\v 47 और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। \v 48 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती। (यशा. 66:24)