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\c 5 \v 1 जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी, और परमेश्‍वर का वचन सुनती थी, और वह गन्नेसरत की झील* के किनारे पर खड़ा था, तो ऐसा हुआ। \v 2 कि उसने झील के किनारे दो नावें लगी हुई देखीं, और मछवे उन पर से उतरकर जाल धो रहे थे। \v 3 उन नावों में से एक पर, जो शमौन की थी, चढ़कर, उसने उससे कहा की, कि किनारे से थोड़ा हटा ले चले, तब वह बैठकर लोगों को नाव पर से उपदेश देने लगा।