\v 40 सूरज डूबते समय जिन-जिनके यहाँ लोग नाना प्रकार की बीमारियों में पड़े हुए थे, वे सब उन्हें उसके पास ले आएँ, और उसने एक-एक पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया। \v 41 और दुष्टात्मा चिल्लाती और यह कहती हुई, “तू परमेश्‍वर का पुत्र है,” बहुतों में से निकल गई पर वह उन्हें डाँटता और बोलने नहीं देता था, क्योंकि वे जानती थी, कि यह मसीह है।