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\v 20 फिर यशायाह बड़े साहस के साथ कहता है,
“जो मुझे नहीं ढूँढ़ते थे, उन्होंने मुझे पा लिया;
और जो मुझे पूछते भी न थे, उन पर मैं प्रगट हो गया।” \v 21 परन्तु इस्राएल के विषय में वह यह कहता है “मैं सारे दिन अपने हाथ एक आज्ञा न माननेवाली और विवाद करनेवाली प्रजा की ओर पसारे रहा।” (यशा. 65:1-2)