From 540a272eacbdbc1fc32dde6c268806412a46ed36 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 19 Nov 2024 14:16:37 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 19 2024 14:16:37 GMT+0530 (India Standard Time) --- 10/46.txt | 2 +- 10/49.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 10/49.txt diff --git a/10/46.txt b/10/46.txt index ffad4db..c03d710 100644 --- a/10/46.txt +++ b/10/46.txt @@ -1 +1 @@ -\v 46 वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तब तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अंधा भिखारी, सड़क के किनारे बैठा था। \v 47 वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार-पुकारकर कहने लगा “हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।” \v 48 बहुतों ने उसे डाँटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, “हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।” \ No newline at end of file +\v 46 वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तब तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अंधा भिखारी, सड़क के किनारे बैठा था। \v 47 वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार-पुकारकर कहने लगा “हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।” \v 48 बहुतों ने उसे डाँटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, “हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।” \ No newline at end of file diff --git a/10/49.txt b/10/49.txt new file mode 100644 index 0000000..aeddcaf --- /dev/null +++ b/10/49.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 49 तब यीशु ने ठहरकर कहा, “उसे बुलाओ।” और लोगों ने उस अंधे को बुलाकर उससे कहा, “धैर्य रख, उठ, वह तुझे बुलाता है।” \v 50 वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index d9c90e7..62e9593 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -215,6 +215,7 @@ "10-35", "10-38", "10-41", - "10-43" + "10-43", + "10-46" ] } \ No newline at end of file