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\v 3 ‘हमारी दिन भर की रोटी हर दिन हमें दिया कर। \v 4 ‘और हमारे पापों को क्षमा कर,
क्योंकि हम भी अपने हर एक अपराधी को क्षमा करते हैं*,
और हमें परीक्षा में न ला’।”
माँगते रहो