From d684430d9fb7f06e2840b90de4a7526f9877e1d2 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 20 Nov 2024 13:03:36 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 20 2024 13:03:36 GMT+0530 (India Standard Time) --- 15/19.txt | 3 +-- 15/22.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 3 deletions(-) create mode 100644 15/22.txt diff --git a/15/19.txt b/15/19.txt index 94e4af8..ecbf864 100644 --- a/15/19.txt +++ b/15/19.txt @@ -1,2 +1 @@ - 19 वे उसके सिर पर सरकण्डे मारते, और उस पर थूकते, और घुटने टेककर उसे प्रणाम करते रहे। 20 जब वे उसका उपहास कर चुके, तो उस पर बैंगनी वस्त्र उतारकर उसी के कपड़े पहनाए; और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिये बाहर ले गए। -21 सिकन्दर और रूफुस का पिता शमौन, नाम एक कुरेनी* मनुष्य, जो गाँव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। \ No newline at end of file +\v 19 वे उसके सिर पर सरकण्डे मारते, और उस पर थूकते, और घुटने टेककर उसे प्रणाम करते रहे। \v 20 जब वे उसका उपहास कर चुके, तो उस पर बैंगनी वस्त्र उतारकर उसी के कपड़े पहनाए; और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिये बाहर ले गए। \v 21 सिकन्दर और रूफुस का पिता शमौन, नाम एक कुरेनी* मनुष्य, जो गाँव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। \ No newline at end of file diff --git a/15/22.txt b/15/22.txt new file mode 100644 index 0000000..3c218a8 --- /dev/null +++ b/15/22.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 22 \v 23 \v 24 22 और वे उसे गुलगुता* नामक जगह पर, जिसका अर्थ खोपड़ी का स्थान है, लाए। 23 और उसे गन्धरस मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया। 24 तब उन्होंने उसको क्रूस पर चढ़ाया*, और उसके कपड़ों पर चिट्ठियाँ डालकर, कि किस को क्या मिले, उन्हें बाँट लिया। (भज. 22:18) \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index b33cbca..256b557 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -301,6 +301,7 @@ "15-09", "15-12", "15-14", - "15-16" + "15-16", + "15-19" ] } \ No newline at end of file