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\v 3 यदि कुछ विश्वासघाती निकले भी तो क्या हुआ? क्या उनके विश्वासघाती होने से परमेश्वर की सच्चाई व्यर्थ ठहरेगी? \v 4 कदापि नहीं! वरन् परमेश्वर सच्चा और हर एक मनुष्य झूठा ठहरे, जैसा लिखा है,
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“जिससे तू अपनी बातों में धर्मी ठहरे
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और न्याय करते समय तू जय पाए।” (भज. 51:4, भज. 116:11) |