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\v 10 जब वह अकेला रह गया, तो उसके साथियों ने उन बारह समेत उससे इन दृष्टान्तों के विषय में पूछा। \v 11 उसने उनसे कहा, “तुम को तो परमेश्‍वर के राज्य के भेद की समझ दी गई है, परन्तु बाहरवालों के लिये सब बातें दृष्टान्तों में होती हैं। \v 12 इसलिए कि
“वे देखते हुए देखें और उन्हें दिखाई न पड़े
और सुनते हुए सुनें भी और न समझें;
ऐसा न हो कि वे फिरें, और क्षमा किए जाएँ।” (यशा. 6:9-10, यिर्म. 5:21)