From f1d68401a039f24869f6fc3c2f7146f091348c3f Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 20 Nov 2024 13:19:37 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 20 2024 13:19:37 GMT+0530 (India Standard Time) --- 15/39.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 2 files changed, 3 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 15/39.txt diff --git a/15/39.txt b/15/39.txt new file mode 100644 index 0000000..0338310 --- /dev/null +++ b/15/39.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 39 जो सूबेदार उसके सामने खड़ा था, जब उसे यूँ चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उसने कहा, “सचमुच यह मनुष्य, परमेश्‍वर का पुत्र था!” \v 40 कई स्त्रियाँ भी दूर से देख रही थीं: उनमें मरियम मगदलीनी, और छोटे याकूब और योसेस की माता मरियम, और सलोमी थीं। \v 41 जब वह गलील में था तो ये उसके पीछे हो लेती थीं और उसकी सेवा-टहल किया करती थीं; और भी बहुत सी स्त्रियाँ थीं, जो उसके साथ यरूशलेम में आई थीं। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index fd6f085..cdf52e6 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -308,6 +308,7 @@ "15-29", "15-31", "15-33", - "15-36" + "15-36", + "15-39" ] } \ No newline at end of file