hi_luk_text_ulb/12/33.txt

1 line
620 B
Plaintext

\v 33 अपनी संपत्ति बेचकर* दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात् स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं, जिसके निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नाश नहीं करता। \v 34 क्योंकि जहाँ तुम्हारा धन है, वहाँ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।