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\v 14 इसलिए अपने-अपने मन में ठान रखो कि तुम पहले से उत्तर देने की चिन्ता न करो। \v 15 क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी बोल और बुद्धि दूँगा, कि तुम्हारे सब विरोधी सामना या खण्डन न कर सकेंगे।