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\v 9 तो फिर क्या हुआ? क्या हम उनसे अच्छे हैं? कभी नहीं; क्योंकि हम यहूदियों और यूनानियों दोनों पर यह दोष लगा चुके हैं कि वे सब के सब पाप के वश में हैं। \v 10 जैसा लिखा है:
“कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं। (सभो. 7:20)