\v 30 क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है। \v 31 जिसे तूने सब देशों के लोगों के सामने तैयार किया है। (यशा. 40:5) \v 32 कि वह अन्यजातियों को सत्य प्रकट करने के लिए एक ज्योति हो, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।” (यशा. 42:6, यशा. 49:6)