From 15bff575eb33b5199bc81b0d1b87edba150a2276 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Thu, 14 Nov 2024 16:11:03 +0530 Subject: [PATCH] Thu Nov 14 2024 16:11:03 GMT+0530 (India Standard Time) --- 06/04.txt | 2 +- 06/07.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 06/07.txt diff --git a/06/04.txt b/06/04.txt index 7a2e06a..7489280 100644 --- a/06/04.txt +++ b/06/04.txt @@ -1 +1 @@ -\v 4 \v 5 \v 6 4 यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्ता का अपने देश और अपने कुटुम्ब और अपने घर को छोड़ और कहीं भी निरादर नहीं होता।” 5 और वह वहाँ कोई सामर्थ्य का काम न कर सका, केवल थोड़े बीमारों पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया। \v 6 और उसने उनके अविश्वास पर आश्चर्य किया और चारों ओर से गाँवों में उपदेश करता फिरा। \ No newline at end of file +\v 4 यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्ता का अपने देश और अपने कुटुम्ब और अपने घर को छोड़ और कहीं भी निरादर नहीं होता।” \v 5 और वह वहाँ कोई सामर्थ्य का काम न कर सका, केवल थोड़े बीमारों पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया। \v 6 और उसने उनके अविश्वास पर आश्चर्य किया और चारों ओर से गाँवों में उपदेश करता फिरा। \ No newline at end of file diff --git a/06/07.txt b/06/07.txt new file mode 100644 index 0000000..d9a0493 --- /dev/null +++ b/06/07.txt @@ -0,0 +1 @@ +7 और वह बारहों को अपने पास बुलाकर उन्हें दो-दो करके भेजने लगा; और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया। 8 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि “मार्ग के लिये लाठी छोड़ और कुछ न लो; न तो रोटी, न झोली, न पटुके में पैसे। 9 परन्तु जूतियाँ पहनो और दो-दो कुर्ते न पहनो।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 0596e93..8a0f284 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -123,6 +123,7 @@ "05-39", "05-41", "06-title", - "06-01" + "06-01", + "06-04" ] } \ No newline at end of file