From 61f8fb1911c73918bdad726707978eecac837746 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 19 Nov 2024 13:58:35 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 19 2024 13:58:35 GMT+0530 (India Standard Time) --- 10/32.txt | 1 + 1 file changed, 1 insertion(+) create mode 100644 10/32.txt diff --git a/10/32.txt b/10/32.txt new file mode 100644 index 0000000..5aca86b --- /dev/null +++ b/10/32.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 32 \v 33 \v 34 32 और वे यरूशलेम को जाते हुए मार्ग में थे, और यीशु उनके आगे-आगे जा रहा था : और चेले अचम्भा करने लगे और जो उसके पीछे-पीछे चलते थे वे डरे हुए थे, तब वह फिर उन बारहों को लेकर उनसे वे बातें कहने लगा, जो उस पर आनेवाली थीं। 33 “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको मृत्यु के योग्य ठहराएँगे, और अन्यजातियों के हाथ में सौंपेंगे। \v 34 और वे उसका उपहास करेंगे, उस पर थूकेंगे, उसे कोड़े मारेंगे, और उसे मार डालेंगे, और तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।” \ No newline at end of file