\v 16 परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया। यशायाह कहता है, “हे प्रभु, किस ने हमारे समाचार पर विश्वास किया है?” (यशा. 53:1) \v 17 इसलिए विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।