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1 | Reference | ID | Tags | Quote | Occurrence | Question | Response |
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2 | 1:1 | hjnp | पौलुस मसीह का प्रेरित कैसे हुआ? | पौलुस परमेश्वर की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है। | |||
3 | 1:2 | bq8y | पौलुस और तीमुथियुस में कैसा संबन्ध था? | तीमुथियुस विश्वास में पौलुस का सच्चा पुत्र था। | |||
4 | 1:3 | l80k | तीमुथियुस को कहां रुकना था? | तीमुथियुस को इफिसुस में रहना था। उसे वहां कुछ लोगों को आज्ञा देनी थी कि अन्य प्रकार की शिक्षा न दें। | |||
5 | 1:5 | ougw | पौलुस की आज्ञा और शिक्षा का उद्देश्य क्या था? | पौलुस द्वारा ऐसी आशा देने में निहित लक्ष्य था, शुद्ध मन और अच्छे विवेक और कपट रहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो। | |||
6 | 1:9 | kkrn | व्यवस्था किस के लिए दी गई थी? | व्यवस्था अधर्मियों, निरंकुशों, भक्तिहिनों, पापियों, अपवित्र और अशुद्ध मनुष्यों के लिए है। ऐसे मनुष्यों है घात करनेवाले हत्यारे, व्यभिचारी, मनुष्य के बेचनेवाले, और झूठ बोलनेवाले। | |||
7 | 1:13 | qwg5 | पौलुस पहले कैसे कैसे पाप करता था? | पौलुस स्वयं ही कभी निन्दा करनेवाला, सतानेवाला और एक अन्धेर करनेवाला मनुष्य था। | |||
8 | 1:14 | cyl9 | पौलुस को बहुतायत से क्या प्राप्त हुआ कि उसके परिणाम स्वरूप वह मसीह यीशु प्रेरित हो गया? | पौलुस पर प्रभु का अनुग्रह बहुतायत से हुआ। | |||
9 | 1:15 | qqfe | मसीह यीशु किसका उद्धार करने इस संसार में आया था? | मसीह यीशु इस संसार में पापियों का उद्धार करने आया। पौलुस कहता है कि वह एक उदाहरण हैं क्योंकि वह पापियों में सबसे बड़ा है परन्तु फिर भी उस पर परमेश्वर की दया हुई। | |||
10 | 1:18 | pmg5 | तीमुथियुस के बारे में ऐसा क्या कहा गया था कि पौलुस भी उससे सहमत था? | तीमुथियुस के विषय में जो भविष्यद्वाणियां की गई थीं उनसे पौलुस सहमत था कि वह उस अच्छे विवेक और विश्वास के साथ अच्छी लड़ाई को लड़ता रहे। | |||
11 | 1:20 | tlc7 | पौलुस ने उन लोगों के लिए क्या किया जिन्होने विश्वास तथा अच्छे विवेक का त्याग करके विश्वास रूपी जहाज़ डूबा दिया था? | पौलुस ने उन्हे शैतान को सौंप दिया था कि वे परमेश्वर की निन्दा करना न सीखें। | |||
12 | 2:1 | h6b5 | पौलुस किसके लिए प्रार्थना करने का आग्रह करता है? | पौलुस कहता है कि सबके लिए प्रार्थना की जाए, राजाओं और सब उंचे पद वालों के लिए भी। | |||
13 | 2:2 | e92m | पौलुस मसीही विश्वासियों के लिए कैसे जीवन की मनोकामना करता है? | पौलुस की मनोकामना थी कि वे विश्राम और चैन के साथ भक्ति और गंभीरता से जीवन जीएं। | |||
14 | 2:4 | c3qh | परमेश्वर सब मनुष्यों के लिए क्या चाहता है? | पौलुस की इच्छा थी कि सब मनुष्य उद्धार पाएं और वे सत्य को भली भांति पहचान लें। | |||
15 | 2:5 | p7hz | परमेश्वर और मनुष्य के बीच मसीह यीशु का स्थान क्या है? | मसीह यीशु मनुष्य और परमेश्वर के मध्य एक ही मध्यस्थ है। | |||
16 | 2:6 | suqf | मसीह यीशु ने सब के किए क्या किया है? | मसीह यीशु ने सब के लिए अपने आप को छुटकारे के दाम में दे दिया। | |||
17 | 2:7 | o686 | प्रेरित पौलुस किस के मध्य प्रचार करता है? | पौलुस अन्यजातियों में प्रचारक है। | |||
18 | 2:8 | lav5 | पौलुस विश्वासियों से क्या आशा करता था? | पौलुस चाहता था कि विश्वासी पवित्र हाथों को उठाकर प्रार्थना करें। | |||
19 | 2:9 | q3wk | पौलुस स्त्रियों से कैसी वेशभूषा की अपेक्षा करता था? | स्त्रियां संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारें। | |||
