From 104b80ced0721186f3d4085dd72e952f9f505a52 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Sat, 23 Nov 2024 08:47:36 +0530 Subject: [PATCH] Sat Nov 23 2024 08:47:36 GMT+0530 (India Standard Time) --- 20/01.txt | 1 + 20/03.txt | 1 + 20/05.txt | 1 + 20/07.txt | 1 + 20/09.txt | 1 + 20/11.txt | 1 + 20/13.txt | 1 + 20/15.txt | 1 + 20/17.txt | 4 ++++ manifest.json | 10 +++++++++- 10 files changed, 21 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 20/01.txt create mode 100644 20/03.txt create mode 100644 20/05.txt create mode 100644 20/07.txt create mode 100644 20/09.txt create mode 100644 20/11.txt create mode 100644 20/13.txt create mode 100644 20/15.txt create mode 100644 20/17.txt diff --git a/20/01.txt b/20/01.txt new file mode 100644 index 0000000..865e8ed --- /dev/null +++ b/20/01.txt @@ -0,0 +1 @@ +\c 20 \v 1 एक दिन ऐसा हुआ कि जब वह मन्दिर में लोगों को उपदेश देता और सुसमाचार सुना रहा था, तो प्रधान याजक और शास्त्री, प्राचीनों के साथ पास आकर खड़े हुए। \v 2 और कहने लगे, “हमें बता, तू इन कामों को किस अधिकार से करता है, और वह कौन है, जिसने तुझे यह अधिकार दिया है?” \ No newline at end of file diff --git a/20/03.txt b/20/03.txt new file mode 100644 index 0000000..5c23396 --- /dev/null +++ b/20/03.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 3 उसने उनको उत्तर दिया, “मैं भी तुम से एक बात पूछता हूँ; मुझे बताओ \v 4 यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग की ओर से था या मनुष्यों की ओर से था?” \ No newline at end of file diff --git a/20/05.txt b/20/05.txt new file mode 100644 index 0000000..afac651 --- /dev/null +++ b/20/05.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 5 तब वे आपस में कहने लगे, “यदि हम कहें, ‘स्वर्ग की ओर से,’ तो वह कहेगा; ‘फिर तुम ने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?’ \v 6 और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो सब लोग हमें पत्थराव करेंगे, क्योंकि वे सचमुच जानते हैं, कि यूहन्ना भविष्यद्वक्ता था।” \ No newline at end of file diff --git a/20/07.txt b/20/07.txt new file mode 100644 index 0000000..6792e63 --- /dev/null +++ b/20/07.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 7 अतः उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं जानते, कि वह किस की ओर से था।” \v 8 यीशु ने उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता कि मैं ये काम किस अधिकार से करता हूँ।” \ No newline at end of file diff --git a/20/09.txt b/20/09.txt new file mode 100644 index 0000000..7fa7fbb --- /dev/null +++ b/20/09.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 9 तब वह लोगों से यह दृष्टान्त कहने लगा, “किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और किसानों को उसका ठेका दे दिया और बहुत दिनों के लिये परदेश चला गया। (मर. 12:1-12, मत्ती 21:33-46) \v 10 नियुक्त समय पर उसने किसानों के पास एक दास को भेजा, कि वे दाख की बारी के कुछ फलों का भाग उसे दें, पर किसानों ने उसे पीटकर खाली हाथ लौटा दिया। \ No newline at end of file diff --git a/20/11.txt b/20/11.txt new file mode 100644 index 0000000..07bd878 --- /dev/null +++ b/20/11.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 11 फिर उसने एक और दास को भेजा, ओर उन्होंने उसे भी पीटकर और उसका अपमान करके खाली हाथ लौटा दिया। \v 12 फिर उसने तीसरा भेजा, और उन्होंने उसे भी घायल करके निकाल दिया। \ No newline at end of file diff --git a/20/13.txt b/20/13.txt new file mode 100644 index 0000000..f0fcf42 --- /dev/null +++ b/20/13.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 13 तब दाख की बारी के स्वामी ने कहा, ‘मैं क्या करूँ? मैं अपने प्रिय पुत्र को भेजूँगा, क्या जाने वे उसका आदर करें।’ \v 14 जब किसानों ने उसे देखा तो आपस में विचार करने लगे, ‘यह तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, कि विरासत हमारी हो जाए।’ \ No newline at end of file diff --git a/20/15.txt b/20/15.txt new file mode 100644 index 0000000..699aae3 --- /dev/null +++ b/20/15.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 15 और उन्होंने उसे दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला: इसलिए दाख की बारी का स्वामी उनके साथ क्या करेगा? \v 16 वह आकर उन किसानों को नाश करेगा, और दाख की बारी दूसरों को सौंपेगा।” यह सुनकर उन्होंने कहा, “परमेश्‍वर ऐसा न करे।” \ No newline at end of file diff --git a/20/17.txt b/20/17.txt new file mode 100644 index 0000000..16b6214 --- /dev/null +++ b/20/17.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +\v 17 उसने उनकी ओर देखकर कहा, “फिर यह क्या लिखा है: +‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, +वही कोने का सिरा हो गया।’ (भज. 118:22-23) +\v 18 जो कोई उस पत्थर पर गिरेगा वह चकनाचूर हो जाएगा*, और जिस पर वह गिरेगा, उसको पीस डालेगा।” (दानि. 2:34-35) diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 3727926..0f4f6fc 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -431,6 +431,14 @@ "19-43", "19-45", "19-47", - "20-title" + "20-title", + "20-01", + "20-03", + "20-05", + "20-07", + "20-09", + "20-11", + "20-13", + "20-15" ] } \ No newline at end of file