From c000830cfda28f19028240f73bfa53da2156dc60 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Thu, 14 Nov 2024 15:04:26 +0530 Subject: [PATCH] Thu Nov 14 2024 15:04:25 GMT+0530 (India Standard Time) --- 05/21.txt | 1 + 1 file changed, 1 insertion(+) create mode 100644 05/21.txt diff --git a/05/21.txt b/05/21.txt new file mode 100644 index 0000000..9214de4 --- /dev/null +++ b/05/21.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 21 जब यीशु फिर नाव से पार गया, तो एक बड़ी भीड़ उसके पास इकट्ठी हो गई; और वह झील के किनारे था। \v 22 और याईर नामक आराधनालय के सरदारों* में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पाँवों पर गिरा। \v 23 और उसने यह कहकर बहुत विनती की, “मेरी छोटी बेटी मरने पर है: तू आकर उस पर हाथ रख, कि वह चंगी होकर जीवित रहे।” \v 24 तब वह उसके साथ चला; और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली, यहाँ तक कि लोग उस पर गिरे पड़ते थे। \ No newline at end of file