Thu Nov 14 2024 15:20:26 GMT+0530 (India Standard Time)
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393c65431b
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81aeb05d72
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\v 30 यीशु ने तुरन्त अपने में जान लिया, कि मुझसे सामर्थ्य निकली है*, और भीड़ में पीछे फिरकर पूछा, “मेरा वस्त्र को किसने छुआ?” \v 31 उसके चेलों ने उससे कहा, “तू देखता है, कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता है; कि किसने मुझे छुआ?” \v 32 तब उसने उसे देखने के लिये जिसने यह काम किया था, चारों ओर दृष्टि की।
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\v 30 यीशु ने तुरन्त अपने में जान लिया, कि मुझसे सामर्थ्य निकली है*, और भीड़ में पीछे फिरकर पूछा, “मेरा वस्त्र को किसने छुआ?” \v 31 उसके चेलों ने उससे कहा, “तू देखता है, कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता है; कि किसने मुझे छुआ?” \v 32 तब उसने उसे देखने के लिये जिसने यह काम किया था, चारों ओर दृष्टि की।
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33 तब वह स्त्री यह जानकर, कि उसके साथ क्या हुआ है, डरती और काँपती हुई आई, और उसके पाँवों पर गिरकर, उससे सब हाल सच-सच कह दिया। 34 उसने उससे कहा, “पुत्री, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है: कुशल से जा, और अपनी इस बीमारी से बची रह।” (लूका 8:48)
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"05-18",
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"05-21",
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"05-25",
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"05-28",
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"05-30"
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