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017186331d
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\v 10 तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़े होंगे। \v 11 क्योंकि लिखा है,
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“प्रभु कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध कि हर एक घुटना मेरे सामने टिकेगा,
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और हर एक जीभ परमेश्वर को अंगीकार करेगी।” (यशा. 45:23, यशा. 49:18)
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\v 12 तो फिर, हम में से हर एक परमेश्वर को अपना-अपना लेखा देगा। \v 13 इसलिए आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ पर तुम यही ठान लो कि कोई अपने भाई के सामने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे।
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"14-01",
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"14-01",
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"14-03",
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"14-03",
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"14-05",
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"14-05",
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"14-07"
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"14-07",
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"14-10",
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"14-12"
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