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\v 10 फिर कहा है,
“हे जाति-जाति के सब लोगों, उसकी प्रजा के साथ आनन्द करो।” \v 11 और फिर,
“हे जाति-जाति के सब लोगों, प्रभु की स्तुति करो;
और हे राज्य-राज्य के सब लोगों; उसकी स्तुति करो।” (भज. 117:1)