diff --git a/19/26.txt b/19/26.txt index 39b7f64..ed19d91 100644 --- a/19/26.txt +++ b/19/26.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 26 ‘मैं तुम से कहता हूँ, कि जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा; और जिसके पास नहीं, उससे वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा। \v 27 परन्तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूँ, उनको यहाँ लाकर मेरे सामने मार डालो’।” यरूशलेम में विजय प्रवेश \ No newline at end of file +\v 26 ‘मैं तुम से कहता हूँ, कि जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा; और जिसके पास नहीं, उससे वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा। \v 27 परन्तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूँ, उनको यहाँ लाकर मेरे सामने मार डालो’।” +यरूशलेम में विजय प्रवेश \ No newline at end of file diff --git a/19/37.txt b/19/37.txt index b4731b8..ac81058 100644 --- a/19/37.txt +++ b/19/37.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुँचा, तो चेलों की सारी मण्डली उन सब सामर्थ्य के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्दित होकर बड़े शब्द से परमेश्‍वर की स्तुति करने लगी: (जक. 9:9) \v 38 “धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है! -स्वर्ग में शान्ति और आकाश में महिमा हो!” (भज. 72:18-19, भज. 118:26) \ No newline at end of file +\v 37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुँचा, तो चेलों की सारी मण्डली उन सब सामर्थ्य के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्दित होकर बड़े शब्द से परमेश्‍वर की स्तुति करने लगी: (जक. 9:9) \v 38 “धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है! स्वर्ग में शान्ति और आकाश में महिमा हो!” (भज. 72:18-19, भज. 118:26) \ No newline at end of file diff --git a/19/39.txt b/19/39.txt index 0c8dedd..9e8073f 100644 --- a/19/39.txt +++ b/19/39.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उससे कहने लगे, “हे गुरु, अपने चेलों को डाँट।” \v 40 उसने उत्तर दिया, “मैं तुम में से कहता हूँ, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।” यरूशलेम के लिये विलाप \ No newline at end of file +\v 39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उससे कहने लगे, “हे गुरु, अपने चेलों को डाँट।” \v 40 उसने उत्तर दिया, “मैं तुम में से कहता हूँ, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।” +यरूशलेम के लिये विलाप \ No newline at end of file diff --git a/19/43.txt b/19/43.txt index fa5001e..33f0119 100644 --- a/19/43.txt +++ b/19/43.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 43 क्योंकि वे दिन तुझ पर आएँगे कि तेरे बैरी मोर्चा बाँधकर तुझे घेर लेंगे, और चारों ओर से तुझे दबाएँगे। \v 44 और तुझे और तेरे साथ तेरे बालकों को, मिट्टी में मिलाएँगे, और तुझ में पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे; क्योंकि तूने वह अवसर जब तुझ पर कृपादृष्‍टि की गई न पहचाना।” मन्दिर की सफाई \ No newline at end of file +\v 43 क्योंकि वे दिन तुझ पर आएँगे कि तेरे बैरी मोर्चा बाँधकर तुझे घेर लेंगे, और चारों ओर से तुझे दबाएँगे। \v 44 और तुझे और तेरे साथ तेरे बालकों को, मिट्टी में मिलाएँगे, और तुझ में पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे; क्योंकि तूने वह अवसर जब तुझ पर कृपादृष्‍टि की गई न पहचाना।” +मन्दिर की सफाई \ No newline at end of file diff --git a/20/07.txt b/20/07.txt index e0988a3..7902cd6 100644 --- a/20/07.txt +++ b/20/07.