Thu Nov 14 2024 13:33:45 GMT+0530 (India Standard Time)
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ec461e927a
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6fb652fa27
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\v 30 \v 31 \v 32 30 फिर उसने कहा, “हम परमेश्वर के राज्य की उपमा किससे दें, और किस दृष्टान्त से उसका वर्णन करें? 31 वह राई के दाने के समान हैं; कि जब भूमि में बोया जाता है तो भूमि के सब बीजों से छोटा होता है। 32 परन्तु जब बोया गया, तो उगकर सब साग-पात से बड़ा हो जाता है, और उसकी ऐसी बड़ी डालियाँ निकलती हैं, कि आकाश के पक्षी उसकी छाया में बसेरा कर सकते हैं।”
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\v 30 फिर उसने कहा, “हम परमेश्वर के राज्य की तुलना किससे करे, और किस दृष्टान्त से उसका वर्णन करें? \v 31 वह राई के दाने के समान हैं; कि जब भूमि में बोया जाता है तो भूमि के सब बीजों से छोटा होता है। \v 32 परन्तु जब बोया गया, तो उगकर सब साग-पात से बड़ा हो जाता है, और उसकी ऐसी बड़ी डालियाँ निकलती हैं, कि आकाश के पक्षी उसकी छाया में बसेरा कर सकते हैं।”
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"04-18",
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"04-21",
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"04-24",
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"04-26"
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"04-26",
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"04-30"
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