Wed Nov 20 2024 13:11:36 GMT+0530 (India Standard Time)
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662431dd6b
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b56de1d34f
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\v 29 और मार्ग में जानेवाले सिर हिला-हिलाकर और यह कहकर उसकी निन्दा करते थे, “वाह! मन्दिर के ढानेवाले, और तीन दिन में बनानेवाले! (भज. 22:7, भज. 109:25) \v 30 क्रूस पर से उतर कर अपने आप को बचा ले।”
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\v 31 \v 32 31 इसी तरह से प्रधान याजक भी, शास्त्रियों समेत, आपस में उपहास करके कहते थे; “इसने औरों को बचाया, पर अपने को नहीं बचा सकता। 32 इस्राएल का राजा, मसीह, अब क्रूस पर से उतर आए कि हम देखकर विश्वास करें।” और जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे, वे भी उसकी निन्दा करते थे।
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"15-16",
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"15-19",
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"15-22",
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"15-25"
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"15-25",
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"15-29"
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