diff --git a/10/43.txt b/10/43.txt index 507c25f..6c9cdd5 100644 --- a/10/43.txt +++ b/10/43.txt @@ -1 +1 @@ -\v 43 \v 44 \v 45 43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन् जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने; \v 44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। \v 45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिए नहीं आया, कि उसकी सेवा टहल की जाए, पर इसलिए आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों के छुटकारे के लिये अपना प्राण दे।” \ No newline at end of file +\v 43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन् जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने; \v 44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। \v 45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिए नहीं आया, कि उसकी सेवा टहल की जाए, पर इसलिए आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों के छुटकारे के लिये अपना प्राण दे।” \ No newline at end of file diff --git a/10/46.txt b/10/46.txt new file mode 100644 index 0000000..ffad4db --- /dev/null +++ b/10/46.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 46 वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तब तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अंधा भिखारी, सड़क के किनारे बैठा था। \v 47 वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार-पुकारकर कहने लगा “हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।” \v 48 बहुतों ने उसे डाँटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, “हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 16e346e..d9c90e7 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -214,6 +214,7 @@ "10-32", "10-35", "10-38", - "10-41" + "10-41", + "10-43" ] } \ No newline at end of file