\v 46 तब मरियम ने कहा, “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है। \v 47 और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्‍वर से आनन्दित हुई। (1 शमू. 2:1)