diff --git a/16/13.txt b/16/13.txt index fc3d321..c64978e 100644 --- a/16/13.txt +++ b/16/13.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 13 “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्‍वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” -परमेश्‍वर के राज्य का मूल्य \ No newline at end of file +\v 13 “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्‍वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” \ No newline at end of file diff --git a/16/14.txt b/16/14.txt index 2b26b5e..9eb2682 100644 --- a/16/14.txt +++ b/16/14.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 14 फरीसी जो लोभी थे, ये सब बातें सुनकर उसका उपहास करने लगे। \v 15 उसने उनसे कहा, “तुम तो मनुष्यों के सामने अपने आप को धर्मी ठहराते हो, परन्तु परमेश्‍वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्‍वर के निकट घृणित है। \ No newline at end of file +\s परमेश्‍वर के राज्य का मूल्य +\p \v 14 फरीसी जो लोभी थे, ये सब बातें सुनकर उसका उपहास करने लगे। \v 15 उसने उनसे कहा, “तुम तो मनुष्यों के सामने अपने आप को धर्मी ठहराते हो, परन्तु परमेश्‍वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्‍वर के निकट घृणित है। \ No newline at end of file diff --git a/16/18.txt b/16/18.txt index 3006b59..5ee7e6a 100644 --- a/16/18.txt +++ b/16/18.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 18 “जो कोई अपनी पत्‍नी को त्याग कर दूसरी से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो कोई ऐसी त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, वह भी व्यभिचार करता है। -धनवान व्यक्ति और गरीब लाज़र \ No newline at end of file +\v 18 “जो कोई अपनी पत्‍नी को त्याग कर दूसरी से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो कोई ऐसी त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, वह भी व्यभिचार करता है। \ No newline at end of file diff --git a/16/19.txt b/16/19.txt index ccd5eff..f89ca93 100644 --- a/16/19.txt +++ b/16/19.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 19 “एक धनवान मनुष्य था जो बैंगनी कपड़े और मलमल पहनता और प्रति-दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था। \v 20 और लाज़र* नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उसकी डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था। \v 21 और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन् कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे। \ No newline at end of file +\s धनवान व्यक्ति और गरीब लाज़र +\p \v 19 “एक धनवान मनुष्य था जो बैंगनी कपड़े और मलमल पहनता और प्रति-दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था। \v 20 और लाज़र* नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उसकी डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था। \v 21 और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन् कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे। \ No newline at end of file diff --git a/17/03.txt b/17/03.txt index 13a3983..df78d4a 100644 --- a/17/03.txt +++ b/17/03.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 3 सचेत रहो; यदि तेरा भाई अपराध करे तो उसे डाँट, और यदि पछताए तो उसे क्षमा कर। \v 4 यदि दिन भर में वह सात बार तेरा अपराध करे और सातों बार तेरे पास फिर आकर कहे, कि मैं पछताता हूँ, तो उसे क्षमा कर।” -तुम्हारा विश्वास कितना बड़ा है? \ No newline at end of file +\v 3 सचेत रहो; यदि तेरा भाई अपराध करे तो उसे डाँट, और यदि पछताए तो उसे क्षमा कर। \v 4 यदि दिन भर में वह सात बार तेरा अपराध करे और सातों बार तेरे पास फिर आकर कहे, कि मैं पछताता हूँ, तो उसे क्षमा कर।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index c774b8e..6b92427 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -313,11 +313,7 @@ "16-05", "16-08", "16-10", - "16-13", - "16-14", "16-16", - "16-18", - "16-19", "16-22", "16-24", "16-25", @@ -325,7 +321,6 @@ "16-29", "17-title", "17-01", - "17-03", "17-05", "17-07", "17-09",