Mon Dec 02 2024 13:33:51 GMT+0530 (India Standard Time)
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5eba8d3423
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e393adaad7
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\v 22 उसने उससे कहा, ‘हे दुष्ट दास, मैं तेरे ही मुँह से* तुझे दोषी ठहराता हूँ। तू मुझे जानता था कि मैं कठोर मनुष्य हूँ, जो मैंने नहीं रखा उसे उठा लेता हूँ, और जो मैंने नहीं बोया, उसे काटता हूँ; \v 23 तो तूने मेरे रुपये सर्राफों को क्यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
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\v 22 उसने उससे कहा, ‘हे दुष्ट दास, मैं तेरे ही मुँह से* तुझे दोषी ठहराता हूँ। तू मुझे जानता था कि मैं कठोर मनुष्य हूँ, जो मैंने नहीं रखा उसे उठा लेता हूँ, और जो मैंने नहीं बोया, उसे काटता हूँ; \v 23 तो तूने मेरे रुपये साहूकार के पास क्यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
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\v 15 न हेरोदेस ने, क्योंकि उसने उसे हमारे पास लौटा दिया है: और देखो, उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए। \v 16 इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” \v 17 (क्यूंकि पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था।)
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\v 15 न हेरोदेस ने, क्योंकि उसने उसे हमारे पास लौटा दिया है: और देखो, उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए। \v 16 इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” \v 17 (क्योंकि पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था।)
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"19-16",
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"23-08",
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