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\v 19 फिर तू कहेगा, “डालियाँ इसलिए तोड़ी गई, कि मैं साटा जाऊँ।” \v 20 भला, वे तो अविश्वास के कारण तोड़ी गई, परन्तु तू विश्वास से बना रहता है इसलिए अभिमानी न हो, परन्तु भय मान, \v 21 क्योंकि जब परमेश्‍वर ने स्वाभाविक डालियाँ न छोड़ी, तो तुझे भी न छोड़ेगा।