From d78b987bbbdc10d913188c7582083d79975f324e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 13 Nov 2024 15:54:25 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 13 2024 15:54:25 GMT+0530 (India Standard Time) --- 01/29.txt | 2 +- 01/32.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 01/32.txt diff --git a/01/29.txt b/01/29.txt index fcbab3d..8129c93 100644 --- a/01/29.txt +++ b/01/29.txt @@ -1 +1 @@ -\v 29 \v 30 \v 31 29 और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। \v 30और शमौन की सास तेज बुखार से पीड़ित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उससे कहा। \v 31 तब उसने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उस पर से उतर गया, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगी। \ No newline at end of file +\v 29 और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। \v 30 और शमौन की सास तेज बुखार से पीड़ित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उससे कहा। \v 31 तब उसने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उस पर से उतर गया, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगी। \ No newline at end of file diff --git a/01/32.txt b/01/32.txt new file mode 100644 index 0000000..7e14e60 --- /dev/null +++ b/01/32.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 32 \v 33 \v 34 32 संध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें, जिनमें दुष्टात्माएँ थीं, उसके पास लाए। 33 और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ। 34 और उसने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुःखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c3096be..5120128 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -48,6 +48,7 @@ "01-19", "01-21", "01-23", - "01-27" + "01-27", + "01-29" ] } \ No newline at end of file