From 2d9be3ce814b02848a5ce844af52f9f862a499c3 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Mon, 2 Dec 2024 15:57:53 +0530 Subject: [PATCH] Mon Dec 02 2024 15:57:53 GMT+0530 (India Standard Time) --- 08/24.txt | 2 +- 08/38.txt | 2 +- 09/05.txt | 2 +- 09/07.txt | 2 +- 09/15.txt | 2 +- 09/20.txt | 2 +- 6 files changed, 6 insertions(+), 6 deletions(-) diff --git a/08/24.txt b/08/24.txt index 424dc82..87efa1f 100644 --- a/08/24.txt +++ b/08/24.txt @@ -1 +1 @@ -\v 24 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, “स्वामी! स्वामी! हम नाश हुए जाते हैं।” तब उसने उठकर आँधी को और पानी की लहरों को डाँटा और वे थम गए, और शान्त हो गया। \v 25 और उसने उनसे कहा, “तुम्हारा विश्वास कहाँ था?” पर वे डर गए, और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, “यह कौन है, जो आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उसकी मानते हैं?” \ No newline at end of file +\v 24 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, “स्वामी! स्वामी! हम नाश हुए जाते हैं।” तब उसने उठकर आँधी को और पानी की लहरों को डाँटा और वे थम गए, और शान्त हो गया। \v 25 और उसने उनसे कहा, “तुम्हारा विश्वास कहाँ था?” पर वे डर गए, और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, “यह कौन है, जो आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उसकी मानते हैं?” दुष्टात्माओं का बाहर निकाला जाना \ No newline at end of file diff --git a/08/38.txt b/08/38.txt index 993e439..4ba4463 100644 --- a/08/38.txt +++ b/08/38.txt @@ -1 +1 @@ -\v 38 जिस मनुष्य से दुष्टात्माएँ निकली थीं वह उससे विनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे, परन्तु यीशु ने उसे विदा करके कहा, \v 39 “अपने घर में लौट जा और लोगों से कह दे, कि परमेश्‍वर ने तेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं।” वह जाकर सारे नगर में प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए। \ No newline at end of file +\v 38 जिस मनुष्य से दुष्टात्माएँ निकली थीं वह उससे विनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे, परन्तु यीशु ने उसे विदा करके कहा, \v 39 “अपने घर में लौट जा और लोगों से कह दे, कि परमेश्‍वर ने तेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं।” वह जाकर सारे नगर में प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए। रोगी स्त्री और मृत लड़की को जीवनदान \ No newline at end of file diff --git a/09/05.txt b/09/05.txt index a6e01b6..b140a7a 100644 --- a/09/05.txt +++ b/09/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 जो कोई तुम्हें ग्रहण न करेगा उस नगर से निकलते हुए अपने पाँवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।” \v 6 अतः वे निकलकर गाँव-गाँव सुसमाचार सुनाते, और हर कहीं लोगों को चंगा करते हुए फिरते रहे। \ No newline at end of file +\v 5 जो कोई तुम्हें ग्रहण न करेगा उस नगर से निकलते हुए अपने पाँवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।” \v 6 अतः वे निकलकर गाँव-गाँव सुसमाचार सुनाते, और हर कहीं लोगों को चंगा करते हुए फिरते रहे। हेरोदेस का घबराना \ No newline at end of file diff --git a/09/07.txt b/09/07.txt index 32acb2a..da0e23d 100644 --- a/09/07.txt +++ b/09/07.txt @@ -1 +1 @@ -\v 7 और देश की चौथाई का राजा हेरोदेस यह सब सुनकर घबरा गया, क्योंकि कितनों ने कहा, कि यूहन्ना मरे हुओं में से जी उठा है। \v 8 और कितनों ने यह, कि एलिय्याह दिखाई दिया है: औरों ने यह, कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है। \v 9 परन्तु हेरोदेस ने कहा, “यूहन्ना का तो मैंने सिर कटवाया अब यह कौन है, जिसके विषय में ऐसी बातें सुनता हूँ?” और उसने उसे देखने की इच्छा की। \ No newline at end of file +\v 7 और देश की चौथाई का राजा हेरोदेस यह सब सुनकर घबरा गया, क्योंकि कितनों ने कहा, कि यूहन्ना मरे हुओं में से जी उठा है। \v 8 और कितनों ने यह, कि एलिय्याह दिखाई दिया है: औरों ने यह, कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है। \v 9 परन्तु हेरोदेस ने कहा, “यूहन्ना का तो मैंने सिर कटवाया अब यह कौन है, जिसके विषय में ऐसी बातें सुनता हूँ?” और उसने उसे देखने की इच्छा की। पाँच हजार लोगों को खिलाना \ No newline at end of file diff --git a/09/15.txt b/09/15.txt index f6ddf87..87590d4 100644 --- a/09/15.txt +++ b/09/15.txt @@ -1 +1 @@ -\v 15 उन्होंने ऐसा ही किया, और सब को बैठा दिया। \v 16 तब उसने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं, और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया, और तोड़-तोड़कर चेलों को देता गया कि लोगों को परोसें। \v 17 अतः सब खाकर तृप्त हुए, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरियाँ भरकर उठाई। (2 राजा. 4:44) \ No newline at end of file +\v 15 उन्होंने ऐसा ही किया, और सब को बैठा दिया। \v 16 तब उसने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं, और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया, और तोड़-तोड़कर चेलों को देता गया कि लोगों को परोसें। \v 17 अतः सब खाकर तृप्त हुए, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरियाँ भरकर उठाई। (2 राजा. 4:44) पतरस का यीशु को मसीह स्वीकारना \ No newline at end of file diff --git a/09/20.txt b/09/20.txt index af7d9fd..5790d28 100644 --- a/09/20.txt +++ b/09/20.txt @@ -1 +1 @@ -\v 20 उसने उनसे पूछा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने उत्तर दिया, “परमेश्‍वर का मसीह*।” \v 21 तब उसने उन्हें चेतावनी देकर कहा, “यह किसी से न कहना।” \v 22 और उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे।” \ No newline at end of file +\v 20 उसने उनसे पूछा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने उत्तर दिया, “परमेश्‍वर का मसीह*।” \v 21 तब उसने उन्हें चेतावनी देकर कहा, “यह किसी से न कहना।” \v 22 और उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे।” यीशु के पीछे चलने का मतलब \ No newline at end of file