From 63366948495f5c7305d958d664fc8833bda7c978 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 20 Nov 2024 13:01:36 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 20 2024 13:01:36 GMT+0530 (India Standard Time) --- 15/16.txt | 2 +- 15/19.txt | 2 ++ manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 5 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 15/19.txt diff --git a/15/16.txt b/15/16.txt index a0316be..e0c7bb6 100644 --- a/15/16.txt +++ b/15/16.txt @@ -1 +1 @@ -\v 16 \v 17 \v 18 16 सिपाही उसे किले के भीतर आँगन में ले गए जो प्रीटोरियुम कहलाता है, और सारे सैनिक दल को बुला लाए। 17 और उन्होंने उसे बैंगनी वस्त्र पहनाया और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, 18 और यह कहकर उसे नमस्कार करने लगे, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!” \ No newline at end of file +\v 16 सिपाही उसे किले के भीतर आँगन में ले गए जो प्रीटोरियुम कहलाता है, और सारे सैनिक दल को बुला लाए। \v 17 और उन्होंने उसे बैंगनी वस्त्र पहनाया और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, \v 18 और यह कहकर उसे नमस्कार करने लगे, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!” \ No newline at end of file diff --git a/15/19.txt b/15/19.txt new file mode 100644 index 0000000..94e4af8 --- /dev/null +++ b/15/19.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 19 वे उसके सिर पर सरकण्डे मारते, और उस पर थूकते, और घुटने टेककर उसे प्रणाम करते रहे। 20 जब वे उसका उपहास कर चुके, तो उस पर बैंगनी वस्त्र उतारकर उसी के कपड़े पहनाए; और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिये बाहर ले गए। +21 सिकन्दर और रूफुस का पिता शमौन, नाम एक कुरेनी* मनुष्य, जो गाँव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 59ec00a..b33cbca 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -300,6 +300,7 @@ "15-06", "15-09", "15-12", - "15-14" + "15-14", + "15-16" ] } \ No newline at end of file