20 | 2:12 | mee2 | पौलुस स्त्रियों का किस बात की अनुमति नहीं देता है? | पौलुस स्त्रियों को अनुमति नहीं देता है कि वे पुरुष को शिक्षा दें या उनपर अधिकार का प्रयोग करें। | |||
21 | 3:1 | no59 | अध्यक्ष का काम कैसा होता है? | जो अध्यक्ष होना चाहे वह भले काम की इच्छा करता है। | |||
22 | 3:2 | sckm | अध्यक्ष को किस योग्य होना चाहिए? | अध्यक्ष को सिखाने में निपुण होना चाहिए। | |||
23 | 3:3 | h6yv | अध्यक्ष शराब और धन के संबन्ध में कैसा हो? | अध्यक्ष पियक्कड़ और धन का लोभी न हो। | |||
24 | 3:4 | axz3 | अध्यक्ष की सन्तान का व्यवहार उसके साथ कैसा हो? | अध्यक्ष की सन्तान उसकी आज्ञाकारी एवं सम्मान करनेवाली हों। | |||
25 | 3:6 | anxr | नया शिष्य अध्यक्ष बने तो क्या खतरा उत्पन्न हो सकता है? | ऐसे में खतरा इस बात का है कि वह अभिमान हो सकता है। | |||
26 | 3:7 | cqjk | बाहर वालों में अध्यक्ष का कैसा मन होना आवश्यक है? | अध्यक्ष को बाहरवालों में भी सुनाम होना है। | |||
27 | 3:10 | dk5k | सेवा में प्रवेश से पूर्व सेवकों के साथ क्या किया जाए? | सेवा में प्रवेश से पूर्व सेवकों को परखा जाए। | |||
28 | 3:11 | jf86 | ईश्वर भक्त स्त्रियों में कैसे गुण होना चाहिए? | स्त्रियों को गंभीर होना है, वे दोष लगानेवाली न हों परन्तु सचेत और सब बातों में विश्वासयोग्य हों। | |||
29 | 3:15 | rnz8 | परमेश्वर घराना क्या है? | परमेश्वर घराना जीवित परमेश्वर की कलीसिया है। | |||
30 | 3:16 | tatg | शरीर में प्रकट होने के बाद, आत्मा में धर्मी ठहरकर स्वर्गदूतों को दिखाई देने के बाद यीशु का क्या हुआ? | यीशु का प्रचार अन्यजातियों में हुआ, जगत में उस पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठाया गया। | |||
31 | 4:1 | q0qt | आत्मा आनेवाले समयों में विश्वासियों के लिए क्या कहता है? | कुछ विश्वासी भटकर कर दुष्ट आत्माओं की शिक्षा में मन लगाएंगे। | |||
32 | 4:4 | vlat | ऐसे लोगों की झूठी शिक्षा क्या है? | वे विवाह और कुछ प्रकार का भोजन निषेध करते हैं। | |||
33 | 4:5 | o0px | किसी प्रकार का भोजन हमारे लिए शुद्ध कैसे होता है? | हम जो कुछ खाते हैं वह परमेश्वर के वचन और प्रार्थना द्वारा शुद्ध हो जाता है। | |||
34 | 4:6 | ke1j | तीमुथियुस ने अच्छी शिक्षाएं पाई थीं तो पौलुस उससे क्या करने के लिए कहता है? | पौलुस तीमुथियुस से आग्रह करता है कि वह सब को यही शिक्षा दे। | |||
35 | 4:7 | wg9k | पौलुस तीमुथियुस को किस बात के पोषण का परामर्श देता है? | पौलुस तीमुथियुस से कहता है कि अच्छे उपदेश की बातों से उसका पोषण होता रहे। | |||
36 | 4:8 | n2th | भक्ति की साधन देह की साधन से अधिक लाभदायक क्यों है? | भक्ति सब बातों के लिए लाभदायक है क्योंकि इस समय और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिए है। | |||
37 | 4:12 | r4l3 | पौलुस को कौन सी बातों में विश्वासियों के लिए आदर्श बनना था? | तीमुथियुस को वचन, और चाल चलन, और प्रेम और विश्वास और पवित्रता में विश्वासियों के लिए आदर्श बनना था। | |||
38 | 4:14 | nisl | तीमुथियुस के पास जो आत्मिक वरदान था वह उसे कैसे प्राप्त हुआ था? | उसे भविष्यद्वाणी द्वारा प्राचीनों के हाथ रखने से आत्मिक वरदान प्राप्त हुआ था। | |||
39 | 4:16 | kuzj | यदि तीमुथियुस अपने जीवन और शिक्षा में बना रहे तो किस का उद्धार होगा? | वह अपने और अपने सुननेवालों के लिए उद्धार का कारण होगा। | |||
40 | 5:1 | vpnn | पौलुस ने वृद्ध पुरुषों के साथ कैसा व्यवहार करने के लिए तीमुथियुस को निर्देश दिया? | पौलुस ने तीमुथियुस से कहा कि वह बूढों को पिता जानकर समझाए। | |||
