hi_mrk_text_reg/04/30.txt

1 line
860 B
Plaintext

\v 30 फिर उसने कहा, “हम परमेश्‍वर के राज्य की तुलना किससे करे, और किस दृष्टान्त से उसका वर्णन करें? \v 31 वह राई के दाने के समान हैं; कि जब भूमि में बोया जाता है तो भूमि के सब बीजों से छोटा होता है। \v 32 परन्तु जब बोया गया, तो उगकर सब साग-पात से बड़ा हो जाता है, और उसकी ऐसी बड़ी डालियाँ निकलती हैं, कि आकाश के पक्षी उसकी छाया में बसेरा कर सकते हैं।”