नियम किस समय तक के लिये दिए गए थे? | पार्थिव तम्बू के नियम उस समय तक के लिये दिए गए थे जब तक कि नयी व्यवस्था लागू नहीं हो जाती। | |||
121 | 9:11 | qh76 | जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है उसके विषय में कौन सी बात अलग है? | जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है अति सिद्ध है, और उसे मानवीय हाथों से नहीं बनाया गया है, तथा वह इस रचे गए संसार का नहीं है। | |||
122 | 9:12 | oqyb | मसीह ने कौन सी भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया? | मसीह ने अपने स्वयं के लहू की भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया | |||
123 | 9:12 | nazu | मसीह की भेंट ने किस बात को पूरा किया? | मसीह की भेंट ने सब लोगों के लिये अनन्त छुटकारे को सुरक्षित किया। | |||
124 | 9:14 | uxpr | मसीह का लहू विश्वासी जन के लिये क्या करता है? | मसीह का लहू जीवित परमेश्वर की सेवा करने के लिये विश्वासी जन के विवेक को मरे हुए कामों से पवित्र करता है। | |||
125 | 9:15 | cm88 | मसीह की बात का मध्यस्थ है? | मसीह नयी वाचा का मध्यस्थ है। | |||
126 | 9:17 | i5fg | किसी वाचा को पक्का होने के लिये क्या आवश्यक है? | किसी वाचा को पक्का होने के लिये मरना आवश्यक है। | |||
127 | 9:18-19 | szwf | पहली वाचा के लिये किसकी मृत्यु आवश्यक थी? | पहली वाचा के लिये बछड़ों औऱ बकरों की मृत्यु आवश्यक थी। | |||
128 | 9:22 | a9je | बिना लहू बहाए क्या नहीं हो सकता है? | बिना लहू बहाए पापों की क्षमा नहीं मिलती। | |||
129 | 9:24 | ng7o | हमारी ओर से अब मसीह कहाँ प्रकट हुआ है? | हमारी ओर से, परमेश्वर के सामने, स्वर्ग में मसीह अब प्रकट हुआ है। | |||
130 | 9:26 | kb8v | स्वयं के बलिदान के द्वारा पाप को दूर करने के लिये मसीह को कितनी बार अपने आप को चढ़ाना होगा? | युग के अंत में, स्वयं के बलिदान के द्वारा मसीह पाप को दूर करने के लिये अपने आप को एक बार ही चढ़ाता है। | |||
131 | 9:27 | cod9 | हर व्यक्ति के लिये, उनकी मृत्यु के बाद क्या होना नियुक्त है? | हर व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उनका न्याय किया जाएगा। | |||
132 | 9:28 | w4x3 | मसीह दूसरी बार किस उद्धेश्य के लिये प्रकट होगा? | मसीह दूसरी बार उन लोगों के उद्धार के लिये प्रकट होगा जो उत्सुक होकर उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। | |||
133 | 10:1 | byez | मसीह की वास्तविकताओं की तुलना में व्यवस्था क्या है? | व्यवस्था केवल मसीह की वास्तविकताओं का प्रतिबिम्ब है। | |||
134 | 10:3 | z30h | व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किस बात का स्मरण दिलाते हैं? | व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किए गए पापों का स्मरण दिलाते हैं। | |||
135 | 10:4 | k3qg | बैलों और बकरों के लहू के लिये क्या करना असम्भव है? | बैलों और बकरों के लहू के लिये पापों को दूर करना असम्भव है। | |||
136 | 10:5 | wdrp | जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने उसके लिये क्या तैयार किया था? | परमेश्वर ने मसीह के लिये एक देह तैयार की थी। | |||
137 | 10:8 | g1wh | जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को अलग कर दिया था? | व्यवस्था के अनुसार बलिदानों को चढ़ाने की पहले वाली प्रथा को परमेश्वर ने अलग कर दिया था। | |||
138 | 10:10 | aklh | जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को स्थापित किया था? | परमेश्वर ने यीशु मसीह की देह को एक ही बार में सर्वदा के लिये चढ़ाने की दूसरी प्रथा को स्थापित किया था। | |||
139 | 10:12-13 | vc86 | जब मसीह परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठ गया है तो वह किस बात की प्रतीक्षा कर रहा है? | मसीह उस समय की प्रतीक्षा कर रहा है जब उसके शत्रुओं को विनम्र करके उसके पाँवों की चौकी बना दिया जाएगा। | |||