41 | 5:4 | n7d9 | किसी विधवा के बच्चे या नाती पोते उसके साथ कैसा व्यवहार करें? | किसी विधवा के बच्चे या नाती पोते हों तो वे माता पिता को उनका हक देना तथा उसकी सुधि लेना सीखें। | |||
42 | 5:8 | xepv | जो अपने घराने की चिन्ता न करे तो वह कैसा है? | वह विश्वास से मुकर गया है और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है। | |||
43 | 5:10 | nayu | विधवा किस बात में जानी जाए? | विधवा का भले कामों में नाम हो। | |||
44 | 5:11 | hwbe | जब कोई युवा विधवा आजीवन विधवा रहने का समर्पण करे तब क्या खतरा बना रहता है? | युवा विधवाएं अपने पहले विश्वास को त्याग कर विवाह करना चाहती हैं। | |||
45 | 5:14 | m6bu | पौलुस जवान विधवाओं के लिए क्या सोचता था? | पौलुस चाहता था कि जवान विधवाएं विवाह करें और बच्चे जनें और घरबार संभालें। | |||
46 | 5:17 | iztd | अच्चा प्रबन्ध करनेवाले प्राचीनों के साथ कैसा व्यवहार करना आवश्यक है? | जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं वे दो गुने आदर के योग्य समझे जाएं। | |||
47 | 5:19 | u1s6 | किसी प्राचीन पर दोष लगाया जाए तो क्या आवश्यक है? | किसी प्राचीन के विरुद्ध दोषारोपण में दो या तीन गवाह होना आवश्यक है। | |||
48 | 5:21 | fnpe | पौलुस तीमुथियुस को इन नियमों के पालन में कैसा व्यवहार करने की चेतावनी देता है? | पौलुस तीमुथियुस को आज्ञा देता है कि वह कोई काम पक्षपात से न करे। | |||
49 | 5:24 | zunq | कुछ लोगों के पाप कब तक गुप्त रहते हैं? | कुछ लोगों के पाप न्याय होने तक गुप्त रहते हैं। | |||
50 | 6:1 | najb | पौलुस स्वामियों के प्रति दासों को क्या निर्देश देता है? | पौलुस कहता है कि दास अपने स्वामियों को आदर के योग्य समझें। | |||
51 | 6:3 | ahmd | खरी बातों को और भक्ति के उपदेशों को अस्वीकार करनेवाला मनुष्य क्या है? | जो मनुष्य खरी बातों को और भक्ति के आदेशों को नहीं मानता वह अभिमानी हो गया है और कुछ नहीं जानता है। | |||
52 | 6:6 | irxo | पौलुस बड़ा लाभ किसे कहता है? | पौलुस कहता है कि सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। | |||
53 | 6:7 | uj9i | हमें भोजन और वस्त्रों में सन्तोष क्यों करना है? | हम न जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। | |||
54 | 6:9 | i1tt | धनवान होने की इच्छा रखनेवाले किसमें पड़ जाते हैं? | जो धनवान होना चाहते हैं वे परीक्षाओं और फंदे में पड़ जाते हैं। | |||
55 | 6:10 | t95k | सब प्रकार की बुराइयों की जड़ क्या है? | रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है। कुछ लोग पैसों के लोभ के कारण विश्वास से भटक गए हैं। | |||
56 | 6:12 | r27a | पौलुस तीमुथियुस को कैसी कुश्ती लड़ने के लिए कहता है? | पौलुस कहता है कि तीमुथियुस को विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़ना है। | |||
57 | 6:16 | r8i2 | वह परम धन्य और एक मात्र अधिपति कहां रहता है? | वह परम धन्य अगम्य ज्योति में रहता है और न उसे किसी मनुष्य ने देखा। | |||
58 | 6:17 | f0us | धनवान चंचल धन की अपेक्षा परमेश्वर पर आशा क्यों रखें? | परमेश्वर हमारे सुख के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है। | |||
59 | 6:19 | ed4q | अच्छे कामों के धनी अपने लिए क्या करते हैं? | जो अच्छे कामों धनी हों वे आगे के लिए एक अच्छी नींव डालते हैं और सच्चे जीवन को वश में कर लेते हैं। | |||
60 | 6:20 | ppzl | अन्त में पौलुस इस धरोहर के विषय तीमुथियुस को क्या निर्देश देता हैं? | पौलुस तीमुथियुस से कहता है कि वह इस धरोहर की रखवाली करे। |