\v 30 मनुष्य के पुत्र के प्रगट होने के दिन भी ऐसा ही होगा। \v 31 “उस दिन जो छत पर हो; और उसका सामान घर में हो, वह उसे लेने को न उतरे, और वैसे ही जो खेत में हो वह पीछे न लौटे।