140 | 10:14 | bscl | अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा, मसीह ने पवित्र किए गए लोगों के लिये क्या किया है? | अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा मसीह ने पवित्र किए गए लोगों को सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है। | |||
141 | 10:18 | hshq | जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ किस बात की आवश्यकता नहीं रही? | जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ अतिरिक्त बलिदानों की आवश्यकता नहीं रही। | |||
142 | 10:19 | pbqt | यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग किस स्थान में प्रवेश कर सकते हैं? | यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते हैं। | |||
143 | 10:22 | o4t3 | विश्वासी जन पर क्या छिड़का गया है और क्या धोया गया है? | विश्वासी जन के हृदय पर छिड़काव करके दुष्ट विवेक को दूर किया गया है, और उसके शरीर को शुद्ध जल से धोया गया है। | |||
144 | 10:23 | n6yz | विश्वासी लोगों को किस बात को दृढ़ता से थामे रखना है? | विश्वासी लोगों को अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रखना है। | |||
145 | 10:25 | n3ff | विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर क्या करना चाहिए? | विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर एक-दूसरे को अधिकाधिक प्रोत्साहित करना चाहिए। | |||
146 | 10:26-27 | sp8d | उन लोगों की क्या अपेक्षा है जो सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं? | जो लोग सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं उनकी अपेक्षा दण्ड और जलन की आग है जो परमेश्वर के विरोधियों को भस्म कर देगी। | |||
147 | 10:28-29 | hww1 | जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह किसके योग्य ठहरेगा? | जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह मूसा की व्यवस्था के तहत दिए गए दंड से भी बढ़कर दयारहित दंड के योग्य ठहरेगा। | |||
148 | 10:30 | prxw | पलटा लेना किसका काम है? | पलटा लेना प्रभु का काम है। | |||
149 | 10:34 | ai3i | जिन विश्वासी लोगों को यह पत्री मिली थी उन्होंने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी? | उन विश्वासी लोगों ने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर इसे आनन्द के साथ स्वीकार कर लिया था, यह जानते हुए कि उनके पास एक उत्तम और स्थायी सम्पत्ति है। | |||
150 | 10:35-36 | dgcc | जिस बात की परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है उसे पाने के लिये विश्वासी जन को क्या नहीं खोना है? | विश्वासी जन को अपने भरोसे को बनाए रखना है ताकि वह उसे प्राप्त कर सके जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है। | |||
151 | 10:38 | pr4m | धर्मी जन कैसे जीवित रहेगा? | धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा। | |||
152 | 10:38 | tasb | जो लोग पीछे हट गए हैं उनके विषय में परमेश्वर क्या विचार करता है? | जो लोग पीछे हट गए हैं उनसे परमेश्वर अप्रसन्न है। | |||
153 | 10:39 | qvs2 | इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोगों से लेखक की क्या अपेक्षा है? | लेखक की अपेक्षा यह है कि इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोग अपने प्राणों की रक्षा के लिये विश्वास करें। | |||
154 | 11:1 | lfic | एक विश्वासी जन का परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं के प्रति जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं क्या रवैया रखना चाहिए? | एक विश्वासी व्यक्ति आत्मविश्वास से परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं की जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं आशा करता है और उनके प्रति निश्चितता रखता है। | |||
155 | 11:3 | w7dk | सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुएँ किससे बनाई गई थीं? | सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं को दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं से नहीं बनाया गया था। | |||
