\v 4 काम करनेवाले की मजदूरी देना दान नहीं, परन्तु हक़ समझा जाता है। \v 5 परन्तु जो काम नहीं करता वरन् भक्तिहीन के धर्मी ठहरानेवाले पर विश्वास करता है, उसका विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना जाता है।