From 40b10d7415e1bfff7db53069b8e3a59f714e955e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 12 Nov 2024 14:54:06 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 12 2024 14:54:06 GMT+0530 (India Standard Time) --- 05/03.txt | 2 +- 05/06.txt | 1 + 05/08.txt | 1 + manifest.json | 4 +++- 4 files changed, 6 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 05/06.txt create mode 100644 05/08.txt diff --git a/05/03.txt b/05/03.txt index b08d969..da8f4db 100644 --- a/05/03.txt +++ b/05/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 \v 4 \v 5 3 केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज, \v 4 और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्‍पन्‍न होती है; \v 5 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। \ No newline at end of file +\v 3 केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज, \v 4 और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्‍पन्‍न होती है; \v 5 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। \ No newline at end of file diff --git a/05/06.txt b/05/06.txt new file mode 100644 index 0000000..718d361 --- /dev/null +++ b/05/06.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। \v 7 किसी धर्मी जन* के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का धैर्य दिखाए। \ No newline at end of file diff --git a/05/08.txt b/05/08.txt new file mode 100644 index 0000000..90676f4 --- /dev/null +++ b/05/08.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 8 \v 9 8 परन्तु परमेश्‍वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 9 तो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्‍वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index fbc47da..8642753 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -94,6 +94,8 @@ "04-20", "04-23", "05-title", - "05-01" + "05-01", + "05-03", + "05-06" ] } \ No newline at end of file