Wed Nov 13 2024 13:10:43 GMT+0530 (India Standard Time)
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63fc0a903b
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2b8b73c8d5
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\v 22 तेरा जो विश्वास हो, उसे परमेश्वर के सामने अपने ही मन में रख*। धन्य है वह, जो उस बात में, जिसे वह ठीक समझता है, अपने आप को दोषी नहीं ठहराता। \v 23 परन्तु जो सन्देह कर के खाता है, वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता, और जो कुछ विश्वास से नहीं, वह पाप है।
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"14-14",
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"14-16",
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"14-18",
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"14-20"
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"14-20",
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"14-22"
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