156 | 11:4 | ip6c | धर्मी होने के कारण परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई क्यों की? | परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई इसलिये की क्योंकि उसने विश्वास के द्वारा परमेश्वर को कैन की तुलना में अधिक उपयुक्त बलिदान चढ़ाया था। | |||
157 | 11:6 | w9a6 | परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को परमेश्वर के विषय में किस बात पर विश्वास करना चाहिए? | परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को इस बात पर विश्वास करना चाहिए वह मौजूद हौ और अपने खोजने वालों को वह प्रतिफल देता है। | |||
158 | 11:7 | dss4 | नूह ने अपने विश्वास का प्रदर्शन कैसे किया? | नूह ने परमेश्वर की चेतावनी के अनुसार अपने परिवार को बचाने के लिये एक जहाज़ बनाकर अपने विश्वास का प्रदर्शन किया। | |||
159 | 11:11 | k8zp | अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा कौन सी प्रतिज्ञा को प्राप्त किया? | अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा गर्भधारण की सामर्थ्य की प्रतिज्ञा को प्राप्त किया भले ही वे लोग बहुत बूढ़े हो गए थे। | |||
160 | 11:13 | tgrs | विश्वास के वंशजों ने दूर ही से क्या देखा? | विश्वास के वंशजों ने दूर ही से परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को देखकर उनका स्वागत किया। | |||
161 | 11:13 | rnoy | विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर क्या माना? | विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर अजनबी और परदेशी माना। | |||
162 | 11:16 | wth5 | विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने क्या तैयार किया है? | विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने एक स्वर्गीय नगर तैयार किया है। | |||
163 | 11:17-19 | oqr6 | जब अब्राहम ने अपने इकलौते पुत्र इसहाक को बलिदान चढ़ा दिया था, तो उसे क्या विश्वास था कि परमेश्वर क्या करने में सक्षम है? | अब्राहम ने विश्वास किया कि परमेश्वर इसहाक को मृतकों में से जिलाने में सक्षम है। | |||
164 | 11:22 | nec7 | जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने विश्वास के द्वारा क्या भविष्यद्वाणी की थी? | जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने इस्राएल की सन्तानों के मिस्र से निकल जाने की भविष्यद्वाणी की थी। | |||
165 | 11:24-26 | ma6j | मूसा ने सयाना होकर विश्वास के द्वारा क्या करने का चुनाव किया था? | मूसा ने विश्वास के द्वारा मसीह के पीछे चलने में होने वाले अपमान को बड़ा धन मानकर, परमेश्वर के लोगों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव को साझा करने का निर्णय लिया। | |||
166 | 11:28 | t8zh | मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा क्या माना? | मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा फसह का पर्व और लहू छिड़के जाने की विधि को माना। | |||
167 | 11:31 | qz2q | विश्वास के द्वारा राहाब ने क्या किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था? | विश्वास के द्वारा राहाब ने भेदियों का सुरक्षापूर्वक स्वागत किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था। | |||
168 | 11:33-34 | ieny | विश्वास के कुछ पूर्वजों ने युद्ध में क्या हासिल किया था? | विश्वास के कुछ पूर्वजों ने राज्यों को जीत लिया, तलवार से बच निकले, युद्ध में प्रबल हुए, और विदेशी सेनाओं को भाग खड़े होने पर विवश किया। | |||
169 | 11:35-38 | kand | विश्वास के कुछ पूर्वजों ने क्या दुःख उठाए? | विश्वास के कुछ पूर्वजों ने सताव, उपहास, कोड़े खाने, जंजीरों में जकड़े जाने, कैद होने, पथराव, आरे से दो भागों में काटे जाने, मृत्यु और इधर-उधर मारे-मारे फिरने को सहा। | |||
170 | 11:39 | dyoi | इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने किस वस्तु को प्राप्त नहीं किया? | इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने उस वस्तु को प्राप्त नहीं किया जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी? | |||
