From 1e15482c20297f9bc370f1cc1a7f7a263b8d0e78 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 17 Dec 2024 18:45:48 +0530 Subject: [PATCH] Tue Dec 17 2024 18:45:47 GMT+0530 (India Standard Time) --- 22/01.txt | 3 +-- 22/03.txt | 3 ++- 22/12.txt | 3 +-- 22/14.txt | 3 ++- 22/28.txt | 3 +-- 22/31.txt | 3 ++- 22/33.txt | 3 +-- 22/35.txt | 3 ++- manifest.json | 7 ------- 9 files changed, 12 insertions(+), 19 deletions(-) diff --git a/22/01.txt b/22/01.txt index 0fa8742..63c7550 100644 --- a/22/01.txt +++ b/22/01.txt @@ -1,2 +1 @@ -\c 22 \v 1 अख़मीरी रोटी का पर्व जो फसह कहलाता है, निकट था। \v 2 और प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसको कैसे मार डालें, पर वे लोगों से डरते थे। -यहूदा इस्करियोती का विश्वासघात \ No newline at end of file +\c 22 \v 1 अख़मीरी रोटी का पर्व जो फसह कहलाता है, निकट था। \v 2 और प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसको कैसे मार डालें, पर वे लोगों से डरते थे। \ No newline at end of file diff --git a/22/03.txt b/22/03.txt index 37ab5b2..c0e086e 100644 --- a/22/03.txt +++ b/22/03.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 3 और शैतान यहूदा में समाया*, जो इस्करियोती कहलाता और बारह चेलों में गिना जाता था। \v 4 उसने जाकर प्रधान याजकों और पहरुओं के सरदारों के साथ बातचीत की, कि उसको किस प्रकार उनके हाथ पकड़वाए। \ No newline at end of file +\s यहूदा इस्करियोती का विश्वासघात +\p \v 3 और शैतान यहूदा में समाया*, जो इस्करियोती कहलाता और बारह चेलों में गिना जाता था। \v 4 उसने जाकर प्रधान याजकों और पहरुओं के सरदारों के साथ बातचीत की, कि उसको किस प्रकार उनके हाथ पकड़वाए। \ No newline at end of file diff --git a/22/12.txt b/22/12.txt index 886d61d..deb1e3e 100644 --- a/22/12.txt +++ b/22/12.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 12 वह तुम्हें एक सजी-सजाई बड़ी अटारी दिखा देगा; वहाँ तैयारी करना। \v 13 उन्होंने जाकर, जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया। -प्रभु का अन्तिम भोज \ No newline at end of file +\v 12 वह तुम्हें एक सजी-सजाई बड़ी अटारी दिखा देगा; वहाँ तैयारी करना। \v 13 उन्होंने जाकर, जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया। \ No newline at end of file diff --git a/22/14.txt b/22/14.txt index 0de79ae..0ef1517 100644 --- a/22/14.txt +++ b/22/14.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 14 जब घड़ी पहुँची, तो वह प्रेरितों के साथ भोजन करने बैठा। \v 15 और उसने उनसे कहा, “मुझे बड़ी लालसा थी, कि दुःख-भोगने से पहले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊँ। \v 16 क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक वह परमेश्‍वर के राज्य में पूरा न हो तब तक मैं उसे कभी न खाऊँगा।” \ No newline at end of file +\s प्रभु का अन्तिम भोज +\p \v 14 जब घड़ी पहुँची, तो वह प्रेरितों के साथ भोजन करने बैठा। \v 15 और उसने उनसे कहा, “मुझे बड़ी लालसा थी, कि दुःख-भोगने से पहले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊँ। \v 16 क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक वह परमेश्‍वर के राज्य में पूरा न हो तब तक मैं उसे कभी न खाऊँगा।” \ No newline at end of file diff --git a/22/28.txt b/22/28.txt index e862a54..2693921 100644 --- a/22/28.txt +++ b/22/28.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 28 “परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे; \v 29 और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है, वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूँ। \v 30 ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पीओ; वरन् सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो। -पतरस के इन्कार की भविष्यद्वाणी \ No newline at end of file +\v 28 “परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे; \v 29 और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है, वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूँ। \v 30 ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पीओ; वरन् सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो। \ No newline at end of file diff --git a/22/31.txt b/22/31.txt index 50e6719..55fbbdc 100644 --- a/22/31.txt +++ b/22/31.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 31 “शमौन, हे शमौन, शैतान ने तुम लोगों को माँग लिया है कि गेंहूँ के समान फटके*। \v 32 परन्तु मैंने तेरे लिये विनती की, कि तेरा विश्वास न जाए और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।” \ No newline at end of file +\s पतरस के इन्कार की भविष्यद्वाणी +\p \v 31 “शमौन, हे शमौन, शैतान ने तुम लोगों को माँग लिया है कि गेंहूँ के समान फटके*। \v 32 परन्तु मैंने तेरे लिये विनती की, कि तेरा विश्वास न जाए और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।” \ No newline at end of file diff --git a/22/33.txt b/22/33.txt index a3ff966..6763378 100644 --- a/22/33.txt +++ b/22/33.txt @@ -1,2 +1 @@ -\v 33 उसने उससे कहा, “हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्दीगृह जाने, वरन् मरने को भी तैयार हूँ।” \v 34 उसने कहा, “हे पतरस मैं तुझ से कहता हूँ, कि आज मुर्गा तब बाँग देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्कार न कर लेगा कि तू मुझे नहीं जानता।” -यातना सहने को तैयार रहो \ No newline at end of file +\v 33 उसने उससे कहा, “हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्दीगृह जाने, वरन् मरने को भी तैयार हूँ।” \v 34 उसने कहा, “हे पतरस मैं तुझ से कहता हूँ, कि आज मुर्गा तब बाँग देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्कार न कर लेगा कि तू मुझे नहीं जानता।” \ No newline at end of file diff --git a/22/35.txt b/22/35.txt index 78770d8..b39d2b1 100644 --- a/22/35.txt +++ b/22/35.txt @@ -1 +1,2 @@ -\v 35 और उसने उनसे कहा, “जब मैंने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्या तुम को किसी वस्तु की घटी हुई थी?” उन्होंने कहा, “किसी वस्तु की नहीं।” \v 36 उसने उनसे कहा, “परन्तु अब जिसके पास बटुआ हो वह उसे ले, और वैसे ही झोली भी, और जिसके पास तलवार न हो वह अपने कपड़े बेचकर एक मोल ले। \ No newline at end of file + +\p \v 35 और उसने उनसे कहा, “जब मैंने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्या तुम को किसी वस्तु की घटी हुई थी?” उन्होंने कहा, “किसी वस्तु की नहीं।” \v 36 उसने उनसे कहा, “परन्तु अब जिसके पास बटुआ हो वह उसे ले, और वैसे ही झोली भी, और जिसके पास तलवार न हो वह अपने कपड़े बेचकर एक मोल ले। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 2b42325..6294430 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -377,21 +377,14 @@ "21-36", "21-37", "22-title", - "22-03", "22-05", "22-07", "22-10", - "22-12", - "22-14", "22-17", "22-19", "22-21", "22-24", "22-26", - "22-28", - "22-31", - "22-33", - "22-35", "22-37", "22-39", "22-41",