From 2f1f970a3491ee594aa0868b4afc9b3eb1a12ae9 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 19 Nov 2024 13:03:35 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 19 2024 13:03:34 GMT+0530 (India Standard Time) --- 10/20.txt | 2 +- manifest.json | 3 ++- 2 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/10/20.txt b/10/20.txt index eeabfc5..a965ca1 100644 --- a/10/20.txt +++ b/10/20.txt @@ -1 +1 @@ -20 उसने उससे कहा, “हे गुरु, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूँ।” 21 यीशु ने उस पर दृष्टि करके उससे प्रेम किया, और उससे कहा, “तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेचकर गरीबों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।” 22 इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। \ No newline at end of file +\v 20 उसने उससे कहा, “हे गुरु, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूँ।” \v 21 यीशु ने उस पर दृष्टि करके उससे प्रेम किया, और उससे कहा, “तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेचकर गरीबों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।” \v 22 इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index e2953b1..535ce02 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -206,6 +206,7 @@ "10-10", "10-13", "10-15", - "10-17" + "10-17", + "10-20" ] } \ No newline at end of file