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\v 78 यह हमारे परमेश्‍वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; \p जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। \p \v 79 कि अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, \p और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।” (यशा. 58:8, यशा. 60:1-2, यशा. 9:2)