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\v 41 जब आनन्द के मारे उनको विश्वास नहीं हो रहा था, और आश्चर्य करते थे, तो उसने उनसे पूछा, “क्या यहाँ तुम्हारे पास कुछ भोजन है?” \v 42 उन्होंने उसे भुनी मछली का टुकड़ा दिया। \v 43 उसने लेकर उनके सामने खाया।