171 | 11:40 | dtaa | विश्वास के ये पूर्वज किसके साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे? | विश्वास के ये पूर्वज मसीह में पाए जाने वाले नयी वाचा के विश्वासी लोगों के साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे। | |||
172 | 12:1 | oi6q | विश्वासी जन को उसे आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर क्यों कर देना चाहिेए? | विश्वासी जन को आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर इसलिये कर देना चाहिेए ताकि उसके सामने रखी गई दौड़ को वह धीरज से दौड़ पाए। | |||
173 | 12:2 | ihe8 | यीशु ने लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को क्यों सह लिया? | यीशु ने उसके सामने रखे गए आनन्द के निमित्त लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को सह लिया। | |||
174 | 12:3 | x33r | कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से कैसे बच सकता है? | पापियों का विरोध सहने वाले यीशु पर ध्यान लगाने के द्वारा, कोई कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से बच सकता है। | |||
175 | 12:6 | nbu5 | प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उनके साथ क्या करता है? | प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उन्हें ताड़ना देता है। | |||
176 | 12:8 | lexj | जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह किसके समान है? | जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह परमेश्वर की सन्तान नहीं, बल्कि व्यभिचार की सन्तान है। | |||
177 | 12:10 | hgbw | परमेश्वर अपने बच्चों को ताड़ना क्यों देता है? | परमेश्वर अपने बच्चों की भलाई के लिये उन्हें ताड़ना देता है, ताकि वे उसकी पवित्रता में भागीदार हों। | |||
178 | 12:11 | ygm2 | ताड़ना से क्या उत्पन्न होता है? | ताड़ना से धार्मिकता का शान्तिदायक फल उत्पन्न होता है। | |||
179 | 12:14 | arv9 | विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ किस बात की खोज करनी चाहिए? | विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ शान्ति की खोज करनी चाहिए। | |||
180 | 12:15 | x05r | कौन सी वस्तु को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है? | कड़वाहट की जड़ को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है | |||
181 | 12:17 | vtkl | जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसके साथ क्या हुआ? | जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसे अस्वीकार कर दिया गया था। | |||
182 | 12:19 | offf | इस्राएली लोगों ने पहाड़ पर क्या विनती की जहाँ परमेश्वर ने बातें की थीं? | इस्राएली लोगों ने विनती की कि उनसे औऱ बातें न की जाएँ। | |||
183 | 12:22 | v92o | जिस पहाड़ पर इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी थी वहाँ के बजाय मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग कहाँ आए हैं? | मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सिय्योन पर्वत के पास और जीवित परमेश्वर के नगर के पास आए हैं। | |||
184 | 12:23 | aeh8 | मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किस सभा के पास आए हैं? | मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग उन सब पहिलौठों की सभा के पास आए हैं जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं। | |||
185 | 12:23-24 | fclv | मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किसके पास आए हैं? | मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सबके न्यायी, अर्थात् परमेश्वर के पास, धर्मियों की आत्माओं के पास, और यीशु के पास आए हैं। | |||
186 | 12:25 | gram | उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने स्वर्ग पर से चेतावनी देने वाले से मुँह फेर लिया है? | जिन लोगों ने मुँह फेर लिया है वे परमेश्वर से बच नहीं पाएँगे। | |||
187 | 12:26 | qe3t | परमेश्वर ने किसे हिलाने की प्रतिज्ञा की है? | परमेश्वर ने पृथ्वी और स्वर्ग को हिलाने की प्रतिज्ञा की है। | |||
