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\v 24 और जो लोग निकट खड़े थे, उसने उनसे कहा, ‘वह मुहर उससे ले लो, और जिसके पास दस मुहरें हैं उसे दे दो।’ \v 25 उन्होंने उससे कहा, ‘हे स्वामी, उसके पास दस मुहरें तो हैं।’