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 7 अतः उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं जानते, कि वह किस की ओर से था।” \v 8 यीशु ने उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता कि मैं ये काम किस अधिकार से करता हूँ।” दुष्ट किसानों का दृष्टान्त \ No newline at end of file +\v 7 अतः उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं जानते, कि वह किस की ओर से था।” \v 8 यीशु ने उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता कि मैं ये काम किस अधिकार से करता हूँ।” +दुष्ट किसानों का दृष्टान्त \ No newline at end of file diff --git a/20/17.txt b/20/17.txt index 31364d9..1caaf5c 100644 --- a/20/17.txt +++ b/20/17.txt @@ -1,3 +1,4 @@ \v 17 उसने उनकी ओर देखकर कहा, “फिर यह क्या लिखा है: ‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, -वही कोने का सिरा हो गया।’ (भज. 118:22-23) \v 18 जो कोई उस पत्थर पर गिरेगा वह चकनाचूर हो जाएगा*, और जिस पर वह गिरेगा, उसको पीस डालेगा।” (दानि. 2:34-35) शास्त्रियों और प्रधान याजकों की चाल \ No newline at end of file +वही कोने का सिरा हो गया।’ (भज. 118:22-23) \v 18 जो कोई उस पत्थर पर गिरेगा वह चकनाचूर हो जाएगा*, और जिस पर वह गिरेगा, उसको पीस डालेगा।” (दानि. 2:34-35) +शास्त्रियों और प्रधान याजकों की चाल \ No newline at end of file diff --git a/20/25.txt b/20/25.txt index 371a61f..71e59c9 100644 --- a/20/25.txt +++ b/20/25.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 25 उसने उनसे कहा, “तो जो कैसर का है, वह कैसर को दो और जो परमेश्‍वर का है, वह परमेश्‍वर को दो।” \v 26 वे लोगों के सामने उस बात को पकड़ न सके, वरन् उसके उत्तर से अचम्भित होकर चुप रह गए। पुनरुत्थान और विवाह \ No newline at end of file +\v 25 उसने उनसे कहा, “तो जो कैसर का है, वह कैसर को दो और जो परमेश्‍वर का है, वह परमेश्‍वर को दो।” \v 26 वे लोगों के सामने उस बात को पकड़ न सके, वरन् उसके उत्तर से अचम्भित होकर चुप रह गए। +पुनरुत्थान और विवाह \ No newline at end of file diff --git a/20/39.txt b/20/39.txt index c964836..7acc91e 100644 --- a/20/39.txt +++ b/20/39.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 39 तब यह सुनकर शास्त्रियों में से कितनों ने कहा, “हे गुरु, तूने अच्छा कहा।” \v 40 और उन्हें फिर उससे कुछ और पूछने का साहस न हुआ*। मसीह दाऊद का पुत्र या दाऊद का प्रभु है? \ No newline at end of file +\v 39 तब यह सुनकर शास्त्रियों में से कितनों ने कहा, “हे गुरु, तूने अच्छा कहा।” \v 40 और उन्हें फिर उससे कुछ और पूछने का साहस न हुआ*। +मसीह दाऊद का पुत्र या दाऊद का प्रभु है? \ No newline at end of file diff --git a/20/41.txt b/20/41.txt index 29094ee..7c78b19 100644 --- a/20/41.txt +++ b/20/41.txt @@ -1,3 +1,4 @@ \v 41 फिर उसने उनसे पूछा, “मसीह को दाऊद की सन्तान कैसे कहते हैं? \v 42 दाऊद आप भजन संहिता की पुस्तक में कहता है: ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, \v 43 मेरे दाहिने बैठ, -जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों तले की चौकी न कर दूँ।’ \v 44 दाऊद तो उसे प्रभु कहता है; तो फिर वह उसकी सन्तान कैसे ठहरा?” शास्त्रियों के विरुद्ध यीशु की चेतावनी \ No newline at end of file +जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों तले की चौकी न कर दूँ।’ \v 44 दाऊद तो उसे प्रभु कहता है; तो फिर वह उसकी सन्तान कैसे ठहरा?” +शास्त्रियों के विरुद्ध यीशु की चेतावनी \ No newline at end of file diff --git a/21/01.txt b/21/01.txt index c86ab6d..b84b01e 100644 --- a/21/01.txt +++ b/21/01.txt @@ -1 +1,2 @@ -\c 21 \v 1 फिर उसने आँख उठाकर धनवानों को अपना-अपना दान भण्डार में डालते हुए देखा। \v 2 और उसने एक कंगाल विधवा को भी उसमें दो दमड़ियाँ डालते हुए देखा। \v 3 तब उसने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि इस कंगाल विधवा ने सबसे बढ़कर डाला है। \v 4 क्योंकि उन सब ने अपनी-अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्तु इसने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है।” युग के अन्त के लक्षण \ No newline at end of file +\c 21 \v 1 फिर उसने आँख उठाकर धनवानों को अपना-अपना दान भण्डार में डालते हुए देखा। \v 2 और उसने एक कंगाल विधवा को भी उसमें दो दमड़ियाँ डालते हुए देखा। \v 3 तब उसने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि इस कंगाल विधवा ने सबसे बढ़कर डाला है। \v 4 क्योंकि उन सब ने अपनी-अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्तु इसने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है।” +युग के अन्त के लक्षण \ No newline at end of file diff --git a/21/16.txt b/21/16.txt index 51148b8..12a9d46 100644 --- a/21/16.txt +++ b/21/16.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 16 और तुम्हारे माता-पिता और भाई और कुटुम्ब, और मित्र भी तुम्हें पकड़वाएँगे; यहाँ तक कि तुम में से कितनों को मरवा डालेंगे। \v 17 और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे। \v 18 परन्तु तुम्हारे सिर का एक बाल भी बाँका न होगा*। (मत्ती 10:30, लूका 12:7) \v 19 “अपने धीरज से तुम अपने प्राणों को बचाए रखोगे। यरूशलेम का नाश \ No newline at end of file +\v 16 और तुम्हारे माता-पिता और भाई और कुटुम्ब, और मित्र भी तुम्हें पकड़वाएँगे; यहाँ तक कि तुम में से कितनों को मरवा डालेंगे। \v 17 और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे। \v 18 परन्तु तुम्हारे सिर का एक बाल भी बाँका न होगा*। (मत्ती 10:30, लूका 12:7) \v 19 “अपने धीरज से तुम अपने प्राणों को बचाए रखोगे। +यरूशलेम का नाश \ No newline at end of file diff --git a/21/23.txt b/21/23.txt index 0b57936..45952cf 100644 --- a/21/23.txt +++ b/21/23.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 23 उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उनके लिये हाय, हाय! क्योंकि देश में बड़ा क्लेश और इन लोगों पर बड़ी आपत्ति होगी। \v 24 वे तलवार के कौर हो जाएँगे, और सब देशों के लोगों में बन्धुए होकर पहुँचाए जाएँगे, और जब तक अन्यजातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्यजातियों से रौंदा जाएगा। (एज्रा 9:7, भज. 79:1, यशा. 63:18, यिर्म. 21:7, दानि. 9:26) यीशु के वापस आने का संकेत \ No newline at end of file +\v 23 उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उनके लिये हाय, हाय! क्योंकि देश में बड़ा क्लेश और इन लोगों पर बड़ी आपत्ति होगी। \v 24 वे तलवार के कौर हो जाएँगे, और सब देशों के लोगों में बन्धुए होकर पहुँचाए जाएँगे, और जब तक अन्यजातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्यजातियों से रौंदा जाएगा। (एज्रा 9:7, भज. 79:1, यशा. 63:18, यिर्म. 21:7, दानि. 9:26) +यीशु के वापस आने का संकेत \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index b89857c..52f0098 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -325,47 +325,35 @@ "19-20", "19-22", "19-24", - "19-26", "19-28", "19-29", "19-32", - "19-37", - "19-39", "19-41", - "19-43", "19-45", "19-47", "20-title", "20-01", "20-03", "20-05", - "20-07", "20-09", "20-11", "20-13", "20-15", - "20-17", "20-19", "20-21", "20-23", - "20-25", "20-27", "20-29", "20-34", "20-37", - "20-39", - "20-41", "20-45", "21-title", - "21-01", "21-05", "21-07", "21-10", "21-12", "21-14", - "21-16", "21-20", - "21-23", "21-25", "21-27", "21-29",