188 | 12:28 | bc4f | जिन वस्तुओं को हिलाया जा सकता है उनके बदले में विश्वासी लोगों को क्या मिलेगा? | विश्वासी लोगों को एक ऐसा राज्य मिलेगा जो हिलने का नहीं। | |||
189 | 12:28 | acth | विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना कैसे करनी चाहिए? | विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना श्रद्धा एवं भय के साथ करनी चाहिए। | |||
190 | 12:29 | sft9 | विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से क्यों करनी चाहिए? | विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से इसलिये करनी चाहिए क्योंकि वह एख भस्म करने वाली आग है। | |||
191 | 13:2 | tp8h | कुछ लोगों ने अजनबियों का स्वागत करने के द्वारा क्या किया? | कुछ लोगों ने इस बात को जाने बिना ही स्वर्गदूतों का स्वागत किया। | |||
192 | 13:3 | y0k8 | जो लोग जेल में हैं विश्वासी लोगों को उन्हें कैसे स्मरण करना चाहिए? | विश्वासी लोगों को उन्हें ऐसे स्मरण करना चाहिए कि मानो वे भी जेल में ही होंं, और ऐसे कि मानो उनके शरीरों के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया हो। | |||
193 | 13:4 | sc3p | सब लोगों के द्वारा किस बात का आदर किया जाना चाहिए? | सब लोगों के द्वारा विवाह का आदर किया जाना चाहिए। | |||
194 | 13:4 | e6vl | यौन अनैतिक और व्यभिचारियों के साथ परमेश्वर क्या करता है? | यौन अनैतिक और व्यभिचारियों का परमेश्वर न्याय करता है। | |||
195 | 13:5 | yfk7 | कोई विश्वासी जन धन के लोभ से कैसे मुक्त हो सकता है? | कोई विश्वासी जन धन के लोभ से इसलिये मुक्त हो सकता है क्योंकि परमेश्वर ने कहा है कि वह उसे न तो कभी छोड़ेगा और न ही कभी त्यागेगा। | |||
196 | 13:7 | bti3 | विश्वासी लोगों को किसके विश्वास का अनुसरण करना चाहिए? | विश्वासी लोगों को उन लोगों के विश्वास का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने उनकी अगुवाई की और जिन्होंने उन्हें परमेश्वर का वचन सुनाया था। | |||
197 | 13:9 | wmji | विश्वासी लोगों को किस प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के विषय में लेखक चेतावनी देता है? | विश्वासी लोगों को भोजन के विषय में विचित्र शिक्षाओं की लेखक चेतावनी देता है। | |||
198 | 13:11 | jthb | जिन पशुओं का पवित्र स्थान में बलिदान के लिये उपयोग किया गया है उनकी देह को कहाँ जलाया गया था? | उन पशुओं के देह को छावनी के बाहर जलाया गया था। | |||
199 | 13:12 | uumm | यीशु ने कहाँ दुःख उठाया? | यीशु ने नगर के फाटक के बाहर दुःख उठाया। | |||
200 | 13:13 | fyv1 | विश्वासी लोगों को कहाँ जाना चाहिए, और क्यों जाना चाहिए? | विश्वासी लोगों को यीशु की निन्दा को अपने ऊपर लिये हुए, छावनी के बाहर उसके पास जाना चाहिए। | |||
201 | 13:14 | u0fd | विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर कौन सा स्थिर रहने वाला नगर है? | विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर स्थिर रहने वाला कोई नगर नहीं है। | |||
202 | 13:14 | ylu7 | उसके बजाय विश्वासी लोग किस नगर की खोज में हैं? | विश्वासी लोग उस आने वाले नगर की खोज में हैं। | |||
203 | 13:15 | vbld | विश्वासी लोगों को परमेश्वर को कौन सा बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए? | विश्वासी लोगों को परमेश्वर को स्तुतिरूपी बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए। | |||
204 | 13:17 | y6za | विश्वासी लोगों को अपने अगुवों के प्रति कैसा रवैया रखना चाहिए? | विश्वासी लोगों को अपने अगुवों का आज्ञापालन करना चाहिए और उनके अधीन रहना चाहिए। | |||
205 | 13:21 | sw6h | परमेश्वर विश्वासी जन में क्या काम करता है? | परमेश्वर विश्वासी जन में वह काम करता है जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है। | |||
206 | 13:23 | x0ax | लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है तो वह किसके साथ आएगा? | लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है उस समय वह तीमुथियुस के साथ आएगा। |